चंबा: केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही मनरेगा योजना के तहत चंबा जिले को भी विकास की राह पर आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है. जिसके चलते चंबा जिले की 309 पंचायतों में निरंतर विकास के कार्य हो रहे हैं. बता दें कि इसके लिए सरकार द्वारा 182 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे, जिसमें से अभी तक 165 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
मनरेगा के तहत ग्रामीण परिपेक्ष में रहने वाली (MGNREGA Scheme in Chamba) पंचायतों में विकास कार्य को लेकर प्रयास हो रहे हैं, जिसके चलते जिले में ही अलग-अलग तरीके से इस पैसे को खर्च किया गया है. जाहिर सी बात है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार भी मिल रहा है. साथ ही सरकार का प्रयास है कि प्राकृतिक रूप से होने वाली बारिश को संरक्षित किया जा सके, इसको लेकर भी पंचायतें कार्य कर रही हैं.
डिप्टी कमिश्नर चंबा डीसी राणा (Deputy Commissioner Chamba DC Rana) लगातार पंचायतों को निर्देश दे रहे हैं. मनरेगा के तहत अलग-अलग कार्य करवाकर पंचायतों को और विकसित किया जा सके, ताकि लोगों को मनरेगा के तहत सुविधाएं भी मिल सके. यही कारण है कि अभी तक 165 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
सबसे ज्यादा फोकस ग्रामीण क्षेत्रों में वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर किया जा रहा है, क्योंकि गर्मियों के मौसम में पानी की समस्या न हो इसको लेकर भी अभी तक 878 वाटर बॉडी बनाई गई है. इसके अलावा 632 वाटर बॉडी ऐसी है जिन्हे दोबारा से बेहतर बनाया गया है. नीति आयोग ने भी चंबा जिले की तारीफ की है. जिस तरह से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर जिला प्रशासन ने काम किया है, इससे माइक्रो इर्रिगेशन भी बढ़ी है. पहले माइक्रो इर्रिगेशन का कवरिंग एरिया 908 हेक्टेयर था, जिसे बढ़ाकर 1964 हेक्टेयर किया गया है.
वहीं, दूसरी ओर डिप्टी कमिश्नर डीसी राणा का कहना है कि मनरेगा के तहत (MGNREGA Scheme in Chamba) चंबा जिले को 182 करोड़ रुपये सरकार द्वारा स्वीकृत हुए थे. जिन्हें अलग-अलग कार्यों में खर्च किया जा रहा है. अभी तक 165 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और पंचायतों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक बजट को खर्च करें. साथ ही प्राकृतिक रूप से होने वाली बारिश को भी संरक्षित करना है. इसके लिए भी प्रयास किए जाएंगे, सबसे ज्यादा (work on water harvesting in chamba) फोकस वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर किया जा रहा है.
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