मंडी: शिवरात्रि महोत्सव के दौरान जिला मुख्यालय मंडी में लगाए गए सरस मेले में करीब 92 लाख रुपये का कारोबार हुआ है. सरस मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि सरस मेले जैसे आयोजन ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने में सहायक हैं.
उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि सरस मेले के आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों को बिचौलियों के बगैर अपने उत्पादों को सीधे खरीददारों को बेचने का अवसर प्रदान करना है, जिससे उनके मुनाफे में इजाफा हो. सरस मेले में हिमाचल समेत 15 राज्यों के 100 स्वयं सहायता समूहों ने भाग लिया. इनमें प्रदेश के 36 व देश के विभिन्न भागों से आए 64 स्वयं सहायता समूहों ने अपने उत्पादों के स्टॉल लगाए.
मेले में उत्पादों की प्रर्दशनी एवं बिक्री के 100 स्टॉल लगाए गए थे. इनमें दालें, मसाले, हस्तशिल्प, हथकरघा से बना सामान, खाद्य उत्पाद, मिट्टी एवं धातु के उत्पाद, खिलौने, कपड़े, सजावटी सामान सहित अन्य विभिन्न उत्पाद एवं सामग्री रखी गई थी.
मेले में लोगों ने करीब 92 लाख रुपये की खरीददारी करके इन स्वयं समूहों के सदस्यों की आर्थिक तौर पर सहयोग किया. मेले में बड़ियां-दालों-मसालों की खूब मांग रही. इसके अलावा लोगों ने बेड शीट, आचार, चमड़े का समान एवं चप्पलों की खरीददारी में भी खासी दिलचस्पी दिखाई.
उपायुक्त ने मेले के दौरान मांग, बिक्री, प्रदर्शन, उत्पाद गुणवत्ता, परंपरागत महत्व एवं नवीनत सोच के मानकों पर श्रेष्ठ रहे स्वयं सहायता समूहों को पुरस्कार बांटे. पहले स्थान पर रहे महाराष्ट्र के जय-संतोषी मां स्वयं सहायता समूह और उत्तर प्रदेश के स्वंय सहायता समूह 'जन्नत' को 5-5 हजार रूपये का नकद पुरस्कार दिया गया.
दूसरे स्थान पर रहे हमीरपुर के शिव सेवा तथा मंडी के बल्ह क्षेत्र के नव ज्योती स्वंय सहायता समूहों को 3750-3750 रुपये तथा तृतीय स्थान पर रहने वाले चंबा के चामुण्डा और हरियाणा पानीपत के स्वयं सहायता समूह बाला जी को 2500-2500 रुपये की प्रोत्साहन राशि वितरित की.