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सरकार ने नहीं सुनी तो समाजसेवी संस्थाएं आई आगे, बुजुर्ग दंपति को मिली पक्की छत

कुल्लू में जरुरतमंद दंपति की मदद के लिए समाजसेवी संस्थाएं आगे आई हैं.  समाजसेवियों ने आपसी सहयोग से दंपति के लिए पक्की छत का इंतजाम करवाया है.

social workers helps old needy couple of kullu
social workers helps old needy couple of kullu
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Published : Dec 9, 2019, 7:51 PM IST

कुल्लूः समय के साथ देश और प्रदेश के लोग तरक्की कर रहे हैं, लेकिन बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो गरीबी में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं. जिला कुल्लू के रोट पंचायत के थरास गांव में भी एक अल्पसंख्यक गरीब बजुर्ग दंपति सदीक अपनी दिव्यांग पत्नी हाजरा के साथ रहता है.

दंपति के मकान के छत की हालत बहुत जर्जर थी, ऐसी कि कभी भी हादसा हो सकता था. इस समस्या के बारे में समाजसेवी सस्थाओं की ओर से करीब एक साल पहले जिला प्रशासन एवं स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी को अवगत करवाया गया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी दंपति अपने हाल पर जीने को मजबूर था.

वीडियो.

हालांकि परिवार कुछ सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है. फिर भी सर्द रातों को कच्ची छत के नीचे रहना गरीब बजुर्ग दंपति के लिए भारी परेशानी भरा था. अब दंपति की मदद के लिए समाजसेवी संस्थाएं आगे आई हैं. समाजसेवियों ने आपसी सहयोग से दंपति के लिए पक्की छत का इंतजाम करवाया है और सर्दियों से निपटने के लिए कंबल भी दिए.

वहीं, कारसेवा संस्था ने बजुर्ग दंपति की आंखों का इलाज करवाने की भी जिम्मेदारी ली और आगे भी मदद का भरोसा दिया. स्थानिय लोगों का कहना है कि सामाजिक संस्थाओ एवं समाजसेवियों ने सरकार और प्रशासन को आईना दिखाने का काम किया है.

सरकार की ओर से गरीबों के मकानों के निर्माण करने के लिए आवास योजनाओं की तारीफ पुल बांधे जाते हैं पर समय रहते इन योजनाओं का लाभ न मिले तो क्या फायदा.

बजुर्ग हाजरा ने समाजसेवियों को मदद के लिए धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि मकान की छत बहुत खराब थी. अब छत पक्की हो गयी है और वो अब संतुष्ट हैं.

ये भी पढ़ें- डल झील की तर्ज पर अब गोविंद सागर झील में नजर आएंगे शिकारे, पर्यटन विभाग ने कसी कमर

कुल्लूः समय के साथ देश और प्रदेश के लोग तरक्की कर रहे हैं, लेकिन बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो गरीबी में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं. जिला कुल्लू के रोट पंचायत के थरास गांव में भी एक अल्पसंख्यक गरीब बजुर्ग दंपति सदीक अपनी दिव्यांग पत्नी हाजरा के साथ रहता है.

दंपति के मकान के छत की हालत बहुत जर्जर थी, ऐसी कि कभी भी हादसा हो सकता था. इस समस्या के बारे में समाजसेवी सस्थाओं की ओर से करीब एक साल पहले जिला प्रशासन एवं स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी को अवगत करवाया गया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी दंपति अपने हाल पर जीने को मजबूर था.

वीडियो.

हालांकि परिवार कुछ सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है. फिर भी सर्द रातों को कच्ची छत के नीचे रहना गरीब बजुर्ग दंपति के लिए भारी परेशानी भरा था. अब दंपति की मदद के लिए समाजसेवी संस्थाएं आगे आई हैं. समाजसेवियों ने आपसी सहयोग से दंपति के लिए पक्की छत का इंतजाम करवाया है और सर्दियों से निपटने के लिए कंबल भी दिए.

वहीं, कारसेवा संस्था ने बजुर्ग दंपति की आंखों का इलाज करवाने की भी जिम्मेदारी ली और आगे भी मदद का भरोसा दिया. स्थानिय लोगों का कहना है कि सामाजिक संस्थाओ एवं समाजसेवियों ने सरकार और प्रशासन को आईना दिखाने का काम किया है.

सरकार की ओर से गरीबों के मकानों के निर्माण करने के लिए आवास योजनाओं की तारीफ पुल बांधे जाते हैं पर समय रहते इन योजनाओं का लाभ न मिले तो क्या फायदा.

बजुर्ग हाजरा ने समाजसेवियों को मदद के लिए धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि मकान की छत बहुत खराब थी. अब छत पक्की हो गयी है और वो अब संतुष्ट हैं.

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Intro:
1 साल से नही हुआ समाधान तो सामाजिक संस्थाओं ने डाली छत
टूटी छत के नीचे रह रहा था बुजुर्ग दंपतिBody:




समय के साथ देश और प्रदेश के लोग तरक्की कर रहे है। पर बहुत से ऐसे लोग अभी भी है जो गरीबी में जी रहे है। यहां हम बात कर रहे जिला कुल्लू को रोट पंचायत के थरास गांव की जहां एक अल्पसंख्यक परिवार गरीब बजुर्ग सदीक अपनी दिव्यांग पत्नी हाज़रा के साथ रहता है। इनके मकान के छत की हालत बहुत बुरी थी कि कभी भी हादसा हो सकता था। जिसके बारे में समाजसेवी एवं पत्रकार मेघ सिंह कश्यप ने एक साल पहले जिला प्रशासन एवं स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी को अवगत करवाया था पर जिला प्रशासन ने आए अधिकारी मकान का मुआयना कर एस्टीमेट तैयार करके गए। लेकिन कार्य नही किया। हालांकि परिवार कुछ सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहा है। सर्द रातो को कच्ची छत के नीचे काटना गरीब बजुर्ग दम्पति को मुश्किल हो रहा था और प्रशासन का मुंह ताकने की बजाए समाजसेवी संस्था कारसेवा, प्रयास संस्थाओ व अन्य समाजसेवियों के सहयोग से मकान की पक्की छत डाली गई और कम्बल भी दिए गए। वही कारसेवा संस्था ने बजुर्ग दंपति की आँखों का इलाज करवाने की जिम्मेदारी ली और आगे भी मदद का भरोसा दिया। जब प्रशासन, सरकार और स्थानीय विधायक निक्कमे हो जाये तो कहीं न कहीं सामाजिक संस्थाओ एवं समाजसेवियों ने इनको आईना दिखाने का काम किया है।हैरानी की बात यह है कि यूं तो सरकार द्वारा गरीबों के मकान का निर्माण करने के लिए आवास योजनाओं की तारीफ करते मुँह नही थकता। अगर समय रहते इसका लाभ न मिले तो क्या फायदा।।

Conclusion:




बाइट- मनदीप सिंह, अध्यक्ष , कारसेवा दल

मनदीप सिंह ने कहा कि रोट पंचायत में दंपति बहुत ही बुरी हालत में रह रहे थे। मेघ सिंह कश्यप के माध्यम से इनके बारे में आता चला। इस परिवार को संस्थाओ द्वारा मकान की छत डाली गई, राशन एवं कंबल भी दिए गए। लेकिन बजुर्ग दंपति के आँखों मे दिक्कत है और संस्था द्वारा इनका इलाज करवाया जाएगा औऱ हरसंभव मदद भी की जाएगी।

बाइट - मेघ सिंह कश्यप, समाजसेवी

मेघ सिंह कश्यप ने कहा कि लगभग एक वर्ष पहले इस परिवार के बारे में पता चला और जिला प्रशासन को अवगत करवाया। अधिकारी मुहायना करके गए और मकान का एस्टीमेट बनाया पर साल में छोटी मोटी मदद के सिवाए कुछ नहीं किया। बजुर्ग दंपति के मकान की छत की चादर में जंग लग चुका था और बारिश में पानी टपकता था। आखिरकार समाजसेवी संस्था कारसेवा, प्रयास संस्था व अन्य समाजसेवियों के मदद छत डाली गई। कहीं न कहीं समाजसेवी एवं संस्थाओ ने सरकार और प्रशासन को आईना दिखाने का काम किया है।


बाइट - हाजरा, दिव्यांग गरीब बजुर्ग हाज़रा का कहना है कि जिन लोगो ने उनकी मदद उनका धन्यवाद किया। मकान की छत बहुत खराब थी। अब। छत पक्की हो गयी है और वो अब बहुत खुश है।

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