धर्मशाला: कांगड़ा जिला में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील सरकारी व निजी भवनों को चिन्हित करने और उन्हें खाली कराने के निर्देश जारी किए गए हैं. इस बावत जिला दंडाधिकारी व डीसी राकेश प्रजापति ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 30 के तहत आदेश पारित किए हैं.
डीसी राकेश प्रजापित द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार आपदा की दृष्टि से संवेदनशील भवनों को चिन्हित करने के लिए जिला के सभी उपमंडलाधिकारियों को निरीक्षण कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं. इस कमेटी में लोक निर्माण विभाग के एक विशेषज्ञ को सदस्य के रुप में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं. उक्त कमेटियों को 25 जुलाई से पहले भवनों का निरीक्षण व भवनों को खाली कराने की कार्रवाई करके रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को प्रेषित करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
डीसी राकेश प्रजापति ने बताया कि बरसात के दौरान पुराने भवनों के गिरने से भारी जान माल के नुकसान की आशंका बनी रहती है. जिसकी वजह से उपमंडलाधिकारियों को ऐसे सभी संवेदनशील भवनों को चिह्न्ति करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि उपमंडल स्तर पर गठित की जाने वाली निरीक्षण कमेटी आपदा की दृष्टि से चिन्हित संवदेनशील भवनों को खाली कराने के लिए भी उपयुक्त कदम उठाएगी.
डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि जिला प्रशासन आपदा जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन की कार्य योजना तैयार की गई है. उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन प्लान के अनुसार ही जिला भर में 11 जुलाई को मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई है और बरसात से पहले बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील नदियों तथा खड्डों के किनारे चेतावनी बोर्ड लगाने के दिशा निर्देश भी दिए गए हैं. साथ ही बरसात के दौरान खड्डों व नालों के आसपास न जाने की हिदायतें भी दी गई है.