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VIDEO: रस्सियों से खींचकर हारियानों ने देवी के मंदिर पहुंचाया देव ब्रम्हा का रथ, दर्शन के लिए जुटी श्रद्धालुओं की भीड़ - कुल्लू, ब्रह्मा का रथ

देव मिलन कर पुनः देवी-देवता के रथ को रस्सी से खींचते हुए हजारों श्रद्धालुओं ने ऊंची चोटी पर बनशीरा देवता के मंदिर पहुंचाया. मंदिर में सभी देव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद देव हारियानों ने कुल्लवी नाटी का आयोजन किया.

देवता ब्रह्मा का रथ खींचते देव हारियान.
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Published : Apr 16, 2019, 10:56 AM IST

कुल्लू: उपमंडल बंजार की सैंज घाटी के कनौन मेले में आराध्य देव ब्रह्मा व महामाई भगवती के मेले साजा बैसाखी उत्सव पर देव संस्कृति की अनूठी मिसाल देखने को मिली. मेले में देवी भगवती और ब्रह्मा और देवता बंशीरा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. इस मौके पर ब्रह्मा के रथ को हजारों हारियानों ने रस्से के साथ खींच कर ऊंची चोटी पुखूरी धार बंनशीरा के मंदिर पहुंचाया.

देवता ब्रह्मा का रथ खींचते देव हारियान.

मंदिर पहुंचकर देवता ब्रह्मा व भगवती ने अपने अंगरक्षक बंनशीरा के साथ क्षेत्र की रक्षा के लिए मंथन किया. बैसाखी पर्व पर घाटी के आराध्य देव ब्राह्मा ऋषि के रथ को परंपरा के तहत लावलश्कर के साथ मंदिर से बाहर निकाला गया. देव खेल का निर्वाह कर देव हारियानों ने देवता के रथ को रस्सी से खींचकर गांव कछैणी में देवी भगवती के मंदिर तक पहुंचाया.

देव मिलन कर पुनः देवी-देवता के रथ को रस्सी से खींचते हुए हजारों श्रद्धालुओं ने ऊंची चोटी पर बनशीरा देवता के मंदिर पहुंचाया. वहां पर देव हारियानों ने जंगल की लचकदार लकड़ियों से एक गोल रिंग बनाया. जिसे स्थानीय भाषा में चैचा कहते हैं.

ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव के लिए सिरमौर प्रशासन की तैयारी, इन वोटर्स को मिलेगी विशेष सुविधा

देवता ब्रह्मा के कारदार भिमी राम ने बताया कि बनशीरा देवता उस व्यक्ति को पुत्र वरदान व मनवांछित वरदान देते हैं जो रस्साकशी में जीत हासिल करता है. इस देव प्रक्रिया को देखने के लिए कनौन गांव में हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. सभी देव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद देव हारियानों ने कुल्लवी नाटी का आयोजन किया.

कुल्लू: उपमंडल बंजार की सैंज घाटी के कनौन मेले में आराध्य देव ब्रह्मा व महामाई भगवती के मेले साजा बैसाखी उत्सव पर देव संस्कृति की अनूठी मिसाल देखने को मिली. मेले में देवी भगवती और ब्रह्मा और देवता बंशीरा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. इस मौके पर ब्रह्मा के रथ को हजारों हारियानों ने रस्से के साथ खींच कर ऊंची चोटी पुखूरी धार बंनशीरा के मंदिर पहुंचाया.

देवता ब्रह्मा का रथ खींचते देव हारियान.

मंदिर पहुंचकर देवता ब्रह्मा व भगवती ने अपने अंगरक्षक बंनशीरा के साथ क्षेत्र की रक्षा के लिए मंथन किया. बैसाखी पर्व पर घाटी के आराध्य देव ब्राह्मा ऋषि के रथ को परंपरा के तहत लावलश्कर के साथ मंदिर से बाहर निकाला गया. देव खेल का निर्वाह कर देव हारियानों ने देवता के रथ को रस्सी से खींचकर गांव कछैणी में देवी भगवती के मंदिर तक पहुंचाया.

देव मिलन कर पुनः देवी-देवता के रथ को रस्सी से खींचते हुए हजारों श्रद्धालुओं ने ऊंची चोटी पर बनशीरा देवता के मंदिर पहुंचाया. वहां पर देव हारियानों ने जंगल की लचकदार लकड़ियों से एक गोल रिंग बनाया. जिसे स्थानीय भाषा में चैचा कहते हैं.

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देवता ब्रह्मा के कारदार भिमी राम ने बताया कि बनशीरा देवता उस व्यक्ति को पुत्र वरदान व मनवांछित वरदान देते हैं जो रस्साकशी में जीत हासिल करता है. इस देव प्रक्रिया को देखने के लिए कनौन गांव में हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. सभी देव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद देव हारियानों ने कुल्लवी नाटी का आयोजन किया.

रस्सियों से खींचकर देवी के मंदिर पहुंचाया देवता ब्रम्हा का रथ
कुल्लू
उपमंडल बंजार की सैंज घाटी के कनौन मेले में आराध्य देव ब्रह्मा व महामाई भगवती  के मेले साजा  बैसाखी मेले में जहां देव परंपरा का निर्वाह किया, वहीं देवी भगवती व ब्रह्मा और देवता बंशीरा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इस मौके पर ब्रह्मा के रथ को हजारों हारियानों ने रस्से के साथ  खींच कर ऊंची चोटी पुखूरी धार बंनशीरा के मंदिर पहुंचाया। वहां देवता ब्रह्मा व भगवती ने अपने अंगरक्षक बंनशीरा के साथ क्षेत्र की रक्षा के लिए  मंथन किया। उल्लेखनीय है कि देवता ब्रह्मा ऋषि के रथ को पूरे लावलशकर के साथ मंदिर से बाहर निकाला और देव खेल का निर्वाह कर देव हारियानों ने देवता के स्वर्ण रथ को रस्सी से खींच कर साथ लगते गांव कछैणी में देवी भगवती के मंदिर पहंुचाया और देव मिलन कर पुनः देवी-देवता के रथ को रस्सी खींचते हुए हजारों श्रद्धालुओं ने ऊंची चोटी पर बनशीरा देवता के मंदिर पहुंचाया। वहां पर देव हारियानों ने जंगल की लचकदार लकडि़यों से एक गोल रिंग बनाया। जिसे स्थानीय भाषा में चैचा कहते हैं। बाद में देव आज्ञानुसार देवी-देवता के हारियानों ने आपस में रस्साकशी की। अंत में इसे एक ही व्यक्ति सैकड़ों लोगों में से छुड़ा कर ले जाता है। देवता ब्रह्मा के कारदार भिमी राम ने बताया कि बनशीरा देवता उस व्यक्ति को पुत्र वरदान व मनवांछित वरदान  देता है। इस देव प्रक्रिया को देखने के लिए कनौन गांव में हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सभी देव प्रक्रिया संपंन होने के बाद देव हारियानों ने कुल्लवी नाटी का आयोजन किया।
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