बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में छोटे बच्चों के लिए खोले जा रहे स्कूलों के निर्णय को बिलासपुर जिले के परिजनों ने सही करार दिया है. परिजनों का कहना है कि दो सालों से बच्चे ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के माध्यम से ही पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन कहीं न कहीं यह पढ़ाई बच्चों के भविष्य के लिए सही साबित होती नजर नहीं आ रही थी. ऐसे में जिले के परिजनों का कहना है कि बच्चे अब स्कूल जाएंगे तो सही मायने में पढ़ाई की परिभाषा को भी समझ पाएंगे.
इसी के साथ परिजनों का कहना है कि कुछ संकाय ऐसे भी जिसमें विज्ञान व गणित जिसमें बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई में कम समझ आता था. जिसके कारण उनका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पढ़ रहा था, लेकिन अब स्कूल खुलेंगे तो इससे बच्चों को पढ़ाई में भी आसानी होगी और इन संकायों की बारीकियों से समझ पाएंगे.
बता दें कि हिमाचल सरकार ने सोमवार को कैबिनेट में बैठक कर 10 और 15 तारीख को छोटे बच्चों यानी पहली से सातवीं तक की कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया गया है. जिसकी परिजन सराहना करते हुए नजर भी आ रहे है, साथ में बच्चे भी स्कूल जाने के लिए खुश नजर आ रहे है. लगभग दो साल से हिमाचल प्रदेश में छोटे बच्चों के लिए स्कूल बंद किए गए थे. कोविड के चलते लिए गए यह निर्णय एक मायने में सही भी था, तो वहीं अब पढ़ाई के चलते स्कूल ओपन भी किए जा रहे है.
बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में अहम फैसले लिए गए. जिसमें प्रदेश में तीसरी से सातवीं कक्षा तक स्कूल 10 नवंबर से खुलेंगे. वहीं, पहली कक्षा और दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए 15 नवंबर से स्कूल खुलेंगे. प्रदेश में अब पूरी क्षमता के साथ बसें चलाने का फैसला लिया गया है. वहीं, आठवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं पूर्व की तरह जारी रहेंगी. सर्दी, खांसी, बुखार और जुकाम के लक्षण वाले विद्यार्थियों को स्कूलों में नहीं आने की अपील की गई है.