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हत्या मामले में फरार पूर्व DGP की तलाश में सुंदरनगर पहुंची पंजाब पुलिस, नहीं मिला सुमेध सिंह सैनी

पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी पर हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद पंजाब पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की सभी प्रक्रियाएं तेज कर दी हैं. पंजाब पुलिस की टीमें सुमेध सिंह सैनी के सभी ठिकानों पर छापेमारी के लिए जुट गई हैं.

punjab police reached sundernagar
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Published : Aug 28, 2020, 4:28 PM IST

सुंदरनगर/मंडीः पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी पर हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद पंजाब पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की सभी प्रक्रियाएं तेज कर दी हैं. पंजाब पुलिस की टीमें सुमेध सिंह सैनी के सभी ठिकानों पर छापेमारी के लिए जुट गई हैं.

इसी बीच शुक्रवार को मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत बाढ़ो रोहाड़ा के जंखरी गांव स्थित उनके फार्म हाउस के साथ बने उनके घर पर छापेमारी की लेकिन पूर्व डीजीपी सैनी वहां नहीं मिले. काफी देर तक पुलिस टीम द्वारा स्थानीय लोगों से बातचीत की गई और उस के बाद पुलिस टीम वापस लौट गई. इस के साथ पूर्व डीजीपी की तलाश में पुलिस टीम प्रदेश में शिमला जिला के साथ और भी गई जगहों पर उन्हें तलाश रही है.

सुंदरनगर के नहरी में है फार्म हाउस

पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी सैनी ने लगभग तीन दशक पहले मंडी जिला के उपमंडल सुंदरनगर निहरी क्षेत्र की बाढ़ो रोहाड़ा पंचायत के जंखरी गांव में फार्म हाउस खरीदा है और वह यहां कभी-कभी आते भी रहते हैं. लॉकडाउन के बीच उनके यहां आने की बात भी की जा रही थी. इसी के आधार पर पंजाब पुलिस की टीम ने यह छापेमारी की है, लेकिन पुलिस की इस छापेमारी के बारे में मंडी जिला पुलिस, निहरी पुलिस के साथ पंचायत प्रधान तक को कोई जानकारी नहीं है.

क्या है मामला

पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, दिवंगत डीएसपी सतबीर सिंह, रिटायर्ड एसपी बलदेव सिंह, रिटायर्ड इंस्पेक्टर हरसहाय, जगीर सिंह, अनोख सिंह और अन्यों के खिलाफ मटौर पुलिस थाने में अपहरण और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. यह मामला उस समय का है जब सुमेध सिंह सैनी चंडीगढ़ के एसएसपी के पद पर कार्यरत थे.

मुल्तानी को सुमेध सिंह सैनी पर चंडीगढ़ में हुए आतंकी हमले के बाद पकड़ा गया था. हमले में सैनी की सुरक्षा में तैनात चार पुलिकर्मी मारे गए थे. आरोप है कि 1991 में सैनी की हत्या के विफल प्रयास के बाद पुलिस ने मुल्तानी को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद बलवंत सिंह को जेल मे टार्चर किया गया, फिर बताया गया कि बलवंत सिंह गिरफ्त से भाग गया.

वहीं, परिजनों का कहना था कि बलवंत की पुलिस टॉर्चर से मौत हो गई थी. 2008 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों पर चंडीगढ़ सीबीआई ने इस मामले में प्रीलिमनरी इंक्वायरी शुरू की, जिसके बाद 2008 में सीबीआई ने सैणी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया.

बीते महीने हुआ था मामला दर्ज

वहीं, अब पंजाब पुलिस ने कुछ दिन सैनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 (अपहरण या हत्या के लिए अपहरण), 201 (साक्ष्य मिटाने के कारण), 344 (गलत तरीके से कारावास), 330 और 120बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज किया था. अब इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत भी मामला दर्ज कर लिया गया है, जिसके बाद पुलिस अब सुमेध सिंह सैनी की गिरफ्तारी करने में जुटी है.

ये भी पढ़ें- HRTC बस कंडक्टर ने दिव्यांग महिला से किया दुर्व्यवहार

ये भी पढ़ें- मंडियों में हाथों हाथ बिक रही सेब की नई किस्में, बागवान हो रहे मालामाल

सुंदरनगर/मंडीः पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी पर हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद पंजाब पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की सभी प्रक्रियाएं तेज कर दी हैं. पंजाब पुलिस की टीमें सुमेध सिंह सैनी के सभी ठिकानों पर छापेमारी के लिए जुट गई हैं.

इसी बीच शुक्रवार को मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत बाढ़ो रोहाड़ा के जंखरी गांव स्थित उनके फार्म हाउस के साथ बने उनके घर पर छापेमारी की लेकिन पूर्व डीजीपी सैनी वहां नहीं मिले. काफी देर तक पुलिस टीम द्वारा स्थानीय लोगों से बातचीत की गई और उस के बाद पुलिस टीम वापस लौट गई. इस के साथ पूर्व डीजीपी की तलाश में पुलिस टीम प्रदेश में शिमला जिला के साथ और भी गई जगहों पर उन्हें तलाश रही है.

सुंदरनगर के नहरी में है फार्म हाउस

पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी सैनी ने लगभग तीन दशक पहले मंडी जिला के उपमंडल सुंदरनगर निहरी क्षेत्र की बाढ़ो रोहाड़ा पंचायत के जंखरी गांव में फार्म हाउस खरीदा है और वह यहां कभी-कभी आते भी रहते हैं. लॉकडाउन के बीच उनके यहां आने की बात भी की जा रही थी. इसी के आधार पर पंजाब पुलिस की टीम ने यह छापेमारी की है, लेकिन पुलिस की इस छापेमारी के बारे में मंडी जिला पुलिस, निहरी पुलिस के साथ पंचायत प्रधान तक को कोई जानकारी नहीं है.

क्या है मामला

पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, दिवंगत डीएसपी सतबीर सिंह, रिटायर्ड एसपी बलदेव सिंह, रिटायर्ड इंस्पेक्टर हरसहाय, जगीर सिंह, अनोख सिंह और अन्यों के खिलाफ मटौर पुलिस थाने में अपहरण और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. यह मामला उस समय का है जब सुमेध सिंह सैनी चंडीगढ़ के एसएसपी के पद पर कार्यरत थे.

मुल्तानी को सुमेध सिंह सैनी पर चंडीगढ़ में हुए आतंकी हमले के बाद पकड़ा गया था. हमले में सैनी की सुरक्षा में तैनात चार पुलिकर्मी मारे गए थे. आरोप है कि 1991 में सैनी की हत्या के विफल प्रयास के बाद पुलिस ने मुल्तानी को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद बलवंत सिंह को जेल मे टार्चर किया गया, फिर बताया गया कि बलवंत सिंह गिरफ्त से भाग गया.

वहीं, परिजनों का कहना था कि बलवंत की पुलिस टॉर्चर से मौत हो गई थी. 2008 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों पर चंडीगढ़ सीबीआई ने इस मामले में प्रीलिमनरी इंक्वायरी शुरू की, जिसके बाद 2008 में सीबीआई ने सैणी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया.

बीते महीने हुआ था मामला दर्ज

वहीं, अब पंजाब पुलिस ने कुछ दिन सैनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 (अपहरण या हत्या के लिए अपहरण), 201 (साक्ष्य मिटाने के कारण), 344 (गलत तरीके से कारावास), 330 और 120बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज किया था. अब इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत भी मामला दर्ज कर लिया गया है, जिसके बाद पुलिस अब सुमेध सिंह सैनी की गिरफ्तारी करने में जुटी है.

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