ETV Bharat / briefs

हिमाचल दिवस: पहली बार रिज पर होगा मलखंभ का प्रदर्शन, गुरुकुल के छात्र दिखाएंगे जौहर - हिमाचल दिवस

शिमला के रिज मैदान पर पहली बार मलखंभ का प्रदर्शन होगा जिसमें गुरुकुल के छात्र रस्सी से अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. भारत के पारंपरिक खेल में शामिल मलखंभ को आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान मिल चुकी है.

मलखंभ प्रदर्शन (फाइल)
author img

By

Published : Apr 13, 2019, 12:52 PM IST

शिमला: हिमाचल दिवस के अवसर पर राजधानी के ऐतिहासिक रिज में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में गुरुकुल कुरुक्षेत्र के लगभग विद्यार्थी अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे. इस अवसर पर पहली बार मलखंभ का प्रदर्शन किया जाएगा.

मलखंभ का आयोजन राजधानी के ऐतिहासिक रिज मैदान में होगा जिसमें गुरुकुल के लगभग 50 विद्यार्थी हिस्सा लेंगे. गुरुकुल कुरुक्षेत्र के संरक्षक और हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बताया कि विद्यार्थी गेम खेलें या नहीं, लेकिन मलखंभ स्वस्थ शरीर के लिए अपने जीवन में शामिल करने से कई बीमारियां दूर होती हैं. आज देश के युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं, जो एक चिंता का कारण है.

राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक दिशा देने में ऐसी खेल गतिविधियां कारगर सिद्ध होंगी. गुरुकुल कुरुक्षेत्र हमारी पारंपरिक व आधुनिक शिक्षा का समावेश है और मलखंभ हमारा पारंपरिक खेल है.

राज्यपाल ने कहा कि मलखंभ का प्रदर्शन ऐसे अवसरों पर होने से अन्य युवाओें को भी प्रेरणा मिलेगी और वह भी अपना कीमती समय इस खेल में देंगे. इस बार चुनाव में फोर्स की व्यस्तता के चलते सिर्फ शिमला स्थित रिज मैदान पर ही कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

राज्यपाल ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने मलखंभ को राज्य खेल घोषित किया है और देश के करीब 20 अन्य राज्यों ने भी इस खेल को अपनाया है. इस खेल में शामिल बच्चे न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं, बल्कि बौद्धिक तौर पर भी कुशाग्र हैं.

बता दें कि कि भारत के पारंपरिक खेल में शामिल मलखंभ को आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान मिल चुकी है. इसके माध्यम से खिलाड़ी लकड़ी के एक खंभे या रस्सी के उपर तरह-तरह के करतब दिखाकर अपने कौशल और साहस का प्रदर्शन करते हैं. ये खेल खिलाड़ी की शारीरिक ताकत, गति, धैर्य और न्यूरो-मस्कुलर समन्वय में सुधार करने में सहयोग करता है.

शिमला: हिमाचल दिवस के अवसर पर राजधानी के ऐतिहासिक रिज में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में गुरुकुल कुरुक्षेत्र के लगभग विद्यार्थी अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे. इस अवसर पर पहली बार मलखंभ का प्रदर्शन किया जाएगा.

मलखंभ का आयोजन राजधानी के ऐतिहासिक रिज मैदान में होगा जिसमें गुरुकुल के लगभग 50 विद्यार्थी हिस्सा लेंगे. गुरुकुल कुरुक्षेत्र के संरक्षक और हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बताया कि विद्यार्थी गेम खेलें या नहीं, लेकिन मलखंभ स्वस्थ शरीर के लिए अपने जीवन में शामिल करने से कई बीमारियां दूर होती हैं. आज देश के युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं, जो एक चिंता का कारण है.

राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक दिशा देने में ऐसी खेल गतिविधियां कारगर सिद्ध होंगी. गुरुकुल कुरुक्षेत्र हमारी पारंपरिक व आधुनिक शिक्षा का समावेश है और मलखंभ हमारा पारंपरिक खेल है.

राज्यपाल ने कहा कि मलखंभ का प्रदर्शन ऐसे अवसरों पर होने से अन्य युवाओें को भी प्रेरणा मिलेगी और वह भी अपना कीमती समय इस खेल में देंगे. इस बार चुनाव में फोर्स की व्यस्तता के चलते सिर्फ शिमला स्थित रिज मैदान पर ही कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

राज्यपाल ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने मलखंभ को राज्य खेल घोषित किया है और देश के करीब 20 अन्य राज्यों ने भी इस खेल को अपनाया है. इस खेल में शामिल बच्चे न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं, बल्कि बौद्धिक तौर पर भी कुशाग्र हैं.

बता दें कि कि भारत के पारंपरिक खेल में शामिल मलखंभ को आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान मिल चुकी है. इसके माध्यम से खिलाड़ी लकड़ी के एक खंभे या रस्सी के उपर तरह-तरह के करतब दिखाकर अपने कौशल और साहस का प्रदर्शन करते हैं. ये खेल खिलाड़ी की शारीरिक ताकत, गति, धैर्य और न्यूरो-मस्कुलर समन्वय में सुधार करने में सहयोग करता है.

Intro:Body:

Rewrite


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.