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Bilaspur AIIMS OPD: जेपी नड्डा का ड्रीम प्रोजेक्ट होने जा रहा साकार, ओपीडी शुरू होने से मरीजों को मिलेगी ये सुविधाएं - जेपी नड्डा का ड्रीम प्रोजेक्ट

बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का ड्रीम प्रोजेक्ट (JP Nadda dream project) आखिरकार पूरा होने जा रहा है. हिमाचल के बिलासपुर जिले में बने एम्स की ओपीडी का उद्धघाटन (Bilaspur AIIMS OPD) होने जा रहा है. यहां ओपीडी सुविधा मिलने से न केवल हिमाचल वासियों को बल्कि साथ लगते राज्यों को भी फायदा मिलेगा.

Bilaspur AIIMS OPD
बिलासपुर एम्स में ओपीडी शुरू
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Published : Dec 3, 2021, 7:46 PM IST

बिलासपुर: अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को साकार करने के लिए बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda dream project) अपनी धरा बिलासपुर (JP Nadda visit to Bilaspur) पहुंच रहे हैं. पूर्व में रहे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समय अपने बिलासपुर जिला में एम्स का देखा सपना (Bilaspur AIIMS OPD) आखिरकार साकार होने जा रहा है. हिमाचल जैसे एक छोटे पहाड़ी राज्य में विश्व स्तर की आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं मिलना बहुत बड़ी बात है.

बिलासपुर के कोठीपुरा में बने एम्स से न केवल हिमाचल बल्कि इसके साथ लगते पंजाब-हरियाणा राज्य भी लांभावित होगें. इसी के साथ हिमाचल के दुगर्म इलाके चंबा, किन्नौर, सिरमौर के लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी. हिमाचल प्रदेश में इससे पहले सिर्फ मेडिकल काॅलेज ही है लेकिन अब पीजीआई से भी बड़ा संस्थान हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में बना है.

एम्स के शुरू होने से एक तरफ जहां लोगों को बाहरी राज्यों में अपना उपचार करवाने नहीं जाना पड़ेगा वहीं, प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल शिमला आईजीएमसी में भी मरीजों की संख्या कम होगी जिसके चलते रोगियों को (Health Facilities in Himachal) अच्छा उपचार मिलेगा.


बता दें कि 1351 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे एम्स का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्तूबर 2017 को लुहणू में किया था. 205 एकड़ भूमि पर बन रहे एम्स का प्रत्येक भवन सड़क से जुड़ा होगा. ओपीडी के साथ अस्पताल में 750 बिस्तर होंगे, जिनमें 320 साधारण व 300 बिस्तर विशिष्ट श्रेणी के होंगे. इमरजेंसी व ट्रामा के साथ 130 बिस्तरों का इंटेंसिव केयर यूनिट अलग से होगा.

एम्स में एक मेडिकल कॉलेज भी होगा जिसमें 100 सीटें आरक्षित होंगी. एक नर्सिंग कॉलेज भी होगा, इस नर्सिंग कॉलेज में 60 सीटें होंगी. एक बड़ा पुस्तकालय व एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक भी बनेगा. एक पशु घर भी इस संस्थान में निर्मित किया जाएगा. इसी के साथ एक अनुसंधान केंद्र भी होगा. संस्थान में 15 आप्रेशन थिएटर होंगे. 750 लोगों की कैपेसिटी का एक सभागार बनेगा और 160 लोगों के ठहरने की क्षमता वाली सरायं भी प्रस्तावित है.


बिलासपुर के एम्स में 9 स्पेशालिटी डिपार्टमेंट्स और 9 ही सुपर स्पेशालिटी डिपार्टमेंट शुरू किए जाएंगे. जिनमें मुख्य रूप से (Healthcare Facilities in Bilaspur AIIMS) जनरल मेडिसिन, सर्जरी, ईएनटी, पिडयाट्रिकस, ऑर्थोपेडिक्स, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, सिटीवीएस, पीडीएट्रिक सर्जरी, न्यूरोलॉजी व प्लास्टिक सर्जरी जैसी कई सुविधाएं शुरू की जाएंगी. इसके अलावा एक्सरे, अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी ओपीडी में मिलेगी जबकि सिटी स्कैन व ओटी की सुविधा शुरू होने में कुछ समय और लगेगा.


एम्स बिलासपुर में अभी तक 79 डॉक्टर ने जॉइन किया है. जिसमें 25 क्लिनिकल डॉक्टर्स हैं और वह सभी तय समय अनुसार एम्स में अपनी सेवाएं देंगे. वहीं, ऑक्सीजन प्लांट व आईसीयू की सुविधा ना होने के चलते अभी ओटी सुविधा शुरू नहीं हो पाएगी. फिलहाल लिमिटेड सर्विस शुरू की जा रही है.

ये भी पढ़ें :हिमाचल को देश का संपूर्ण वैक्सीनेटेड राज्य घोषित करने बिलासपुर पहुंच रहे नड्डा, तैयारियां पूरी

बिलासपुर: अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को साकार करने के लिए बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda dream project) अपनी धरा बिलासपुर (JP Nadda visit to Bilaspur) पहुंच रहे हैं. पूर्व में रहे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समय अपने बिलासपुर जिला में एम्स का देखा सपना (Bilaspur AIIMS OPD) आखिरकार साकार होने जा रहा है. हिमाचल जैसे एक छोटे पहाड़ी राज्य में विश्व स्तर की आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं मिलना बहुत बड़ी बात है.

बिलासपुर के कोठीपुरा में बने एम्स से न केवल हिमाचल बल्कि इसके साथ लगते पंजाब-हरियाणा राज्य भी लांभावित होगें. इसी के साथ हिमाचल के दुगर्म इलाके चंबा, किन्नौर, सिरमौर के लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी. हिमाचल प्रदेश में इससे पहले सिर्फ मेडिकल काॅलेज ही है लेकिन अब पीजीआई से भी बड़ा संस्थान हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में बना है.

एम्स के शुरू होने से एक तरफ जहां लोगों को बाहरी राज्यों में अपना उपचार करवाने नहीं जाना पड़ेगा वहीं, प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल शिमला आईजीएमसी में भी मरीजों की संख्या कम होगी जिसके चलते रोगियों को (Health Facilities in Himachal) अच्छा उपचार मिलेगा.


बता दें कि 1351 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे एम्स का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्तूबर 2017 को लुहणू में किया था. 205 एकड़ भूमि पर बन रहे एम्स का प्रत्येक भवन सड़क से जुड़ा होगा. ओपीडी के साथ अस्पताल में 750 बिस्तर होंगे, जिनमें 320 साधारण व 300 बिस्तर विशिष्ट श्रेणी के होंगे. इमरजेंसी व ट्रामा के साथ 130 बिस्तरों का इंटेंसिव केयर यूनिट अलग से होगा.

एम्स में एक मेडिकल कॉलेज भी होगा जिसमें 100 सीटें आरक्षित होंगी. एक नर्सिंग कॉलेज भी होगा, इस नर्सिंग कॉलेज में 60 सीटें होंगी. एक बड़ा पुस्तकालय व एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक भी बनेगा. एक पशु घर भी इस संस्थान में निर्मित किया जाएगा. इसी के साथ एक अनुसंधान केंद्र भी होगा. संस्थान में 15 आप्रेशन थिएटर होंगे. 750 लोगों की कैपेसिटी का एक सभागार बनेगा और 160 लोगों के ठहरने की क्षमता वाली सरायं भी प्रस्तावित है.


बिलासपुर के एम्स में 9 स्पेशालिटी डिपार्टमेंट्स और 9 ही सुपर स्पेशालिटी डिपार्टमेंट शुरू किए जाएंगे. जिनमें मुख्य रूप से (Healthcare Facilities in Bilaspur AIIMS) जनरल मेडिसिन, सर्जरी, ईएनटी, पिडयाट्रिकस, ऑर्थोपेडिक्स, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, सिटीवीएस, पीडीएट्रिक सर्जरी, न्यूरोलॉजी व प्लास्टिक सर्जरी जैसी कई सुविधाएं शुरू की जाएंगी. इसके अलावा एक्सरे, अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी ओपीडी में मिलेगी जबकि सिटी स्कैन व ओटी की सुविधा शुरू होने में कुछ समय और लगेगा.


एम्स बिलासपुर में अभी तक 79 डॉक्टर ने जॉइन किया है. जिसमें 25 क्लिनिकल डॉक्टर्स हैं और वह सभी तय समय अनुसार एम्स में अपनी सेवाएं देंगे. वहीं, ऑक्सीजन प्लांट व आईसीयू की सुविधा ना होने के चलते अभी ओटी सुविधा शुरू नहीं हो पाएगी. फिलहाल लिमिटेड सर्विस शुरू की जा रही है.

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