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करसोग सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से मरीज परेशान, स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बावजूद समस्या बरकरार

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Published : Aug 30, 2019, 8:37 AM IST

करसोग के सिविल अस्पताल में पिछले कई सालों से रिक्त पड़े डॉक्टरों के पदों को लेकर जनता ने शुक्रवार को अस्पताल के समीप धरना प्रदर्शन करने जा रही है. सिविल अस्पताल में 150 बिस्तरों की सुविधा है, लेकिन सिर्फ 5 डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है.

करसोग सिविल अस्पताल

मंडी: करसोग के सिविल अस्पताल में पिछले कई सालों से रिक्त पड़े डॉक्टरों के पदों को लेकर लोगों में भारी नाराजगी है. इस सिलसिले में गुस्से लोग शुक्रवार को अस्पताल के समीप धरना प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं, जिसमें युवक मंडल, महिला मंडल सहित स्थानीय लोग हिस्सा लेंगे.

करोड़ों की लागत से निर्मित करसोग सिविल अस्पताल में 150 बिस्तरों की सुविधा है. जिसको देखते हुए सरकार ने यहां 16 डॉक्टरों के पद सेंक्शन किए हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि पहले ही डॉक्टरों की इतनी कमी के बाद भी सरकार ने यहां एक डॉक्टर का तबादला कर दिया है. ऐसे में अब यहां केवल 5 ही डॉक्टर तैनात हैं, जिसमें एक डॉक्टर पहले ही मातृत्व अवकाश पर हैं.

सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान ने बताया कि करसोग में डॉक्टरों की कमी के कारण लोग परेशान हैं. इसलिए यहां की जनता, महिला मंडल, युवक मंडल सहित अन्य संगठन 30 अगस्त को सुबह अस्पताल के समीप धरना देंगे. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर डॉक्टरों के पद नहीं भरे गए तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन होगा.

करसोग सिविल अस्पताल के बीएमओ डॉ. राकेश प्रताप ने बताया कि सरकार ने जिन चार डॉक्टरों को अस्पताल में सेवाएं देने के आदेश जारी किए थे, उसमें से किसी भी डॉक्टर ने ज्वाइन नहीं किया. उन्होंने बताया कि यहां से एक डॉक्टर का तबादला भी हो गया है, जिससे परेशानी और अधिक बढ़ गई है.

बता दें कि 27 अगस्त को एसडीएम के माध्यम से स्थानीय लोगों ने ज्ञापन सौंपा था, जिसमें सरकार को 3 दिनों में डॉक्टर भेजे जाने का अल्टीमेटम दिया गया था. इससे पहले क्षेत्र की जनता ने पिछले साल 1 जुलाई को माहूंनाग में आयोजित हुए जनमंच कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के सामने भी इस मामले को उठाया था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद भी डॉक्टरों को कमी जस की तस है.

मंडी: करसोग के सिविल अस्पताल में पिछले कई सालों से रिक्त पड़े डॉक्टरों के पदों को लेकर लोगों में भारी नाराजगी है. इस सिलसिले में गुस्से लोग शुक्रवार को अस्पताल के समीप धरना प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं, जिसमें युवक मंडल, महिला मंडल सहित स्थानीय लोग हिस्सा लेंगे.

करोड़ों की लागत से निर्मित करसोग सिविल अस्पताल में 150 बिस्तरों की सुविधा है. जिसको देखते हुए सरकार ने यहां 16 डॉक्टरों के पद सेंक्शन किए हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि पहले ही डॉक्टरों की इतनी कमी के बाद भी सरकार ने यहां एक डॉक्टर का तबादला कर दिया है. ऐसे में अब यहां केवल 5 ही डॉक्टर तैनात हैं, जिसमें एक डॉक्टर पहले ही मातृत्व अवकाश पर हैं.

सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान ने बताया कि करसोग में डॉक्टरों की कमी के कारण लोग परेशान हैं. इसलिए यहां की जनता, महिला मंडल, युवक मंडल सहित अन्य संगठन 30 अगस्त को सुबह अस्पताल के समीप धरना देंगे. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर डॉक्टरों के पद नहीं भरे गए तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन होगा.

करसोग सिविल अस्पताल के बीएमओ डॉ. राकेश प्रताप ने बताया कि सरकार ने जिन चार डॉक्टरों को अस्पताल में सेवाएं देने के आदेश जारी किए थे, उसमें से किसी भी डॉक्टर ने ज्वाइन नहीं किया. उन्होंने बताया कि यहां से एक डॉक्टर का तबादला भी हो गया है, जिससे परेशानी और अधिक बढ़ गई है.

बता दें कि 27 अगस्त को एसडीएम के माध्यम से स्थानीय लोगों ने ज्ञापन सौंपा था, जिसमें सरकार को 3 दिनों में डॉक्टर भेजे जाने का अल्टीमेटम दिया गया था. इससे पहले क्षेत्र की जनता ने पिछले साल 1 जुलाई को माहूंनाग में आयोजित हुए जनमंच कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के सामने भी इस मामले को उठाया था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद भी डॉक्टरों को कमी जस की तस है.

Intro:डॉक्टरों के पद न भरे जाने से नाराज करसोग की जनता शुक्रवार को सुबह 11 बजे अस्पताल के समीप धरना प्रदर्शन करेगी। इसमें युवक मंडल, महिला मंडल सहित स्थानीय लोग भाग लेंगे।Body:
सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के पद खाली, यहां की नाराज जनता करेगी धरना प्रदर्शन
करसोग
करसोग के सिविल अस्पताल में पिछले कई सालों से रिक्त पड़े डॉक्टरों के पदों को लेकर जनता का सब्र अब जवाब दे दिया है। डॉक्टरों के पद न भरे जाने से नाराज करसोग की जनता शुक्रवार को सुबह 11 बजे अस्पताल के समीप धरना प्रदर्शन करेगी। इसमें युवक मंडल, महिला मंडल सहित स्थानीय लोग भाग लेंगे। इस बारे में लोगों ने 27 अगस्त को एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन सौंपा था। जिसमें सरकार को 3 दिनों में डॉक्टर भेजे जाने का अल्टीमेटम दिया गया था। ये समय 30 अगस्त को खत्म हो रहा है, लेकिन सरकार ने अभी तक एक भी डॉक्टर नहीं भेजा है। इसको देखते अब लोगों ने सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया है।

150 बिस्तरों का अस्पताल में केवल 4 डॉक्टर:
करोड़ों की लागत से निर्मित करसोग सिविल अस्पताल में 150 बिस्तरों की सुविधा है। इसको देखते हुए सरकार ने यहां 16 डॉक्टरों के पद सेंक्शन किए हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि पहले ही डॉक्टरों की इतनी कमी के बाद भी सरकार ने यहां एक डॉक्टर का तबादला कर दिया। ऐसे में अब यहां केवल 5 ही डॉक्टर व्यवस्था को देखेंगे। इसमें भी एक डॉक्टर पहले ही मातृत्व अवकाश पर है। इस तरह से वर्तमान में स्वास्थ्य व्यवस्था केवल 4 डॉक्टरों के सहारे रहेगी। ऐसे में लोगों को घंटों बाहर लाइनों में खड़े रह कर अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ रहा है। क्षेत्र की जनता ने पिछले साल 1 जुलाई को माहूंनाग में आयोजित हुए जनमंच कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के सामने भी इस मामले को उठाया था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद भी डॉक्टरों को कमी जस की तस है।

धरना प्रदर्शन करेंगे लोग: चौहान
सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान का कहना है कि करसोग में डॉक्टरों की कमी के कारण लोग परेशान है। इसलिए यहां की जनता सहित महिला मंडल युवक मंडल सहित अन्य संगठन 30 अगस्त को सुबह 11 बजे अस्पताल के समीप धरना देंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर डॉक्टरों के पद नहीं भरे गए तो आने वाले दिनों में और भी उग्र आंदोलन होगा। Conclusion:सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान का कहना है कि करसोग में डॉक्टरों की कमी के कारण लोग परेशान है। इसलिए यहां की जनता सहित महिला मंडल युवक मंडल सहित अन्य संगठन 30 अगस्त को सुबह 11 बजे अस्पताल के समीप धरना देंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर डॉक्टरों के पद नहीं भरे गए तो आने वाले दिनों में और भी उग्र आंदोलन होगा।
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