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Treatment in AIIMS Bilaspur: आईपीएच कर्मचारी को नड्डा के ड्रीम प्रोजेक्ट एम्स में नहीं मिला इलाज, जिला अस्पताल बिलासपुर बना सहारा - road accident in kothipura

बिलासपुर ही नहीं बल्कि समूचे प्रदेश को स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाला एम्स संस्थान बिलासपुर (Treatment in AIIMS Bilaspur) में घायलों का उपचार नहीं हो रहा है. ऐसा ही एक वाक्या मंगलवार को एम्स संस्थान के साथ कोठीपुरा में हुए सड़क हादसे (road accident in kothipura) में सामने आया. जिसमें आईपीएच विभाग के धर्मपाल उम्र 39 साल कर्मचारी को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी. ऐसे में वाहन चालक तो मौके पर फरार हो गया, लेकिन घायल को सड़क पर तड़पता देख ग्रामीणों को उसे नजदीकी एम्स संस्थान में पहुंचाया, लेकिन हैरान करने की बात तब सामने आई जब एम्स में तैनात चिकित्सकों ने मरीज का इलाज करने के लिए मनाही कर दी और कहा कि उनके पास पर्याप्त सुविधाएं नहीं है. इसलिए आप मरीज को जिला अस्पताल में ले जाएं.

Patients are not getting treatment in AIIMS Bilaspur
फोटो.
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Published : Dec 21, 2021, 4:35 PM IST

Updated : Dec 21, 2021, 6:14 PM IST

बिलासपुर: जिला बिलासपुर ही नहीं बल्कि समूचे प्रदेश को स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाला एम्स बिलासपुर (Treatment in AIIMS Bilaspur) में घायलों का उपचार नहीं हो रहा है. यहां पर घायलों के इलाज के लिए जिला अस्पताल बिलासपुर में रेफर किया जा रहा है. एम्स संस्थान का कहना है कि उनके पास पर्याप्त सुविधाएं न होने के चलते घायलों का उपचार नहीं कर सकते है.

ऐसा ही एक वाक्या मंगलवार को एम्स संस्थान के साथ कोठीपुरा में हुए सड़क हादसे (road accident in kothipura) में सामने आया. जिसमें आईपीएच विभाग के धर्मपाल उम्र 39 साल कर्मचारी को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी. ऐसे में वाहन चालक तो मौके पर फरार हो गया, लेकिन घायल को सड़क पर तड़पता देख ग्रामीणों को उसे नजदीकी एम्स संस्थान में पहुंचाया, लेकिन हैरान करने की बात तब सामने आई जब एम्स में तैनात चिकित्सकों ने मरीज का इलाज करने के लिए मनाही कर दी और कहा कि उनके पास पर्याप्त सुविधाएं नहीं है. इसलिए आप मरीज को जिला अस्पताल में ले जाएं.

ऐसे में घायल के साथ आए उनके परिजन सहित ग्रामीण भड़क गए. अंततः उन्हें अपने घायल मरीज को जिला अस्पताल बिलासपुर लाया गया और उपचार शुरू हुआ. बता दें कि एम्स संस्थान में कुछ समय पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सहित भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा ओपीडी का शुभारंभ किया गया, लेकिन धरातल पर कुछ और ही तस्वीर सामने निकलकर आ रही है.

वीडियो.

जिला अस्पताल में मरीज के साथ तीमारदारों का कहना है कि एम्स में उन्हें इलाज न मिलने से काफी निराश नजर आए. क्योंकि इतने बड़े संस्थान में जब मरीजों का इलाज हीं नहीं हो रहा है तो करोड़ों रुपये खर्च करने का क्या मतलब. ऐसे में मरीजों का इलाज न मिलने से एम्स प्रबंधन (AIIMS Management Bilaspur) पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है. वहीं, आपको बता दें कि सरकार एम्स को लेकर बड़े दावे कर रही है, लेकिन इस तस्वीर से सरकार के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है.

ये भी पढ़ें- Nigam Bhandari on jairam goverment: जश्न के बजाए अपने विकास कार्यों की जानकारी दे सरकार: निगम भंडारी

बिलासपुर: जिला बिलासपुर ही नहीं बल्कि समूचे प्रदेश को स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाला एम्स बिलासपुर (Treatment in AIIMS Bilaspur) में घायलों का उपचार नहीं हो रहा है. यहां पर घायलों के इलाज के लिए जिला अस्पताल बिलासपुर में रेफर किया जा रहा है. एम्स संस्थान का कहना है कि उनके पास पर्याप्त सुविधाएं न होने के चलते घायलों का उपचार नहीं कर सकते है.

ऐसा ही एक वाक्या मंगलवार को एम्स संस्थान के साथ कोठीपुरा में हुए सड़क हादसे (road accident in kothipura) में सामने आया. जिसमें आईपीएच विभाग के धर्मपाल उम्र 39 साल कर्मचारी को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी. ऐसे में वाहन चालक तो मौके पर फरार हो गया, लेकिन घायल को सड़क पर तड़पता देख ग्रामीणों को उसे नजदीकी एम्स संस्थान में पहुंचाया, लेकिन हैरान करने की बात तब सामने आई जब एम्स में तैनात चिकित्सकों ने मरीज का इलाज करने के लिए मनाही कर दी और कहा कि उनके पास पर्याप्त सुविधाएं नहीं है. इसलिए आप मरीज को जिला अस्पताल में ले जाएं.

ऐसे में घायल के साथ आए उनके परिजन सहित ग्रामीण भड़क गए. अंततः उन्हें अपने घायल मरीज को जिला अस्पताल बिलासपुर लाया गया और उपचार शुरू हुआ. बता दें कि एम्स संस्थान में कुछ समय पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सहित भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा ओपीडी का शुभारंभ किया गया, लेकिन धरातल पर कुछ और ही तस्वीर सामने निकलकर आ रही है.

वीडियो.

जिला अस्पताल में मरीज के साथ तीमारदारों का कहना है कि एम्स में उन्हें इलाज न मिलने से काफी निराश नजर आए. क्योंकि इतने बड़े संस्थान में जब मरीजों का इलाज हीं नहीं हो रहा है तो करोड़ों रुपये खर्च करने का क्या मतलब. ऐसे में मरीजों का इलाज न मिलने से एम्स प्रबंधन (AIIMS Management Bilaspur) पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है. वहीं, आपको बता दें कि सरकार एम्स को लेकर बड़े दावे कर रही है, लेकिन इस तस्वीर से सरकार के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है.

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Last Updated : Dec 21, 2021, 6:14 PM IST
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