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संवेदनशील भवनों को चिन्हित करेगी निरीक्षण कमेटियां, DC ने दिए आदेश

डीसी राकेश प्रजापित द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार आपदा की दृष्टि से संवेदनशील भवनों को चिन्हित करने के लिए जिला के सभी उपमंडलाधिकारियों को निरीक्षण कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं.

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Published : Jul 18, 2019, 9:30 PM IST

धर्मशाला: कांगड़ा जिला में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील सरकारी व निजी भवनों को चिन्हित करने और उन्हें खाली कराने के निर्देश जारी किए गए हैं. इस बावत जिला दंडाधिकारी व डीसी राकेश प्रजापति ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 30 के तहत आदेश पारित किए हैं.

डीसी राकेश प्रजापित द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार आपदा की दृष्टि से संवेदनशील भवनों को चिन्हित करने के लिए जिला के सभी उपमंडलाधिकारियों को निरीक्षण कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं. इस कमेटी में लोक निर्माण विभाग के एक विशेषज्ञ को सदस्य के रुप में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं. उक्त कमेटियों को 25 जुलाई से पहले भवनों का निरीक्षण व भवनों को खाली कराने की कार्रवाई करके रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को प्रेषित करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

डीसी राकेश प्रजापति ने बताया कि बरसात के दौरान पुराने भवनों के गिरने से भारी जान माल के नुकसान की आशंका बनी रहती है. जिसकी वजह से उपमंडलाधिकारियों को ऐसे सभी संवेदनशील भवनों को चिह्न्ति करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि उपमंडल स्तर पर गठित की जाने वाली निरीक्षण कमेटी आपदा की दृष्टि से चिन्हित संवदेनशील भवनों को खाली कराने के लिए भी उपयुक्त कदम उठाएगी.

वीडियो

डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि जिला प्रशासन आपदा जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन की कार्य योजना तैयार की गई है. उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन प्लान के अनुसार ही जिला भर में 11 जुलाई को मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई है और बरसात से पहले बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील नदियों तथा खड्डों के किनारे चेतावनी बोर्ड लगाने के दिशा निर्देश भी दिए गए हैं. साथ ही बरसात के दौरान खड्डों व नालों के आसपास न जाने की हिदायतें भी दी गई है.

धर्मशाला: कांगड़ा जिला में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील सरकारी व निजी भवनों को चिन्हित करने और उन्हें खाली कराने के निर्देश जारी किए गए हैं. इस बावत जिला दंडाधिकारी व डीसी राकेश प्रजापति ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 30 के तहत आदेश पारित किए हैं.

डीसी राकेश प्रजापित द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार आपदा की दृष्टि से संवेदनशील भवनों को चिन्हित करने के लिए जिला के सभी उपमंडलाधिकारियों को निरीक्षण कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं. इस कमेटी में लोक निर्माण विभाग के एक विशेषज्ञ को सदस्य के रुप में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं. उक्त कमेटियों को 25 जुलाई से पहले भवनों का निरीक्षण व भवनों को खाली कराने की कार्रवाई करके रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को प्रेषित करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

डीसी राकेश प्रजापति ने बताया कि बरसात के दौरान पुराने भवनों के गिरने से भारी जान माल के नुकसान की आशंका बनी रहती है. जिसकी वजह से उपमंडलाधिकारियों को ऐसे सभी संवेदनशील भवनों को चिह्न्ति करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि उपमंडल स्तर पर गठित की जाने वाली निरीक्षण कमेटी आपदा की दृष्टि से चिन्हित संवदेनशील भवनों को खाली कराने के लिए भी उपयुक्त कदम उठाएगी.

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डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि जिला प्रशासन आपदा जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन की कार्य योजना तैयार की गई है. उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन प्लान के अनुसार ही जिला भर में 11 जुलाई को मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई है और बरसात से पहले बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील नदियों तथा खड्डों के किनारे चेतावनी बोर्ड लगाने के दिशा निर्देश भी दिए गए हैं. साथ ही बरसात के दौरान खड्डों व नालों के आसपास न जाने की हिदायतें भी दी गई है.

Intro:धर्मशाला- कांगड़ा जिला में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील सरकारी तथा निजी भवनों को चिह्न्ति करने तथा उन्हें खाली करवाने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इस बाबत जिला दंडाधिकारी एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष राकेश प्रजापति ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 30 के तहत आदेश पारित किए गए हैं इन आदेशों के अनुसार आपदा की दृष्टि से संवेदनशील भवनों को चिह्न्ति करने के लिए कांगड़ा जिला के सभी उपमंडलाधिकारियों को निरीक्षण कमेटी गठित करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं इस कमेटी में लोक निर्माण विभाग के एक विशेषज्ञ को बतौर सदस्य शामिल करना जरूरी है। उक्त कमेटियों को 25 जुलाई से पहले भवनों का निरीक्षण तथा भवनों को खाली करवाने की कार्रवाई रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को प्रेषित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। 


Body:उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान पुराने भवनों के गिरने से भारी जान और माल के नुकसान की आशंका बनी रहती है जिसके चलते ही इस बार उपमंडलाधिकारियों को ऐसे सभी संवेदनशील भवनों को चिह्न्ति करने के निर्देश दिए गए हैं इस के साथ उपमंडल स्तर पर गठित की जाने वाली निरीक्षण कमेटी आपदा की दृष्टि से चिह्न्ति संवदेनशील भवनों को खाली करवाने के लिए भी उपयुक्त कदम उठाएगी।


Conclusion:उपायुक्त राकेश प्रजापति ने कहा कि जिला प्रशासन आपदा जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए गंभीर है तथा प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा के हर पहलु को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन की कार्य योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन प्लान के अनुसार ही जिला भर में 11 जुलाई को मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई है। राकेश प्रजापति ने कहा कि सभी उपमंडलाधिकारियों को बरसात से पहले बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील नदियों तथा खड्डों के किनारे चेतावनी बोर्ड लगाने के दिशा निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान खडडों तथा नालों के आसपास नहीं जाने की हिदायतें भी दी गई हैं।  

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