हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पीएचडी में बैक डोर एंट्री के मुद्दे पर एनएसयूआई (nsui hamirpur on hpu phd case) प्रदेश भर में अब सड़कों पर उतरेगी. एनएसयूआई प्रदेश महासचिव टोनी ठाकुर ने हमीरपुर में मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए यह बयान दिया है. छात्र नेता टोनी ठाकुर ने चेतावनी देते हुए कहा कि छात्रों के साथ अन्याय हरगिज भी बर्दाश्त नहीं (Injustice with students will not tolerat) किया जाएगा. आगामी दिनों में इस मुद्दे पर प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन होगा.
छात्र हित के मुद्दों पर एनएसयूआई (NSUI will Protest on PhD admission issue) पीछे हटने वाले नहीं है और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन को अपना यह फैसला वापस लेना ही होगा. यदि ऐसा नहीं होता है तो आगामी आंदोलन के लिए सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार होगा.
टोनी ठाकुर ने कड़े शब्दों में कहा कि कुछ दिन पहले एचपीयू द्वारा बिना किसी परीक्षा के कुछ चुनिंदा छात्रों को पीएचडी में प्रवेश (Selected students get admission in PhD) दिया गया जोकि आम छात्र समुदाय के साथ धोखा है. एक छात्र वाइस चांसलर प्रोफेसर सिकंदर कुमार (HPU VC Professor Sikandar Kumar) का खुद का बेटा भी है. यदि इसी प्रकार तुगलकी फरमान एचपीयू लेता रहा तो आम छात्र वर्ग का शिक्षा से विश्वास उठ जाएगा.
महासचिव ने कहा कि प्रदेश में बहुत से कॉलेजों में प्रोफेसर की भारी कमी चल रही है और यदि ऐसे ही बिना एग्जाम के पीएचडी में दाखिला मिलता रहा तो छात्रों का भविष्य अंधकार में ही रहेगा. उन्होंने कहा कि यदि हमीरपुर कॉलेज की ही बात करें तो वर्तमान समय में समाजशास्त्र , इतिहास और एजुकेशन विषय का कोई अध्यापक ही नहीं है.
टोनी ठाकुर ने कहा कि वाइस चांसलर महोदय एक पार्टी विशेष के एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लगातार संघ के लोगों को बैकडोर प्रवेश हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Backdoor entry to union people in HPU) में दिया जा रहा है. उन्होंने कहा यदि वाइस चांसलर इस फैसले को वापिस नहीं लेते हैं तो एनएसयूआई इसके खिलाफ कड़ा आंदोलन करेगी.
ये भी पढ़ें: NEET PG Counselling 2021: मेडिकल कॉलेज नेरचौक में रेजिडेंट डॉक्टर की हड़ताल, मरीज हुए परेशान