करसोग/मंडी: कोरोना महामारी के चलते पहले ही आम जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ बस किराए में 25 फीसदी बढ़ोतरी करने से लोगों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं. बस किराए में की गई वृद्धि का करसोग की जनता ने कड़ा विरोध जताया है. लोगों ने सरकार के इस निर्णय की निंदा करते हुए बस किराए को वापस लेने की सरकार से मांग की है.
लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से कारोबार पहले ही चौपट हो गया है. इस दौरान बहुत से युवाओं की नौकरी चली गई है. किसानों और बागवानों पर भी लॉकडाउन की अच्छी खासी मार पड़ी है. ऐसे में प्रदेश का हर वर्ग कोरोना की मार झेल रहा है.
उन्होंने कहा कि इस स्थिति से उभारने के लिए सरकार को लोगों को राहत देनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने किराए में 25 फीसदी वृद्धि कर आम लोगों की कमर तोड़ दी है. ऐसे में सरकार के इस फैसले का करसोग में हर तरफ विरोध हो रहा है.
बता दें कि प्रदेश मंत्रिमंडल ने 3 किलोमीटर तक बस किराया 5 रुपये से बढ़ाकर अब 7 रुपये करने का निर्णय लिया है. इसके अतिरिक्त बस किराया 25 फीसदी बढ़ाया गया है.
इस निर्णय से कोरोना के समय आर्थिक परेशानियों से जूझ रही जनता की जेब पर सीधा असर पड़ने वाला है. करसोग के कुछ एक प्रतिनिधियों व स्थानीय जनता ने भी सरकार के इस निर्णय का कड़ा विरोध जताया है. करसोग के लोगों का कहना है कि जनता पहले ही कोरोना की वजह से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. ऐसे कठिन समय में सरकार का ये निर्णय बहुत ही गलत है. जिसे तुरन्त प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए.
करसोग निवासी यशवंत का कहना है कि सरकार ने बस किराए में 25 फीसदी की बढ़ोतरी की है, इसकी कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में इस निर्णय से लोगों पर मार पड़ेगी.
करसोग निवासी विमल किशोर का कहना है कि सरकार ने कोरोना काल में किराया बढ़ाने का बहुत की गलत निर्णय लिया है. उनका कहना है कि एक तो कोरोना संकट काल में पहले ही लोगों का बजट बिगड़ गया. इस पर सरकार ने बस किराया 25 फीसदी बढ़ा दिया है.
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