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शहीद राकेश को विदा करने उमड़ा जनसमूह, दुल्हन के वेश में पत्नी ने किया अंतिम प्रणाम

अरुणाचल प्रदेश में हिमस्खलन की चपेट में शहीद हुए उपमंडल बैजनाथ के शहीद राकेश कपूर का उनके गांव महेशगढ़ में पूरे सैनिक व राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार (Army soldier rakesh kapoor of kangra) किया गया. राकेश कपूर की शहादत के बाद उनके पैतृक गांव में माहौल गमगीन है. शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की संख्या में लोग उनके पैतृक गांव पहुंचे थे.

Martyr Rakesh Kapoor funeral
शहीद राकेश का अंतिम संस्कार.
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Published : Feb 12, 2022, 8:16 PM IST

Updated : Feb 12, 2022, 9:49 PM IST

पालमपुर: अरुणाचल प्रदेश में हिमस्खलन की चपेट में शहीद हुए उपमंडल बैजनाथ के शहीद राकेश कपूर का उनके गांव महेशगढ़ में पूरे सैनिक व राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद राकेश की पार्थिव देह बैजनाथ में उनके गांव पहुंची तो हर आंख नम थी. शहीद की पत्नी ने दुल्हन के वेश में वीर सैनिक को अंतिम प्रणाम किया. उस समय वहां मौजूद हर इन्सान का दिल डूब से रहा था. माहौल बहुत ही पीड़ा से भर गया था. शहीद के चचेरे भाई शहीद की चिता को मुखाग्नि दी.

अरुणाचल प्रदेश में हिमस्खलन की चपेट में आकर शहीद हुए उपमंडल बैजनाथ के कंदराल पंचायत के महेशगढ़ गांव के राकेश कपूर का पार्थिव शरीर शनिवार चौथे दिन पहुंचा. राकेश कपूर की शहादत के बाद उनके पैतृक गांव में (Kangra Jawan Martyred in Arunachal) माहौल गमगीन है. शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की संख्या में लोग उनके पैतृक गांव पहुंचे थे.

सरकार की ओर से मंत्री राकेश पठानिया, बैजनाथ के विधायक मुल्ख राज प्रेमी, भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. पठानकोट से सेना के वाहन में शहीद की पार्थिव देह उनके घर पहुंची तो पूरा घर चीखो पुकार से गूंज उठा. उनका चीखो पुकार सुनकर हर किसी की आंखें नम हो गई.

वीडियो.

वहीं, मंत्री राकेश पठानिया, बैजनाथ के विधायक मुल्ख राज प्रेमी, भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने शहीद को पुष्पांजलि अर्पित की. इसके उपरांत शहीद के चचेरे भाई ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी. इस अवसर पर सेना के जवानों ने हवा में गोलियां दाग कर शहीद को अंतिम विदाई दी.

गौर हो कि करीब चार माह पहले ही राकेश कपूर अपने घर आया था. शहीद राकेश की शादी अक्टूबर, 2020 में हुई थी व उनका 6 महीने का बेटा है. शहीद अपने माता पिता इकलौता बेटा था. राकेश कपूर (Martyr Rakesh Kapoor funeral) के पिता जिगरी राम व माता ने सरकार से गांव की सड़क नाम शहीद के नाम करने की मांग की है व एक खेल का मैदान भी बनाने की मांग की, ताकि उनके बेटे का नाम अमर रहे.

वहीं, बैजनाथ के विधायक मुल्ख राज प्रेमी ने कहा कि इस सड़क को विद्यायक प्राथमिकता के तहत बनाया जा रहा है और पिछले महीने ही सड़क को फोरेस्ट की क्लियरेंस मिली है और युद्वस्तर पर कार्य करके जनता को समार्पित किया जाएगा. वहीं, सड़क का नाम शहीद के नाम पर रखे जाने को लेकर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी और मेरी भी यही सच्ची श्रद्वाजंलि होगी.

ये भी पढ़ें- EXCLUSIVE INTERVIEW CM JAIRAM: पंजाब के विकास के लिए कांग्रेस और केजरीवाल मॉडल नहीं हो सकता- जयराम ठाकुर

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पालमपुर: अरुणाचल प्रदेश में हिमस्खलन की चपेट में शहीद हुए उपमंडल बैजनाथ के शहीद राकेश कपूर का उनके गांव महेशगढ़ में पूरे सैनिक व राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद राकेश की पार्थिव देह बैजनाथ में उनके गांव पहुंची तो हर आंख नम थी. शहीद की पत्नी ने दुल्हन के वेश में वीर सैनिक को अंतिम प्रणाम किया. उस समय वहां मौजूद हर इन्सान का दिल डूब से रहा था. माहौल बहुत ही पीड़ा से भर गया था. शहीद के चचेरे भाई शहीद की चिता को मुखाग्नि दी.

अरुणाचल प्रदेश में हिमस्खलन की चपेट में आकर शहीद हुए उपमंडल बैजनाथ के कंदराल पंचायत के महेशगढ़ गांव के राकेश कपूर का पार्थिव शरीर शनिवार चौथे दिन पहुंचा. राकेश कपूर की शहादत के बाद उनके पैतृक गांव में (Kangra Jawan Martyred in Arunachal) माहौल गमगीन है. शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की संख्या में लोग उनके पैतृक गांव पहुंचे थे.

सरकार की ओर से मंत्री राकेश पठानिया, बैजनाथ के विधायक मुल्ख राज प्रेमी, भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. पठानकोट से सेना के वाहन में शहीद की पार्थिव देह उनके घर पहुंची तो पूरा घर चीखो पुकार से गूंज उठा. उनका चीखो पुकार सुनकर हर किसी की आंखें नम हो गई.

वीडियो.

वहीं, मंत्री राकेश पठानिया, बैजनाथ के विधायक मुल्ख राज प्रेमी, भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने शहीद को पुष्पांजलि अर्पित की. इसके उपरांत शहीद के चचेरे भाई ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी. इस अवसर पर सेना के जवानों ने हवा में गोलियां दाग कर शहीद को अंतिम विदाई दी.

गौर हो कि करीब चार माह पहले ही राकेश कपूर अपने घर आया था. शहीद राकेश की शादी अक्टूबर, 2020 में हुई थी व उनका 6 महीने का बेटा है. शहीद अपने माता पिता इकलौता बेटा था. राकेश कपूर (Martyr Rakesh Kapoor funeral) के पिता जिगरी राम व माता ने सरकार से गांव की सड़क नाम शहीद के नाम करने की मांग की है व एक खेल का मैदान भी बनाने की मांग की, ताकि उनके बेटे का नाम अमर रहे.

वहीं, बैजनाथ के विधायक मुल्ख राज प्रेमी ने कहा कि इस सड़क को विद्यायक प्राथमिकता के तहत बनाया जा रहा है और पिछले महीने ही सड़क को फोरेस्ट की क्लियरेंस मिली है और युद्वस्तर पर कार्य करके जनता को समार्पित किया जाएगा. वहीं, सड़क का नाम शहीद के नाम पर रखे जाने को लेकर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी और मेरी भी यही सच्ची श्रद्वाजंलि होगी.

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Last Updated : Feb 12, 2022, 9:49 PM IST
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