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इस शक्तिपीठ में होता है बच्चों का मुंडन संस्कार, माता-पिता करते हैं बच्चों की लंबी उम्र की कामना

श्री नैना देवी में भारी संख्या में श्रद्धालु हर रोज प्राचीन परंपराओं के मुताबिक अपने बच्चों का मुंडन संस्कार करवाते हैं.

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Published : Apr 22, 2019, 2:19 PM IST

श्री नैना देवी में बच्चों का मुंडन संस्कार करवाते श्रद्धालु

बिलासपुर: विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में भारी संख्या में श्रद्धालु हर रोज प्राचीन परंपराओं के मुताबिक अपने बच्चों का मुंडन संस्कार करवाते हैं.

शक्तिपीठ श्री नैना देवी में पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली से भी भारी संख्या में श्रद्धालु अपने बच्चों का मुंडन करवाते है. मंदिर के प्रांगण में एक तरफ बाल काटने वालों के बैठने की व्यवस्था की गई है. यहां बच्चों का मुंडन संस्कार होता है.

श्री नैना देवी में मुंडन संस्कार करवाते श्रद्धालु

ये भी पढ़ें: प्रकृति की गोद में सुकून के पल बिताने हैं तो जरूर आएं बागा सराहना, जानिए क्या है यहां की खासियत

मंदिर में विधिवत रूप से बाल काटने के बाद मिठाई के साथ बच्चों के बाल काली माता के मंदिर में चढ़ाए जाते हैं. बच्चों की लंबी उम्र की कामाना के भी माता से की जाती है.
श्रद्धालुओं ने बताया कि पहले उनके दादा फिर उनके और फिर उनकी छोटी बच्ची का मुंडन संस्कार यहां पर हुआ है. जब भी घर में पैदा होने वाले नवजात का मुंडन संस्कार मां के दरबार में ही होता है.

बिलासपुर: विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में भारी संख्या में श्रद्धालु हर रोज प्राचीन परंपराओं के मुताबिक अपने बच्चों का मुंडन संस्कार करवाते हैं.

शक्तिपीठ श्री नैना देवी में पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली से भी भारी संख्या में श्रद्धालु अपने बच्चों का मुंडन करवाते है. मंदिर के प्रांगण में एक तरफ बाल काटने वालों के बैठने की व्यवस्था की गई है. यहां बच्चों का मुंडन संस्कार होता है.

श्री नैना देवी में मुंडन संस्कार करवाते श्रद्धालु

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मंदिर में विधिवत रूप से बाल काटने के बाद मिठाई के साथ बच्चों के बाल काली माता के मंदिर में चढ़ाए जाते हैं. बच्चों की लंबी उम्र की कामाना के भी माता से की जाती है.
श्रद्धालुओं ने बताया कि पहले उनके दादा फिर उनके और फिर उनकी छोटी बच्ची का मुंडन संस्कार यहां पर हुआ है. जब भी घर में पैदा होने वाले नवजात का मुंडन संस्कार मां के दरबार में ही होता है.

Intro:विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में आज भी प्राचीन परंपराओं के मुताबिक श्रद्धालु अपने छोटे-छोटे बच्चों के मुंडन संस्कार करवाते हैं श्रद्धालु हर रोज काफी संख्या में श्रद्धालु अपने बच्चों के मुंडन संस्कार करवाने के लिए माता के दरबार में पहुंचते हैं पंजाब हिमाचल हरियाणा दिल्ली अन्य प्रदेशों से यहां तक विदेशों से भी श्रद्धालु अपनी इन प्राचीन परंपराओं को निभाते हुए माता के दरबार में छोटे-छोटे जो घर में नए बच्चे आते हैं उनके पहली बार बाल कटवाने के लिए मां के दरबार में पहुंचते हैं Body:Vishul byte Conclusion:विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में आज भी प्राचीन परंपराओं के मुताबिक श्रद्धालु अपने छोटे-छोटे बच्चों के मुंडन संस्कार करवाते हैं श्रद्धालु हर रोज काफी संख्या में श्रद्धालु अपने बच्चों के मुंडन संस्कार करवाने के लिए माता के दरबार में पहुंचते हैं पंजाब हिमाचल हरियाणा दिल्ली अन्य प्रदेशों से यहां तक विदेशों से भी श्रद्धालु अपनी इन प्राचीन परंपराओं को निभाते हुए माता के दरबार में छोटे-छोटे जो घर में नए बच्चे आते हैं उनके पहली बार बाल कटवाने के लिए मां के दरबार में पहुंचते हैं

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मंदिर में विधिवत रूप से बाल कटवाए जाते हैं और फिर प्रसाद के साथ मिठाई के साथ बच्चों के बाल काली माता के मंदिर में चढ़ाए जाते हैं और मन्नत मांगी जाती है माता रानी की कृपा से बच्चे की लंबी उम्र हो सद्बुद्धि मिले
पंजाब से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि पहले उनके दादा फिर उसके पश्चात उनके और उनके बाद आज उनके छोटी सी बच्ची के मुंडन संस्कार यहां पर हुए हैं प्राचीन समय से ही जब भी घर में कोई नया बच्चा पैदा होता है तो उसकी पहली बार बार माताजी के दरबार में ही कटवाते हैं यही हमारी परंपरा है और यही उनके परिवार की चल रही मान्यता है मंदिर में प्रांगण में एक तरफ हर समय नाइ के बैठने के लिए जगह प्रदान की गई है जहां पर बैठकर नाई बच्चों के बालों को काटता है मंदिर में तैनात नाई राजू का कहना है कि वे काफी समय से पीढ़ी दर पीढ़ी इस कार्य से जुड़ा है और माता रानी की कृपा से वह यह कार्य करते आ रहे हैं

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