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गांव से 2 किलोमीटर दूर थी सड़क, आशा वर्कर ने जंगल में खुले आसमान के नीचे करवा दी डिलीवरी - forest in Barsar

बड़सर के एक गांव में एक गर्भवती महिला की डिलीवरी जंगल में ही करवानी पड़ी. हमीरपुर के बड़सर के पिलियार के सुगल निवासी संतोष कुमार की पत्नी को नेहा प्रसव पीड़ा शुरू हुई. संतोष कुमार ने बड़सर अस्पताल में डॉक्टर राकेश से बात की और वह नेहा को लेकर हॉस्पिटल के लिए रवाना हो गए लेकिन समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण महिला की डिलवरी जंगल में करवानी पड़ी.

Woman gave birth to a child in the forest
जंगल में महिला ने बच्चे को जन्म दिया
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Published : Sep 30, 2021, 6:56 PM IST

हमीरपुर: सड़कों के जाल के लिए प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी मशहूर हमीरपुर जिले के बड़सर उपमंडल में गांव तक सड़क नहीं होने के कारण एक गर्भवती महिला ने खुले आसमान के नीचे जंगल में ही बच्चे को जन्म दे दिया. यह कहानी उस जिले की है जिससे सड़कों वाले मुख्यमंत्री के नाम से मशहूर भाजपा के वरिष्ठ एवं नेता प्रेम कुमार धूमल ताल्लुक रखते हैं.

दरअसल महिला के घर से सड़क मार्ग की दूरी 2 किलोमीटर थी ऐसे में समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण महिला की डिलवरी जंगल में करवानी पड़ी. जानकारी के मुताबिक हमीरपुर के बड़सर के पिलियार के सुगल निवासी संतोष कुमार की पत्नी को नेहा प्रसव पीड़ा शुरू हुई. संतोष कुमार ने बड़सर अस्पताल में डॉक्टर राकेश से बात की और वह नेहा को लेकर हॉस्पिटल के लिए रवाना हो गए. इस बीच उन्होंने नेहा कि प्रसव पीड़ा की सूचना आशा वर्कर सुषमा को भी दे दी और वो उनके साथ हॉस्पिटल के लिए रवाना हो गई, लेकिन इन सबके बीच गांव तक सड़क ना होना बाधा बन गया.

परिजनों और सगे संबंधियों ने नेहा को चार कंधों पर चारपाई पर उठाया और सड़क की तरफ रवाना हो गए, लेकिन देरी के कारण आधे रास्ते पहुंचते-पहुंचते प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. मौके पर मौजूद आशा वर्कर सुषमा देवी ने हिम्मत नहीं हारी और जंगल में ही खुले आसमान के नीचे डिलीवरी करवा दी. फिलहाल मां और बच्चे को अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां से बच्चे को कोई समस्या होने के कारण उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है.

हमीरपुर: सड़कों के जाल के लिए प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी मशहूर हमीरपुर जिले के बड़सर उपमंडल में गांव तक सड़क नहीं होने के कारण एक गर्भवती महिला ने खुले आसमान के नीचे जंगल में ही बच्चे को जन्म दे दिया. यह कहानी उस जिले की है जिससे सड़कों वाले मुख्यमंत्री के नाम से मशहूर भाजपा के वरिष्ठ एवं नेता प्रेम कुमार धूमल ताल्लुक रखते हैं.

दरअसल महिला के घर से सड़क मार्ग की दूरी 2 किलोमीटर थी ऐसे में समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण महिला की डिलवरी जंगल में करवानी पड़ी. जानकारी के मुताबिक हमीरपुर के बड़सर के पिलियार के सुगल निवासी संतोष कुमार की पत्नी को नेहा प्रसव पीड़ा शुरू हुई. संतोष कुमार ने बड़सर अस्पताल में डॉक्टर राकेश से बात की और वह नेहा को लेकर हॉस्पिटल के लिए रवाना हो गए. इस बीच उन्होंने नेहा कि प्रसव पीड़ा की सूचना आशा वर्कर सुषमा को भी दे दी और वो उनके साथ हॉस्पिटल के लिए रवाना हो गई, लेकिन इन सबके बीच गांव तक सड़क ना होना बाधा बन गया.

परिजनों और सगे संबंधियों ने नेहा को चार कंधों पर चारपाई पर उठाया और सड़क की तरफ रवाना हो गए, लेकिन देरी के कारण आधे रास्ते पहुंचते-पहुंचते प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. मौके पर मौजूद आशा वर्कर सुषमा देवी ने हिम्मत नहीं हारी और जंगल में ही खुले आसमान के नीचे डिलीवरी करवा दी. फिलहाल मां और बच्चे को अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां से बच्चे को कोई समस्या होने के कारण उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है.

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