हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर की मासिक बैठक शुक्रवार को हमीरपुर कार्यालय में हुई. इस बैठक में हमीरपुर में स्ट्रीट लाइटों (street lights in hamirpur) का मुद्दा खूब गूंजा. बैठक में मौजूद विधायक नरेंद्र ठाकुर ने इस मामले (Meeting of Municipal Council Hamirpur) को लेकर कंपनी के अधिकारियों को खूब क्लास ली. बैठक के दौरान सशर्त स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था देख रही कंपनी की बकाया राशि का 50 प्रतिशत भुगतान करने का भी निर्णय लिया गया.
28 लाख में से 15 लाख रुपए की राशि का (Street lights Issue in Hamirpur) भुगतान किया जाएगा. हालांकि कंपनी के सामने यह शर्त रखी गई है कि 10 से 15 दिन के भीतर हर वार्ड की स्ट्रीट लाइट को दुरुस्त किया जाए तथा 220 नई लाइट के ऑर्डर को जल्द पूरा किया जाए. नगर परिषद हमीरपुर के पदाधिकारियों का दावा है कि बाकायदा कंपनी से लिख कर लिया गया है कि जल्द ही खराब स्ट्रीट लाइट दुरुस्त की जाएगी.
बता दें कि बैठक की अध्यक्षता नगर परिषद हमीरपुर के अध्यक्ष मनोज कुमार मिन्हास ने की, जबकि बैठक में विशेष रुप से विधायक नरेंद्र ठाकुर भी मौजूद रहे. बैठक के दौरान स्ट्रीट लाइट के अलावा बीपीएल चयन (BPL Survey in Hamirpur) का मुद्दा भी खूब चर्चा में रहा और इस दौरान पार्षदों ने बीपीएल चयन की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए. तमाम सवालों और तर्क वितर्क के बाद यह निर्णय लिया गया है कि नगर परिषद हमीरपुर के एरिया में एक बार फिर नए सिरे से बीपीएल का सर्वे करवाया जाएगा.
विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि नगर परिषद हमीरपुर के पदाधिकारी और अधिकारी एकजुट है. समस्याओं और कार्यों को लेकर तर्क वितर्क हो जाता है, लेकिन किसी भी तरह का कोई मन मुटाव नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले 2 सालों से लगातार नगर परिषद के पदाधिकारियों और अधिकारियों की तरफ से सराहनीय कार्य किया जा रहा है. पिछले कुछ समय में शहर में सफाई व्यवस्था भी चाक-चौबंद हुई है.
वहीं, नगर परिषद के अध्यक्ष मनोज कुमार मिन्हास ने कहा कि हमीरपुर शहर में बीपीएल का सर्वे करवाया जाएगा. कुछ शिकायतें सामने आई थीं कि अपात्र लोग जिनके तीन या चार मंजिला (Proposal discussed in Municipal Council Hamirpur Meeting) मकान हैं, वह भी बीपीएल सूची में हैं. उन्होंने कहा कि शहर में सर्वे करवाया जाएगा और यदि ऐसा कोई उपाय जाता है, तो उसका नाम बीपीएल सूची से काटा जाएगा और पात्र लोगों को इसमें जोड़ा जाएगा.
उन्होंने कहा कि स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था देख रही निजी कंपनी को 15 लाख रुपए की राशि का भुगतान करने का भी निर्णय लिया गया है. कंपनी के अधिकारियों से बाकायदा लिख कर लिया गया है कि 15 दिन के भीतर खराब स्ट्रीट लाइटों को दुरुस्त किया जाएगा और 220 नई स्ट्रीट लाइटों के ऑर्डर को भी पूरा किया जाएगा.
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