नूरपुर/कांगडाः जिला के नुरपुर में कुछ दुकानदारों ने कर्फ्यू में मिली ढील की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. विधानसभा के प्रमुख व्यापारिक कस्वा जसूर में व्यापारियों ने सोमवार से दुकानें खोलकर सभी तरह के नियमों को धत्ता करार दे दिया.
जसूर कस्वा एक व्यापारिक कस्वा हैं और अधिकतर दुकानदार पठानकोट पंजाब से आते जाते हैं, इसमें अधिकतर व्यवसायी थोक विक्रेता है. सरकार की दी गई ढील के दौरान कुछ दुकानदार पठानकोट से जसूर आ गए. जब इसकी जानकारी नूरपुर प्रशासन को मिली तो नूरपुर प्रशासन तुरन्त हरकत में आया और कस्वा जसूर की सभी दुकानों को जांच की. जिसके बाद पाया कि कुछ दुकानदार पठानकोट से ई-पास बनाने के बाद आये हैं.
प्रशासन ने उनके ई-पास को तुरन्त रद्द कर दिया और सभी को वापस पठानकोट भेज दिया गया. इनमें से एक व्यापारी के पास कोई भी पास नही था, जिसके ऊपर एफआईआर दर्ज की गई. नूरपुर के डीएसपी साहिल अरोड़ा ने बताया कि शिकायत मिली थी, कि कस्बा जसूर में कुछ लोग पंजाब से आए हैं और उन्होंने अपनी दुकानें खोली हैं. कुछ लोगों के पास ई-पास थे, जिनको प्रशासन ने तुरन्त रद्द कर दिया. उन्होंने कहा कि सभी लोगों से अपील की जाती हैं कि अगर कोई व्यक्ति पठानकोट से आता हैं, तो उसकी सूचना तुरन्त पुलिस को दे.
गौरतलब है कि पठानकोट के एक प्रसिद्ध निजी अस्पताल में एक डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव आई थी और पठानकोट में इस महामारी का व्यापक असर है. ऐसे में प्रशासन नहीं चाहता कि थोड़ी सी लापरवाही का खामियाजा प्रदेश को भुगतना पड़े. इसी को लेकर प्रशासन ने पठानकोट से आने वाले सभी व्यापारियों के पास रदद् कर उन्हें वापस भेज दिया.
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