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सुंदनगर अस्पताल की बढ़ी मुश्किलें, हॉस्पिटल में एकमात्र गायनेकोलॉजिस्ट

नेरचौक मेडिकल कॉलेज को कोविड-19 अस्पताल बनाने से सिविल अस्पताल सुंदरनगर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मेडिकल कॉलेज नेरचौक से महिला रोगियों को सिविल अस्पताल सुंदरनगर भेजा जा रहा है

_during the curfew dr alok has done successful delivery
गायनेकोलॉजिस्ट डॉ आलोक शर्मा
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Published : Apr 13, 2020, 8:16 PM IST

मंडीः कोरोना महामारी को लेकर जिला के नेरचौक मेडिकल कॉलेज को कोविड-19 अस्पताल बनाने से सिविल अस्पताल सुंदरनगर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मेडिकल कॉलेज नेरचौक से महिला रोगियों को सिविल अस्पताल सुंदरनगर भेजा जा रहा है.

आलम यह है कि इस अस्पताल में तैनात प्रदेश के प्रसिद्ध गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. आलोक शर्मा कोरोना वायरस को लेकर जारी कर्फ्यू में अभी तक सैकड़ों महिलाओं की जांच कर सफल डिलीवरी करवा चुके हैं.

डॉ. आलोक अपनी डयूटी 24 घंटे पूरी निष्ठा से निभा तो रहे हैं, लेकिन अस्पताल में एकमात्र गायनेकोलॉजिस्ट मौजूद होने के कारण इमरजेंसी में महिला मरीजों को तुंरत प्रभाव से मेडिकल सुविधा पहुंचाने में परेशानी झेल रहा है. इस कारण अस्पताल का दूसरा स्टफ भी इससे प्रभावित हो रहा है और मजबूरन कई केस रेफर करने को विशेषज्ञ विवश हो रहे हैं.

कर्फ्यू लगने के बाद यहां पर रोजाना दर्जनों की संख्या में ओपीडी लग रही हैं और लेबर रूम में डिलीवरी अलग से हो रही है. ऐसे में अगर नेरचौक अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञों और जोनल अस्पताल मंडी के स्त्री रोग विशेषज्ञ को डेपुटेशन के आधार पर सिविल अस्पताल सुंदरनगर में तैनात कर दिया जाए तो सुविधाओं के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन और आम जनता को भी राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा वर्तमान में अभी तक कुछ नजर नहीं आया है और इसकी असर सीधे तौर पर गर्भवती महिलाओं पर पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- मंडी में पानी को लेकर कश्मीरी मजदूरों और स्थानीय लोगों में मारपीट, FIR

मंडीः कोरोना महामारी को लेकर जिला के नेरचौक मेडिकल कॉलेज को कोविड-19 अस्पताल बनाने से सिविल अस्पताल सुंदरनगर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मेडिकल कॉलेज नेरचौक से महिला रोगियों को सिविल अस्पताल सुंदरनगर भेजा जा रहा है.

आलम यह है कि इस अस्पताल में तैनात प्रदेश के प्रसिद्ध गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. आलोक शर्मा कोरोना वायरस को लेकर जारी कर्फ्यू में अभी तक सैकड़ों महिलाओं की जांच कर सफल डिलीवरी करवा चुके हैं.

डॉ. आलोक अपनी डयूटी 24 घंटे पूरी निष्ठा से निभा तो रहे हैं, लेकिन अस्पताल में एकमात्र गायनेकोलॉजिस्ट मौजूद होने के कारण इमरजेंसी में महिला मरीजों को तुंरत प्रभाव से मेडिकल सुविधा पहुंचाने में परेशानी झेल रहा है. इस कारण अस्पताल का दूसरा स्टफ भी इससे प्रभावित हो रहा है और मजबूरन कई केस रेफर करने को विशेषज्ञ विवश हो रहे हैं.

कर्फ्यू लगने के बाद यहां पर रोजाना दर्जनों की संख्या में ओपीडी लग रही हैं और लेबर रूम में डिलीवरी अलग से हो रही है. ऐसे में अगर नेरचौक अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञों और जोनल अस्पताल मंडी के स्त्री रोग विशेषज्ञ को डेपुटेशन के आधार पर सिविल अस्पताल सुंदरनगर में तैनात कर दिया जाए तो सुविधाओं के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन और आम जनता को भी राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा वर्तमान में अभी तक कुछ नजर नहीं आया है और इसकी असर सीधे तौर पर गर्भवती महिलाओं पर पड़ रहा है.

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