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फायर सीजन से निपटने के लिए वन विभाग मंडी ने कसी कमर - Mandi Forest Department on fire season

जिला मंडी में फायर सीजन (fire season in mandi) से निपटने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है. जिसके तहत वन विभाग ने रेंज स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया (Mandi Forest Department on fire season) है.

Mandi Forest Department
फायर सीजन से निपटने के लिए वन विभाग ने कसी कमर
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Published : Mar 21, 2022, 4:37 PM IST

मंडी: जिला मंडी में फायर सीजन (fire season in mandi) से निपटने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है. मंडी जिले में 5 रेज है और विभाग ने हर रेंज स्तर पर रैपिड रिस्पांस फायर टीम का गठन कर दिया है. इस टीम में वन रक्षकों व ब्लॉक स्तर के दो अधिकारियों को शामिल किया गया है. रैपिड रिस्पॉन्स टीम की रेंज अधिकारी की देखरेख में कार्य करेंगे. वहीं, मंडल स्तर पर समन्वय स्थापित करने के लिए विभाग द्वारा एक टीम बनाई गई है.

वन विभाग की मानें तो आमतौर पर फायर सीजन 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक रहता (fire season in himachal) है, लेकिन इस बार अधिक गर्मी होने के चलते फायर सीजन जल्द शुरू होने की संभावना है. वन मंडल अधिकारी मंडी वासु डोगर ने बताया कि फायर सीजन से निपटने के लिए विभाग ने पूरी तरह से तैयारियां मुकम्मल कर दी हैं. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा फायर सीजन से निपटने के लिए अतिरिक्त फायर वाचर भी नियुक्त किए जाएंगे.

फायर सीजन से निपटने के लिए वन विभाग ने कसी कमर

वन मंडल अधिकारी ने फायर सीजन से निपटने के लिए जनता से भी सहयोग की अपील की (Mandi Forest Department on fire season) है. उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि क्षेत्र में आगजनी की घटना सामने आने पर इसकी सूचना तुरंत विभाग को दें. वहीं उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति जंगल में आग लगाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इंडियन फॉरेस्ट एक्ट में दोषी के खिलाफ 7 साल की सजा व 25 हजार जुर्माने का प्रावधान है.

Mandi Forest Department
फायर सीजन से निपटने के लिए वन विभाग ने कसी कमर

बता दें कि हर वर्ष जंगलों की आग से वन विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. पिछले वर्ष भी प्रदेश में फायर सीजन 1 अप्रैल से शुरू हो गया था. मंडी जिला में पिछले वर्ष 165 आगजनी की घटनाएं सामने आई थी जिसमें 1685 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए थे.

Mandi Forest Department
फायर सीजन से निपटने के लिए वन विभाग ने कसी कमर

ये भी पढ़ें: बदलाव की संभावना! कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिल्ली तलब, मंगलवार को सोनिया गांधी के साथ होगी बैठक

मंडी: जिला मंडी में फायर सीजन (fire season in mandi) से निपटने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है. मंडी जिले में 5 रेज है और विभाग ने हर रेंज स्तर पर रैपिड रिस्पांस फायर टीम का गठन कर दिया है. इस टीम में वन रक्षकों व ब्लॉक स्तर के दो अधिकारियों को शामिल किया गया है. रैपिड रिस्पॉन्स टीम की रेंज अधिकारी की देखरेख में कार्य करेंगे. वहीं, मंडल स्तर पर समन्वय स्थापित करने के लिए विभाग द्वारा एक टीम बनाई गई है.

वन विभाग की मानें तो आमतौर पर फायर सीजन 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक रहता (fire season in himachal) है, लेकिन इस बार अधिक गर्मी होने के चलते फायर सीजन जल्द शुरू होने की संभावना है. वन मंडल अधिकारी मंडी वासु डोगर ने बताया कि फायर सीजन से निपटने के लिए विभाग ने पूरी तरह से तैयारियां मुकम्मल कर दी हैं. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा फायर सीजन से निपटने के लिए अतिरिक्त फायर वाचर भी नियुक्त किए जाएंगे.

फायर सीजन से निपटने के लिए वन विभाग ने कसी कमर

वन मंडल अधिकारी ने फायर सीजन से निपटने के लिए जनता से भी सहयोग की अपील की (Mandi Forest Department on fire season) है. उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि क्षेत्र में आगजनी की घटना सामने आने पर इसकी सूचना तुरंत विभाग को दें. वहीं उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति जंगल में आग लगाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इंडियन फॉरेस्ट एक्ट में दोषी के खिलाफ 7 साल की सजा व 25 हजार जुर्माने का प्रावधान है.

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फायर सीजन से निपटने के लिए वन विभाग ने कसी कमर

बता दें कि हर वर्ष जंगलों की आग से वन विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. पिछले वर्ष भी प्रदेश में फायर सीजन 1 अप्रैल से शुरू हो गया था. मंडी जिला में पिछले वर्ष 165 आगजनी की घटनाएं सामने आई थी जिसमें 1685 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए थे.

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फायर सीजन से निपटने के लिए वन विभाग ने कसी कमर

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