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माता शीतला के सम्मान में दो दिवसीय मेले का आयोजन, इन देवी-देवताओं ने की शिरकत

भुंतर तहसील के पीपल आगे गांव में माता शीतला के सम्मान में दो दिवसीय मेले का आयोजन किया गया है. इस मेले में हजारों श्रद्धालुओं ने माता शीतला का आशीर्वाद लिया.

डिजाइन फोटो.
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Published : Jun 8, 2019, 10:36 AM IST

कुल्लू: जिला के भुंतर तहसील के पीपल आगे गांव में माता शीतला के सम्मान में दो दिवसीय मेले का आयोजन किया गया है. इस मेले में हजारों श्रद्धालुओं ने माता शीतला का आशीर्वाद लिया. वहीं, मंदिर कमेटी द्वारा खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.

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बता दें कि माता शीतला के सम्मान में मनाए जाने वाले इस मेले में देवता बालक महेश्वर, देवता महूनाग व माता उग्रतारा ने भी अपने सैकड़ों हरियानों के साथ भाग लिया. शीतला माता के सम्मान में मनाए जाने वाले मेले के अंतिम दिन मंदिर परिसर में देव कार्य विधि को पूर्ण किया गया और सैकड़ों श्रद्धालुओं को भी आशीर्वाद दिया गया.

मेले की जानकारी देते मां शीतला के पुजारी.

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माता शीतला के पुजारी इंद्रदेव शास्त्री ने बताया कि शीतला देवी का हरयान का क्षेत्र सबसे बड़ा है. माता की पालकी को पुजारी के घर से मंदिर में लाया जाता है और श्रद्धा पूर्वक सभी देव विधियों को भी संपन्न किया जाता है.

कुल्लू: जिला के भुंतर तहसील के पीपल आगे गांव में माता शीतला के सम्मान में दो दिवसीय मेले का आयोजन किया गया है. इस मेले में हजारों श्रद्धालुओं ने माता शीतला का आशीर्वाद लिया. वहीं, मंदिर कमेटी द्वारा खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.

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बता दें कि माता शीतला के सम्मान में मनाए जाने वाले इस मेले में देवता बालक महेश्वर, देवता महूनाग व माता उग्रतारा ने भी अपने सैकड़ों हरियानों के साथ भाग लिया. शीतला माता के सम्मान में मनाए जाने वाले मेले के अंतिम दिन मंदिर परिसर में देव कार्य विधि को पूर्ण किया गया और सैकड़ों श्रद्धालुओं को भी आशीर्वाद दिया गया.

मेले की जानकारी देते मां शीतला के पुजारी.

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माता शीतला के पुजारी इंद्रदेव शास्त्री ने बताया कि शीतला देवी का हरयान का क्षेत्र सबसे बड़ा है. माता की पालकी को पुजारी के घर से मंदिर में लाया जाता है और श्रद्धा पूर्वक सभी देव विधियों को भी संपन्न किया जाता है.

Intro:पिप्लागे में माता शीतला के सम्मान में मनाया गया मेला
देवता बालक महेश्वर सहित माहूंनाग ने लिया भाग

नोट: वीडियो मेल से भेजा गया है।


Body:जिला कुल्लू के भुंतर तहसील के साथ लगते पीपल आगे गांव में माता शीतला के सम्मान में दो दिवसीय मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में जहां हजारों श्रद्धालुओं ने माता शीतला का आशीर्वाद लिया। वही मंदिर कमेटी द्वारा खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। माता शीतला के सम्मान में मनाए जाने वाले इस मेले में देवता बालक महेश्वर, देवता महूनाग व माता उग्रतारा ने भी अपने सैकड़ों हरियानो के साथ भाग लिया। पीपलागे में स्थित माता शीतला के मंदिर में घाटी के हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और माता का आशीर्वाद भी हासिल किया। वहीं मेले में अस्थाई रूप से लगी दुकानों से भी लोगों ने जमकर खरीदारी की और छोटे बच्चों ने झूलों का भी आनंद लिया। शीतला माता के सम्मान में मनाए जाने वाले मेले के अंतिम दिन देवता बालक महेश्वर की गुर द्वारा मंदिर परिसर पर देव कार्य विधि को पूर्ण किया गया और सैकड़ों श्रद्धालुओं को भी आशीर्वाद दिया गया।


Conclusion:माता शीतला के पुजारी इंद्रदेव शास्त्री ने कहा कि देवी शीतला का हरयान का क्षेत्र सबसे बड़ा है और देवी की चेलिया भी 108 है। इस मेले में देवता बालक महेश्वर देवता महूनाग और माता नैना उग्रतारा भी शरीक होती है। माता की पालकी को पुजारी के घर से मंदिर में लाया जाता है और श्रद्धा पूर्वक सभी देव विधियों को भी संपन्न किया जाता है।
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