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मंडी में चेक बाउंस मामला: दोषी को साढ़े 3 लाख जुर्माने के साथ, 6 माह की कैद - etv bharat himachal pradesh

मंडी में चेक बाउंस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मंडी शीतल शर्मा ने दोषी को 6 महीने की कैद और साढ़े तीन लाख रूपए का जुर्माना भरने की सजा सुनाई (Check Bounce Case In Mandi) है. वहीं अगर दोषी जुर्माना अदा न कर पाया तो उसे और 2 महीने की कैद भुगतनी होगी. पढ़ें पूरी खबर...

Check Bounce Case In Mandi
मंडी में चेक बाउंस मामला
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Published : Jul 20, 2022, 10:07 PM IST

मंडी: जिला मंडी में चेक बाउंस मामला सामने आया (Check Bounce Case In Mandi) है. जिसको लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मंडी शीतल शर्मा ने दोषी को 6 महीने की कैद और साढ़े तीन लाख रुपये का जुर्माना भरने की सजा सुनाई है. बता दें, जुर्माना न अदा करने पर दोषी को 2 महीने की कैद और भुगतनी होगी. गौरतलब है कि सुरेश कुमार, गांव मलथेहड़ रत्ती बल्ह ने अपने वकील महेश चोपड़ा के माध्यम से रामलाल के खिलाफ अदालत में नेगोशिएबल एक्ट की धारा 138 के तहत मामला दायर किया था.

दायर मामले में सुरेश कुमार ने बताया था कि राम लाल, गांव भंगरोटू तहसील सदर से उसकी जान पहचान थी. जरूरत पड़ने पर उसने उसे 3 लाख रुपये उधार दिए. पैसों की मांग पर राम लाल ने उसे चेक दिया. बैंक से इस टिप्पणी के साथ वापस आ गया कि खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं है. इस पर उसने अपने वकील महेश चोपड़ा के माध्यम से अदालत में केस दायर किया.

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शीतल शर्मा ने इस पर निर्णय सुनाते हुए राम लाल को 6 महीने की कैद और 3 लाख 50 हजार रूपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई. यह राशि उसे सुरेश कुमार को देनी होगी. यदि वह इस राशि का भुगतान समय पर नहीं करता है तो उसे दो महीने की कैद और भुगतनी होगी.

मंडी: जिला मंडी में चेक बाउंस मामला सामने आया (Check Bounce Case In Mandi) है. जिसको लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मंडी शीतल शर्मा ने दोषी को 6 महीने की कैद और साढ़े तीन लाख रुपये का जुर्माना भरने की सजा सुनाई है. बता दें, जुर्माना न अदा करने पर दोषी को 2 महीने की कैद और भुगतनी होगी. गौरतलब है कि सुरेश कुमार, गांव मलथेहड़ रत्ती बल्ह ने अपने वकील महेश चोपड़ा के माध्यम से रामलाल के खिलाफ अदालत में नेगोशिएबल एक्ट की धारा 138 के तहत मामला दायर किया था.

दायर मामले में सुरेश कुमार ने बताया था कि राम लाल, गांव भंगरोटू तहसील सदर से उसकी जान पहचान थी. जरूरत पड़ने पर उसने उसे 3 लाख रुपये उधार दिए. पैसों की मांग पर राम लाल ने उसे चेक दिया. बैंक से इस टिप्पणी के साथ वापस आ गया कि खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं है. इस पर उसने अपने वकील महेश चोपड़ा के माध्यम से अदालत में केस दायर किया.

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शीतल शर्मा ने इस पर निर्णय सुनाते हुए राम लाल को 6 महीने की कैद और 3 लाख 50 हजार रूपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई. यह राशि उसे सुरेश कुमार को देनी होगी. यदि वह इस राशि का भुगतान समय पर नहीं करता है तो उसे दो महीने की कैद और भुगतनी होगी.

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