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हिमाचल में इंजीनियरिंग की अधिकतर सीटें खाली, युवाओं में घटा इंजीनियर बनने का क्रेज

युवाओं की अब इंजीनियरिंग में रुचि ना होने से कॉलेज प्रबंधकों को परेशानी हो गई है. इस बार निजी कॉलेज के साथ ही सरकारी कॉलेजों में सीटें खाली रह गई हैं.

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Published : Aug 16, 2019, 2:06 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में युवा अब इंजीनियरिंग में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. दरअसल पहले प्रदेश में निजी कॉलेजों में ही इंजीनियरिंग की सीटें खाली रह जाती थी पर इस बार तो सरकारी कॉलेज में भी सीट खाली रह गई हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकारी कॉलेजों में भी सीट को भरा नहीं जा सका है.

बता दें कि प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के अधीन प्रदेश में करीब 44 कॉलेज हैं. इन कॉलेजों में इंजीनियरिंग, एमबीए, एमसीए और फार्मेसी समेत अन्य तकनीकी विभागों में शिक्षा दी जाती है. तकनीकी विश्वविद्यालय ने जुलाई से इन कॉलेजों में सीटें भरने को तीन चरणों में काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की थी. तीन राउंड होने के बावजूद करीब डेढ़ सौ ही सीटें भरी गई.

वीडियो रिपोर्ट.

तीन दर्जन से अधिक निजी कॉलेजों में भी कई सीटें खाली हैं जिसके चलते निजी कॉलेज प्रबंधनों को स्टाफ के वेतन का भुगतान में दिक्कतें हो सकती हैं. बता दें कि बीते वर्ष प्रदेश के कुछ निजी कॉलेजों में प्रशिक्षित स्टाफ की कमी को लेकर धरना प्रदर्शन हुआ था. 15 अगस्त के बाद कोई नया दाखिला नहीं हो सकता जिससे निजी कॉलेज प्रबंधक परेशान हैं.

हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. एसपी बंसल ने कहा कुछ सरकारी महाविद्यालयों में सीटें खाली रही हैं. 17 अगस्त के बाद प्रदेश के सभी कॉलेजों से सीटों को लेकर पूरी जानकारी मिल पाएगी.

ये भी पढ़ेंः गांधी का 'लोटा' मंदिर में रखते थे जवाहर, उत्तराखंड के अल्मोड़ा में आज भी सुरक्षित है अमानत

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में युवा अब इंजीनियरिंग में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. दरअसल पहले प्रदेश में निजी कॉलेजों में ही इंजीनियरिंग की सीटें खाली रह जाती थी पर इस बार तो सरकारी कॉलेज में भी सीट खाली रह गई हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकारी कॉलेजों में भी सीट को भरा नहीं जा सका है.

बता दें कि प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के अधीन प्रदेश में करीब 44 कॉलेज हैं. इन कॉलेजों में इंजीनियरिंग, एमबीए, एमसीए और फार्मेसी समेत अन्य तकनीकी विभागों में शिक्षा दी जाती है. तकनीकी विश्वविद्यालय ने जुलाई से इन कॉलेजों में सीटें भरने को तीन चरणों में काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की थी. तीन राउंड होने के बावजूद करीब डेढ़ सौ ही सीटें भरी गई.

वीडियो रिपोर्ट.

तीन दर्जन से अधिक निजी कॉलेजों में भी कई सीटें खाली हैं जिसके चलते निजी कॉलेज प्रबंधनों को स्टाफ के वेतन का भुगतान में दिक्कतें हो सकती हैं. बता दें कि बीते वर्ष प्रदेश के कुछ निजी कॉलेजों में प्रशिक्षित स्टाफ की कमी को लेकर धरना प्रदर्शन हुआ था. 15 अगस्त के बाद कोई नया दाखिला नहीं हो सकता जिससे निजी कॉलेज प्रबंधक परेशान हैं.

हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. एसपी बंसल ने कहा कुछ सरकारी महाविद्यालयों में सीटें खाली रही हैं. 17 अगस्त के बाद प्रदेश के सभी कॉलेजों से सीटों को लेकर पूरी जानकारी मिल पाएगी.

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Intro:
इंजीनियरिंग में रुचि नहीं दिखा रहे प्रदेश के युवा, निजी कॉलेजों के साथ ही सरकारी में भी सीट्स रह गई खाली
हमीरपुर।
हिमाचल प्रदेश में युवा अब इंजीनियरिंग में रुचि नहीं दिखा रहे हैं लगातार कई सालों से सूबे के युवाओं का इंजीनियरिंग से रुझान घटने लगा है। पहले तो प्रदेश में निजी कॉलेजों में ही इंजीनियरिंग की सीटें खाली रह जाती थी लेकिन इस बार तो हद यह है कि सरकारी कॉलेज में भी सीट खाली रह गई हैं. यह पहली दफा हुआ है कि सरकारी कॉलेजों में भी सीट को भरा नहीं जा सका है. प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के अधीन प्रदेश में करीब 44 कॉलेज हैं।
इन कॉलेजों में इंजीनियरिंग, एमबीए, एमसीए और फार्मेसी समेत अन्य तकनीकी विभागों में शिक्षा दी जा रही है। तकनीकी विवि ने जुलाई से इन कॉलेजों में सीटें भरने को तीन चरणों में काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की थी। तीन राउंड के बाद भी खाली रहीं सीटें भरने को स्पॉट राउंड भी करवाया गया, लेकिन इसमें भी करीब डेढ़ सौ सीटें ही भरी गईं।
प्रदेश के तीन सरकारी कॉलेजों में ही सीटें खाली रह गई हैं। जवाहर लाल नेहरू राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय सुंदरनगर में टेक्सटाइल विभाग, राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रगतिनगर शिमला में इलेक्ट्रॉनिक्स और राजकीय महाविद्यालय ज्यूरी में मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में कई सीटें खाली हैं। तीन दर्जन से अधिक निजी कॉलेजों में भी कई सीटें खाली हैं। इसके चलते निजी कॉलेज प्रबंधनों को स्टाफ के वेतन का भुगतान में दिक्कतें हो सकती हैं। 
बता दें कि बीते वर्ष प्रदेश के कुछ निजी कॉलेजों में प्रशिक्षित स्टाफ की कमी को लेकर धरना प्रदर्शन हुआ था। न्यायालय के आदेशानुसार महाविद्यालयों में 15 अगस्त तक कक्षाएं शुरू करनी हैं। 15 अगस्त के बाद अब कोई नया दाखिला नहीं हो सकता। इसके चलते निजी कॉलेज प्रबंधक परेशान हैं। 
हिमाचल प्रदेश तकनीकी विवि के वाइस चांसलर डॉ एसपी बंसल ने कहा कि 14 अगस्त शाम तक सभी महाविद्यालयों में स्पॉट एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। 15 अगस्त से सभी कॉलेजों में कक्षाएं शुरू करने के निर्देश हैं। उन्होंने माना कि कुछेक सरकारी महाविद्यालयों में सीटें खाली रही हैं। 17 अगस्त के बाद प्रदेश के सभी कॉलेजों से सीटों को लेकर पूरी जानकारी मिल पाएगी।  


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