कुल्लूः समय के साथ देश और प्रदेश के लोग तरक्की कर रहे हैं, लेकिन बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो गरीबी में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं. जिला कुल्लू के रोट पंचायत के थरास गांव में भी एक अल्पसंख्यक गरीब बजुर्ग दंपति सदीक अपनी दिव्यांग पत्नी हाजरा के साथ रहता है.
दंपति के मकान के छत की हालत बहुत जर्जर थी, ऐसी कि कभी भी हादसा हो सकता था. इस समस्या के बारे में समाजसेवी सस्थाओं की ओर से करीब एक साल पहले जिला प्रशासन एवं स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी को अवगत करवाया गया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी दंपति अपने हाल पर जीने को मजबूर था.
हालांकि परिवार कुछ सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है. फिर भी सर्द रातों को कच्ची छत के नीचे रहना गरीब बजुर्ग दंपति के लिए भारी परेशानी भरा था. अब दंपति की मदद के लिए समाजसेवी संस्थाएं आगे आई हैं. समाजसेवियों ने आपसी सहयोग से दंपति के लिए पक्की छत का इंतजाम करवाया है और सर्दियों से निपटने के लिए कंबल भी दिए.
वहीं, कारसेवा संस्था ने बजुर्ग दंपति की आंखों का इलाज करवाने की भी जिम्मेदारी ली और आगे भी मदद का भरोसा दिया. स्थानिय लोगों का कहना है कि सामाजिक संस्थाओ एवं समाजसेवियों ने सरकार और प्रशासन को आईना दिखाने का काम किया है.
सरकार की ओर से गरीबों के मकानों के निर्माण करने के लिए आवास योजनाओं की तारीफ पुल बांधे जाते हैं पर समय रहते इन योजनाओं का लाभ न मिले तो क्या फायदा.
बजुर्ग हाजरा ने समाजसेवियों को मदद के लिए धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि मकान की छत बहुत खराब थी. अब छत पक्की हो गयी है और वो अब संतुष्ट हैं.
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