मंडी: करसोग के सिविल अस्पताल में पिछले कई सालों से रिक्त पड़े डॉक्टरों के पदों को लेकर लोगों में भारी नाराजगी है. इस सिलसिले में गुस्से लोग शुक्रवार को अस्पताल के समीप धरना प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं, जिसमें युवक मंडल, महिला मंडल सहित स्थानीय लोग हिस्सा लेंगे.
करोड़ों की लागत से निर्मित करसोग सिविल अस्पताल में 150 बिस्तरों की सुविधा है. जिसको देखते हुए सरकार ने यहां 16 डॉक्टरों के पद सेंक्शन किए हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि पहले ही डॉक्टरों की इतनी कमी के बाद भी सरकार ने यहां एक डॉक्टर का तबादला कर दिया है. ऐसे में अब यहां केवल 5 ही डॉक्टर तैनात हैं, जिसमें एक डॉक्टर पहले ही मातृत्व अवकाश पर हैं.
सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान ने बताया कि करसोग में डॉक्टरों की कमी के कारण लोग परेशान हैं. इसलिए यहां की जनता, महिला मंडल, युवक मंडल सहित अन्य संगठन 30 अगस्त को सुबह अस्पताल के समीप धरना देंगे. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर डॉक्टरों के पद नहीं भरे गए तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन होगा.
करसोग सिविल अस्पताल के बीएमओ डॉ. राकेश प्रताप ने बताया कि सरकार ने जिन चार डॉक्टरों को अस्पताल में सेवाएं देने के आदेश जारी किए थे, उसमें से किसी भी डॉक्टर ने ज्वाइन नहीं किया. उन्होंने बताया कि यहां से एक डॉक्टर का तबादला भी हो गया है, जिससे परेशानी और अधिक बढ़ गई है.
बता दें कि 27 अगस्त को एसडीएम के माध्यम से स्थानीय लोगों ने ज्ञापन सौंपा था, जिसमें सरकार को 3 दिनों में डॉक्टर भेजे जाने का अल्टीमेटम दिया गया था. इससे पहले क्षेत्र की जनता ने पिछले साल 1 जुलाई को माहूंनाग में आयोजित हुए जनमंच कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के सामने भी इस मामले को उठाया था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद भी डॉक्टरों को कमी जस की तस है.