हमीरपुर: बस स्टैंड हमीरपुर के बाहर सड़क किनारे बचे हुए 12 खोखों को जेसीबी के माध्यम से गिरा दिया गया. जैसे ही इन खोखा दुकानों पर जेसीबी चली वैसे ही दुकानदार रो पड़े, लेकिन देखते ही देखते विभिन्न विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में सभी खोखे गिरा दिए गए.
बता दें कि पहले ही कई खोखा धारक नगर परिषद द्वारा बनाई गई दुकानों में शिफ्ट हो गए हैं. शिफ्ट होने के बाद इनके खोखे पहले ही जमींदोज किए जा चुके हैं, लेकिन 12 खोखा धारक अपनी दुकानें खाली नहीं कर रहे थे. इन दुकानदारों की मांग है कि इन्हें नगर परिषद ग्राउंड फ्लोर की दुकानें बना कर दें. हालांकि नगर परिषद द्वारा बनाई गई ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें पहले ही आवंटित की जा चुकी हैं.
जब खोखा मार्केट से खोखे को हटाने की मुहिम शुरू की गई थी तभी कई दुकानदार नगर परिषद की दुकानों में शिफ्ट कर दिए गए थे और उन्होंने ग्राउंड फ्लोर की दुकानें ले लीं. कुछ समय के लिए पहले आओ पहले पाओ के आधार पर भी दुकानों का आवंटन किया गया है. दुकानों को छोड़ने से दुकानदारी पर इसका विपरीत असर पड़ेगा. इसी के चलते कई दुकानदारों ने खोखे खाली नहीं किए.
सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शनिवार के दिन लोक निर्माण विभाग के सहयोग से बचे हुए 12 खोखो को भी जेसीबी के माध्यम से गिरा दिया गया है. इस दौरान नगर परिषद हमीरपुर, लोक निर्माण विभाग हमीरपुर, तहसीलदार टोनीदेवी सहित पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों के समक्ष खोखे हटाने की प्रक्रिया पूरी की गई.
वहीं, खोखा धारक अश्विनी कुमार का कहना है कि उन्हें उसी आकार की दुकानें बनाकर की दीं जाए जिस आकार की दुकानें गिराई गईं हैं. उन्होंने बताया कि अचानक से उनकी दुकानें गिराई गईं हैं. हालांकि इनकी अपील चीफ इंजीनियर के पास चल रही है.
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