सूरजकुंड मेला 2022: चेरियल मुखौटा बनाने वाले शिल्पकार का स्टॉल बना आकर्षण का केंद्र
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फरीदाबाद: 35वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्त शिल्प मेले (Surajkund Mela in Faridabad) में इस बार पुश्तों से मुखौटा बनाने वाले उत्तम नाम के शिल्पकार का स्टॉल (Masks stall in Surajkund fair) सबके आकर्षण का केंद्र बना है. आज के दौर में इन्हें सजावट के सामान के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. ये सभी तरीके के मुखौटा अपनी लोक संस्कृति, धार्मिक ग्रंथों या आम ज़िंदगी के बारे में लोगों को बताते हैं. इन मुखौटों के छोटे रूप को स्मृति चिह्न और बच्चों के खिलौनों के तौर पर बेचा जाता है. मुखौटा बनाने वाले उत्तम ने बताया कि इसमें मिट्टी को मजबूत करने के लिए, लकड़ी के बुरादे को मिलाया जाता है. इसके बाद, इसमें इमली के बीजों का पेस्ट बनाकर डाला जाता है. लकड़ी के बुरादे और इमली के पेस्ट को गूंथकर, उसे अपने मुताबिक कोई भी आकार दिया जा सकता है. मिट्टी के सांचे के सबसे ऊपर एक सादा सांचा बनाया जाता है. फिर इसे तीन दिनों तक सुखाया जाता है. परिवार के सभी सदस्य मिलकर इन मुखौटों को तैयार करते हैं. तीन दिनों तक सुखाने के बाद, सांचे को मिट्टी के आधार से निकाल दिया जाता है. इसके बाद, उसी पेस्ट का इस्तेमाल करके, मुखौटे पर चेहरे की आकृति तैयार की जाती है. मुखौटे पर चेहरे की आकृति बनाने के लिए सटीकता और कौशल की ज़रूरत होती है. आंख, नाक, और चेहरे की अन्य आकृतियां तैयार की जाती हैं.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:20 PM IST