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मई के पहले सप्ताह बहाल हो सकता है रोहतांग दर्रा, बर्फ हटाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी - युद्ध स्तर पर जारी

मिशन रोहतांग पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन ने अपनी पूरी ताकत लगा डाली है. दर्रे के दोनों तरफ से बर्फ हटाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है.

बर्फ हटाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी
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Published : Apr 26, 2019, 9:00 PM IST

कुल्लू: मिशन रोहतांग पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन ने अपनी पूरी ताकत लगा डाली है. दर्रे के दोनों तरफ से बर्फ हटाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. रोहतांग दर्रा फतेह करने में जुटी बीआरओ दर्रे से महज आठ किलोमीटर दूर है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मौसम ने अगर बीआरओ का साथ दिया तो रोहतांग दर्रा मई के पहले सप्ताह में बहाल हो जाएगा.

बीआरओ की तीन टीमों के करीब 400 जवान जहां रोहतांग बहाली के लिए दिन रात डटे हुए हैं, वहीं इस बार सर्दियों में दर्रे पर हुई भारी बर्फबारी बीआरओ के लिए चुनौती बनी हुई है. बीआरओ के अधिकारी खुद यह बात मान रहे हैं कि दर्रे पर इस बार तीन गुना बर्फबारी हुई है, जिस कारण दर्रा बहाल करने में दिक्कतें पेश आ रही हैं.

हलांकि कुछ दिन से मौसम भी सीमा सड़क संगठन के जवानों का साथ दे रहा है और रोहतांग बहाली का कार्य रफ्तार से चल रहा है. बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि मनाली की तरफ से जवान बर्फ हटाते हुए 42 किलोमीटर दूर राहनीनाला तक पहुंचने में कामयाब हो गए हैं. उनका कहना है कि महज आठ किलोमीटर सड़क से बर्फ हटाना बाकी रह गया है.

ऐसे में 8 किलोमीटर सड़क से बर्फ हटाने के बाद बीआरओ रोहतांग टॉप पर पहुंच जाएगा. हालांकि बीआरओ ने रोहतांग सुरंग के नॉर्थ पोर्टल तक की सड़क से बर्फ हटाकर जहां लाहुल को संपर्क टनल के माध्यम से शेष विश्व से जोड़ दिया है, वहीं रोहतांग दर्रा बहाल करना अभी शेष है.

मनाली-केलांग सड़क से 35 किलोमीटर तक बर्फ हटाना अभी बाकी है. चुनाव आयोग ने बीआरओ व लाहुल-स्पीति प्रशासन को सड़क जल्द बहाल करवाने के निर्देश दिए हैं. रोहतांग बहाली का कार्य भी युद्धस्तर पर चल रहा है. बीआरओ कमांडर कर्नल उमाशंकर ने बताया कि बीआरओ की टीम युद्ध स्तर पर रोहतांग बहाली में जुटी हुई है. मौसम ने अगर सीमा सड़क संगठन का साथ दिया, तो मई के पहले सप्ताह में दर्रा बहाल करने का प्रयास किया जाएगा.

कुल्लू: मिशन रोहतांग पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन ने अपनी पूरी ताकत लगा डाली है. दर्रे के दोनों तरफ से बर्फ हटाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. रोहतांग दर्रा फतेह करने में जुटी बीआरओ दर्रे से महज आठ किलोमीटर दूर है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मौसम ने अगर बीआरओ का साथ दिया तो रोहतांग दर्रा मई के पहले सप्ताह में बहाल हो जाएगा.

बीआरओ की तीन टीमों के करीब 400 जवान जहां रोहतांग बहाली के लिए दिन रात डटे हुए हैं, वहीं इस बार सर्दियों में दर्रे पर हुई भारी बर्फबारी बीआरओ के लिए चुनौती बनी हुई है. बीआरओ के अधिकारी खुद यह बात मान रहे हैं कि दर्रे पर इस बार तीन गुना बर्फबारी हुई है, जिस कारण दर्रा बहाल करने में दिक्कतें पेश आ रही हैं.

हलांकि कुछ दिन से मौसम भी सीमा सड़क संगठन के जवानों का साथ दे रहा है और रोहतांग बहाली का कार्य रफ्तार से चल रहा है. बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि मनाली की तरफ से जवान बर्फ हटाते हुए 42 किलोमीटर दूर राहनीनाला तक पहुंचने में कामयाब हो गए हैं. उनका कहना है कि महज आठ किलोमीटर सड़क से बर्फ हटाना बाकी रह गया है.

ऐसे में 8 किलोमीटर सड़क से बर्फ हटाने के बाद बीआरओ रोहतांग टॉप पर पहुंच जाएगा. हालांकि बीआरओ ने रोहतांग सुरंग के नॉर्थ पोर्टल तक की सड़क से बर्फ हटाकर जहां लाहुल को संपर्क टनल के माध्यम से शेष विश्व से जोड़ दिया है, वहीं रोहतांग दर्रा बहाल करना अभी शेष है.

मनाली-केलांग सड़क से 35 किलोमीटर तक बर्फ हटाना अभी बाकी है. चुनाव आयोग ने बीआरओ व लाहुल-स्पीति प्रशासन को सड़क जल्द बहाल करवाने के निर्देश दिए हैं. रोहतांग बहाली का कार्य भी युद्धस्तर पर चल रहा है. बीआरओ कमांडर कर्नल उमाशंकर ने बताया कि बीआरओ की टीम युद्ध स्तर पर रोहतांग बहाली में जुटी हुई है. मौसम ने अगर सीमा सड़क संगठन का साथ दिया, तो मई के पहले सप्ताह में दर्रा बहाल करने का प्रयास किया जाएगा.

मई माह के पहले सप्ताह बहाल हो सकता है रोहतांग दर्रा
कुल्लू
रोहतांग दर्रा फतेह करने में जुटा बीआरओ दर्रे से महज आठ किलोमीटर दूर है। मिशन रोहतांग पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन ने जहां अपनी पूरी ताकत लगा डाली है, वहीं दर्रे के दोनों तरफ से बर्फ हटाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मौसम ने अगर बीआरओ का साथ दिया, तो रोहतांग दर्रा मई के पहले सप्ताह में बहाल हो जाएगा। बीआरओ की तीन टीमों के करीब 400 जवान जहां रोहतांग बहाली के लिए दिन रात डटे हुए हैं, वहीं इस बार सर्दियों में दर्रे पर हुई भारी बर्फबारी बीआरओ के लिए चुनौती बनी हुई है। बीआरओ के अधिकारी खुद यह बात मान रहे हैं कि दर्रे पर तीन गुना बर्फबारी इस बार हुई है, जिस कारण दर्रा बहाल करने में बीआरओ को दिक्कतें पेश आ रही हैं। हलांकि कुछ दिन से मौसम भी सीमा सड़क संगठन के जवानों का साथ दे रहा है और रोहतांग बहाली का कार्य रफ्तार से चल रहा है। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि मनाली की तरफ से बीआरओ के जवान बर्फ हटाते हुए 42 किलोमीटर दूर राहनीनाला तक पहुंचने में कामयाब हो गए हैं। उनका कहना है कि महज आठ किलोमीटर सड़क से बर्फ हटाना बाकी रह गया है। ऐसे में आठ किलोमीटर सड़क से बर्फ हटाने के बाद बीआरओ रोहतांग टॉप पर पहुंच जाएगा। हालांकि बीआरओ ने रोहतांग सुरंग के नोर्थ पोर्टल तक की सड़क से बर्फ हटा जहां लाहुल को संपर्क टनल के माध्यम से शेष विश्व से जोड़ दिया है, वहीं रोहतांग दर्रा बहाल करना अभी शेष है। मनाली-केलांग सड़क से 35 किलोमीटर सड़क से बर्फ हटाना अभी बाकी है। हालांकि चुनाव आयोग ने बीआरओ व लाहुल-स्पीति प्रशासन को सड़क जल्द बहाल करवाने के निर्देश दिए हैं, वहीं रोहतांग बहाली का कार्य भी युद्धस्तर पर चल रहा है। बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि बीआरओ युद्ध स्तर पर रोहतांग बहाली में जुटा हुआ है। मौसम ने अगर सीमा सड़क संगठन का साथ दिया, तो मई के पहले सप्ताह में दर्रा बहाल करने का प्रयास किया जाएगा।
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