धर्मशाला: तपोवन में शीतकालीन सत्र के पहले दिन माहौल काफी तनावपूर्ण रहा. सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर सवर्ण समाज के लोगों ने विधानसभा के बाहर काफी देर तक प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को सवर्ण आयोग का गठन (सामान्य वर्ग आयोग, Samanya varg aayog in himachal) करने की घोषणा पर मजबूर कर दिया. ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सवर्ण समाज के आंदोलन कारियों के बीच मे जाकर मध्यप्रदेश की तर्ज पर हिमाचल में सामान्य वर्ग आयोग बनाने का एलान किया. सीएम जयराम ने कहा कि सवर्ण समाज को आश्वासन दिया कि आगामी बजट सत्र में सरकार विधानसभा में संवैधानिक रूप से सवर्ण आयोग के गठन को लेकर विधेयक लाया जाएगा.
सदन में सीएम जयराम ठाकुर ने वक्तव्य (hp vidhan sabha winter session) देते हुए कहा कि सामान्य वर्ग के लोग लंबे समय से मांग कर रहे थे कि सामान्य वर्ग के लोगों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए हिमाचल प्रदेश में सामान्य वर्ग आयोग (Samanya varg aayog) का गठन किया जाए.
सीएम ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार समाज के हर वर्ग के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं, जिससे उन्हें प्रगति और विकास के समान अवसर मिल सके. इसके साथ ही सीएम ने प्रदेश के लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने का आग्रह किया.
ये भी पढ़ें: हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र 2021: कांग्रेस विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव किया पेश, खारिज होते ही हंगामा शुरू
सीएम जयराम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शांतिपूर्ण माहौल और शांतिप्रिय लोगों के लिए देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है. ऐसे में लोग ऐसा कोई कार्य न करें जिससे प्रदेश की छवि धूमिल हो. उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि हिमाचल में सामान्य वर्ग आयोग का गठन किया जाएगा, जिसकी अधिसूचना तत्काल जारी की जा रही है.
वहीं, विपक्ष द्वारा लाए गए सदन में अविश्वास प्रस्ताव के स्वीकार न होने पर विपक्ष के वॉकआउट (Slogan raised against Jairam Government) पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के पास अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion against jairam) लाने के लिए सदन के एक तिहाई विधायक यानी 23 विधायक की जरूरत होती है जो विपक्ष के पास नहीं है. विपक्ष मुद्दाहीन है.
ये भी पढ़ें: हमीरपुर में विजय दिवस की गोल्डन जुबली समारोह की तैयारियां शुरू, पांच टीमें संभालेंगी जिम्मेदारी