कांगड़ाः कुछ दिन पहले जहां प्रदेश कोरोना मुक्त की ओर बढ़ रहा था, वहीं दिल्ली के रेड जोन से लौटे ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. तीन मई तक प्रदेश में पॉजिटिव केस की संख्या मात्र 41 थी, जिनमें से कांगड़ा में एक ही एक्टिव केस था. लेकिन एक सप्ताह में ही कोरोना के 9 मरीज हो गए. सिर्फ मंगलवार को ही जिला में 4 पॉजिटिव केस सामने आए हैं.
कोरोना प्रभावित राज्यों के रेड जोन से लगातार प्रदेश में लोग आ रहे हैं और विदेशों से भी लोगों को लाया जा रहा है. जिला में कोरोना मरिजों की बात करें तो सिर्फ तीन लोगों को छोड़कर बाकी सब दिल्ली से ही कांगड़ा में लौटे हैं. शुरुआती दौर में जिला में कोरोना फैलने का कारण बाहरी राज्यों से संक्रमित लोगों का पहुंचना माना जा रहा था. लेकिन अब दिल्ली के रेड जोन से आये लोग संक्रमित हो रहे हैं. जिससे कांगड़ा जिला एक बार फिर से हॉट स्पॉट बन गया है.
गौरतलब है कि लॉकडाउन और कर्फ्यू के ऐलान के बाद काफी दिन तक सरकार ने बाहर फंसे हिमाचलियों को एंट्री नहीं दी थी. लेकिन कोटा में फंसे छात्रों को लाने के लिए बसें भेजने पर सरकार घिर गई, इसके अलावा, दो सांसदों की लॉकडाउन के बीच दिल्ली से प्रदेश में एंट्री से भी सरकार बैकफुट में आ गई थी, इससे सरकार पर दवाब आ गया कि बाहर फंसे हिमाचलियों को भी सूबे में आने दिया जाएगा. लेकिन सरकार की सबसे बड़ी चूक इन्हें संस्थागत क्वारंटाइन न कर घर पर भेजने से हुई है.
जिला कांगड़ा में हजारों की संख्या में लोग दिल्ली से वापस अपने घरों में लौटे हैं, जिन्हें होम क्वारंटाइन किया गया है. मौजूदा हालात ऐसे है कि अब जितने भी नए कोरोना पॉजिटिव मामले आ रहे है, उनमें से ज्यादातर लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री दिल्ली की है.
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भी अब दिल्ली से वापस लौटे लोगों की टेस्टिंग करवा रहा है. जिला कांगड़ा में मंगलवार को एक साथ तीन मामले सामने आए हैं, जिनमें से पंचरुखी पुलिस थाने का एक हेड कॉन्स्टेबल भी कोरोना पॉजिटिव है. ऐसे में पुलिस ने पूरा पुलिस थाना सील कर सेनिटाइज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं एक व्यक्ति जालंधर से वापस लौटा था और एक अन्य व्यक्ति फ्लू क्लिनिक में उपचाराधीन था.