हमीरपुर: शहर में स्ट्रीट लाइट बंद होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक 11 वार्ड वाले शहर में 3 हजार स्ट्रीट लाइट में से 600 बंद पड़ी है. समस्या का स्थाई समाधान की बजाए स्ट्रीट लाइट की मेंटेनेंस करने वाली कंपनी और नगर परिषद के अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार एक-दूसरे को बता रहे हैं. बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों को कब शुरू इसका दावा तो नहीं कर रहे, लेकिन कागजी लड़ाई में दोनों अपना पक्ष मजबूत बता रहे हैं.
कंपनी से जुड़े इंजीनियर की मानें तो लाखों रुपए का भुगतान लंबे समय से नगर परिषद की तरफ से नहीं किया जा रहा, जबकि नगर परिषद अधिकारियों का तर्क है कि करीब 11 लाख के भुगतान के बावजूद शहर में स्ट्रीट लाइटों का मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा. यह समस्या कोई नई नहीं है. साल 2016 में नगर परिषद का कंपनी के साथ करार हुआ था. उसके बाद से ही स्ट्रीट लाइटों के मेंटेनेंस की समस्या लगातार बनी हुई है.
दरअसल कंपनी से करार होने से पहले एलईडी की बजाय हैलोजन लाइट का इस्तेमाल किया जा रहा था.जब ईईएसएल कंपनी के साथ करार हुआ तब शहर में एलईडी लाइट लगा दी गई. पूर्व में जो लाइट इस्तेमाल हो रही थी, उनमें वोल्टेज कम और ज्यादा होने का कोई ज्यादा असर नहीं होता था. नई लाइटों के लगने के बाद वायरिंग से समस्या होने लगी. इस कारण परेशानियां बढ़ती गई.
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी किशोरी लाल ठाकुर ने बताया कंपनी की तरफ से बिजली बोर्ड पर यह कार्य थोपा जा रहा. 20 प्रतिशत स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हुई वहीं, ईईएसएल कंपनी के इंजीनियर अभिमन्यु ने बताया नगर परिषद की तरफ से लगातार उनकी बातों को अनसुना किया जा रहा है.उनका कार्य महज स्ट्रीट लाइटों तक लगी 3 मीटर वायर और स्ट्रीट लाइट की मेंटेनेंस करना है. मेन लाइन का मेंटेनेंस करना बिजली बोर्ड का काम है.
उन्होंने कहा कि 1 साल के बाद 11 लाख रुपए का भुगतान किया गया.अभी तक लाखों रुपए नगर परिषद के पास पेंडिंग है. नगर परिषद अध्यक्ष मनोज कुमार मिन्हास ने बताया कंपनी को 11 लाख का भुगतान किया गया ,लेकिन कंपनी की तरफ से सुधारने का काम नहीं किया जा रहा है.
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