कांगड़ा : भारत महाशक्ति बने न बने लेकिन, विश्व गुरु तो निश्चित रूप से बन सकता है. हमारे आपस का मतभेद मिटना चाहिए, एकता के लिए सबके विचार एक होना जरूरी है. हम लोगों को जीना है, पर खुदगर्जी के लिए नहीं. ये बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh-RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कही. मोहन भागवत हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा प्रवास के दौरान धर्मशाला पहुंचे (Mohan Bhagwat reached Dharamshala) हैं.
यहां पूर्व सैनिक प्रबोधन कार्यक्रम (Ex Servicemen Enlightenment Program) में उन्होंने संबोधित करने के दौरान उन्होंने कहा कि धर्म का अर्थ धारणा है, जो समाज को जोड़ता है. पिछले 40 हजार सालों से सभी भारतीयों का DNA एक है. भागवत ने कहा कि संघ हमेशा देश के वैभव को जिंदा रखने की बात करता है. संघ ने देश निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
संघ प्रमुख ने कहा कि मीडिया में RSS को सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में पेश किया जाता है, जो बिलकुल सच नहीं है. हालांकि, हमारे कुछ कार्यकर्ता सरकार का हिस्सा जरूर हैं. संघ प्रमुख ने कहा कि हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं. कहा जाता है कि, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, क्योंकि यहां त्याग और बलिदान हुए हैं और ऐसा करने वाले हमारे पूर्वज गौरव के विषय हैं.
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भारतीय सेना (Indian Army) की वीरता पर उन्होंने कहा कि परिस्थितियां जैसी भी हों, भारतीय सेना वीरता के साथ लड़ती है. सेना का जवान (Army Soldiers) अपने काम को पूरा करता है या फिर देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर देता है. भारतीय सेना की अपनी एक अलग विशेषता है. उन्होंने कहा कि देशभक्ति और अनुशासन सेना की ट्रेनिंग से नहीं आंकी जाती, बल्कि वे जवान के मन से आंकी जाती है.
मोहन भागवत ने कहा कि हिम्मत ताकत व हौंसले में भारत का (Mohan Bhagwat in Himachal Pradesh) सिपाही दुनिया की सभी सेनाओं में से प्रथम श्रेणी पर आता है. उन्होंने कहा कि जिन वीर सपूतों ने इस देश की खातिर अपना खून बहाया है, वह उन्हें साल भर याद करते रहेंगे. इस मौके पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने चीफ ऑफ डिफेंस जनरल बिपिन रावत (Mohan Bhagwat on CDS bipin rawat) और 13 अन्य लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा, जिनका हाल ही में कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था.
भागवत ने कहा भारत माता वास्तव में हमारी माता है. वह हमें सिर्फ खाने के लिए ही नहीं देती, बल्कि संस्कार भी प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि देश का भाग्य बनेगा, तो सभी का भाग्य बनेगा. मोहन भागवत ने कहा कि मिजोरम और कश्मीर घाटी को छोड़कर संघ की पूरे देश में ब्लॉक स्तर पर अपनी शाखाएं हैं. उन्होंने कहा कि (Mohan Bhagwat Himachal Tour) संघ पूर्व सैनिक सेवा परिषद का भी संचालन करता है, ऐसे में उन्होंने वहां उपस्थित पूर्व सैनिकों से (Akhil Bharatiya Poorv Sainik Seva Parishad) संघ के कार्यक्रम में भाग लेने का भी आग्रह किया.