भोरंज/हमीरपुरः कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव व भोरंज के चुनाव प्रभारी रहे ठाकुर हिरापाल सिंह का गुड़िया कांड पर सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इस जघन्य अपराध को साढ़े 3 वर्ष पूरे हो गए हैं. उस पर सभी दलों के लोगों ने खूब राजनीति की थी.
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जांच एजेंसी का पीटरहॉफ का करोड़ों रुपए का बिल, तत्कालीन पुलिस अधिकारियों के मामले को छुपाने में संलिप्तता और वर्तमान केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार भी 3 वर्षों से कुछ नहीं कर रही है. इस मामले का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला पाया है. जांच एजेंसियों का उपयोग क्या न्याय दिलवाने के लिए नहीं होना चाहिए.
पूर्व प्रदेश कांग्रेस सचिव का कहना है कि उसी तरह होशियार सिंह वन रक्षक की हत्या मामले में भी कुछ नहीं हुआ है. सोचने वाली बात यह है कि परिवार के लोगों को न्याय के लिए भगवान भरोसे बैठना पड़ेगा.
इसके अलावा उन्होंने कंगना रनौत पर निशाना साधते हुए कहा कि अभिनेत्री कंगना रनौत का सुर्खियों में रहना लोगों को अच्छा लगता है. चाहे वह टिप्पणी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की या प्रधानमंत्री पद के लिए सरदार पटेल की जगह पंडित जवाहरलाल नेहरू को चुनने की बात हो. उन्होंने कहा कि प्रदेश की शाइन स्टार की अपने राज्य में हुए अपराधों पर बोलने के लिए जुबान बन्द क्यों है. क्या प्रदेश की बेटी सिर्फ सुर्खियों में रहना ही रहना पसंद करती है.
उन्होंने कहा कि उसी तरह बीजेपी नेताओं ने भी इन मुद्दों पर चुप्पी साध ली है. साथ ही कांग्रेस नेतृत्व की इस संगीन विषय पर चुप रहना सही रहेगा. आज छोटे दल इस मुद्दे को शोक संतृप्त परिवार को न्याय दिलवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. क्या राष्ट्रीय दलों का इन विषयों पर चुप रहना ठीक होगा. ठाकुर हिरापाल सिंह ने कहा कि प्रदेश में विगत कई वर्षों से ऐसे अनेक हत्याकांड हुए है, जिनमें आज तक न्याय नहीं मिला.
इस दौरान उन्होंने नाशिर खान का मुद्दा उठाते हुए कहा कि की उनकी 90 के दशक में हत्या होना जो एक तेज तर्रार कांग्रेस स्टूडेंट विंग छात्र नेता के रहे हो उसके बाद अनेक राजनैतिक हत्याओं को प्रदेश में न्याय नहीं मिला है. प्रदेश की जो शांतप्रिय और देवभूमि की छवि थी, आज धूमिल होती जा रही है. ऐसा ही मामला भ्रष्टाचार में संलिप्तता में बड़े बड़े नेताओं और उनके पारवारिक सदस्यों के नाम उजागर होना भी प्रदेश की स्वच्छ छवि को दाग लगा रहा है.
इसीलिए प्रदेश में जरूरत है राजनीति से ऊपर उठकर साफ सुथरी छवि वाले नेतृत्व तलाशने की और दोनों राष्ट्रीय दलों को इसमें शुरुआत करनी होगी. एक अच्छा पारदर्शी सुशासन देने की पहल करने की सत्ता इन दो दलों के हाथों में रहती है.
जिससे देश को भयमुक्त, साफ-सुथरा, भ्रष्टाचार रहित प्रशाशन मिले. जिसके जरिये अच्छा सुशासन प्रदान करने की दलगत राजनीति से ऊपर उठकर न्याय दिलवाने की पहल करनी होगी.