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अन्नदाता पर दोहरी मार, बारिश से भीगा यमुनानगर की मंडी में गेहूं

यमुनानगर की मंडियों और गेहूं खरीद केंद्रों पर किसानों को काफी परेशानी आ रही है. बारिश की वजह से किसानों का पूरा का पूरा गेहूं भीग गया. किसानों का आरोप है कि सरकार की ओर से अनाज ढकने को लेकर किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है. पढ़ें पूरी खबर...

grain market of yamunanagar
grain market of yamunanagar
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Published : Apr 26, 2020, 8:23 PM IST

यमुनानगर: प्रदेश की अन्य अनाज मंडियों की तरह यमुनानगर की मंडियों में भी गेहूं की आवक जोरों पर है. यमुनानगर की सभी 13 अनाज मंडिया पूरी तरह भर चुकी हैं. जिले में बनाए गए 100 से अधिक गेहूं खरीद केंद्रों पर भी पांव रखने की जगह नहीं है. दो दिन से आवक ज्यादा होने की वजह से गेहूं खुले आसमान के नीचे रखा गया था.

गेहूं उठान के लिए भी प्रशासन की ओर से कोई पुख्ता प्रंबध नहीं किया गया था, जिस वजह से ये सारा गेहूं बारिश की भेंट चढ़ गया. तेज बारिश से मंडी में रखा सारा का सारा गेहूं पूरी तरह से भीग गया है. किसानों का आरोप है कि मंडी में ना लेबर का इंतजाम है न तिरपाल का, जिसके चलते उनका गेहूं भीग गया. सरकार ने खरीद केंद्रों पर किसी प्रकार के शेड की व्यवस्था भी नहीं की है.

इस पर मंडी अधिकारी ऋषि पाल का कहना है कि जैसे ही बारिश आई, उन्होंने अपने कर्मचारियों को गेहूं को तिरपाल से ढकने के लिए आदेश दिए और गेहूं को भीगने से बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. सारे गेहूं को तिरपाल से ढका गया है. अनाउंसमेंट भी करवाई गई है कि जो किसान मंडी में गेहूं लाए हैं मौसम साफ ना होने तक कवर करके रखें.

ये भी पढ़ें:- पड़ताल: लॉकडाउन में चारे की कमी ने तोड़ी डेयरी उद्योग की कमर, आधा दूध दे रहे पशु

वहीं मंडी में मौजूद आढ़ती ने कहा कि हमने सारी व्यवस्था कर रखी है. किसानों का गेहूं ना भीगे इसके लिए तिरपाल भी लगाई गई है. इस बार मजदूर कम होने की वजह से थोड़ी परेशानी हो रही है. लेबर की कमी के कारण मंडी से उठान भी नहीं हो पा रहा है. इसके साथ ही कोरोना को लेकर किसानों को विशेष ध्यान रखा जा रहा है, उनको मास्क दिया जा रहा है. साथ ही सैनिटाइजेशन की उचित व्यवस्था है.

यमुनानगर: प्रदेश की अन्य अनाज मंडियों की तरह यमुनानगर की मंडियों में भी गेहूं की आवक जोरों पर है. यमुनानगर की सभी 13 अनाज मंडिया पूरी तरह भर चुकी हैं. जिले में बनाए गए 100 से अधिक गेहूं खरीद केंद्रों पर भी पांव रखने की जगह नहीं है. दो दिन से आवक ज्यादा होने की वजह से गेहूं खुले आसमान के नीचे रखा गया था.

गेहूं उठान के लिए भी प्रशासन की ओर से कोई पुख्ता प्रंबध नहीं किया गया था, जिस वजह से ये सारा गेहूं बारिश की भेंट चढ़ गया. तेज बारिश से मंडी में रखा सारा का सारा गेहूं पूरी तरह से भीग गया है. किसानों का आरोप है कि मंडी में ना लेबर का इंतजाम है न तिरपाल का, जिसके चलते उनका गेहूं भीग गया. सरकार ने खरीद केंद्रों पर किसी प्रकार के शेड की व्यवस्था भी नहीं की है.

इस पर मंडी अधिकारी ऋषि पाल का कहना है कि जैसे ही बारिश आई, उन्होंने अपने कर्मचारियों को गेहूं को तिरपाल से ढकने के लिए आदेश दिए और गेहूं को भीगने से बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. सारे गेहूं को तिरपाल से ढका गया है. अनाउंसमेंट भी करवाई गई है कि जो किसान मंडी में गेहूं लाए हैं मौसम साफ ना होने तक कवर करके रखें.

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वहीं मंडी में मौजूद आढ़ती ने कहा कि हमने सारी व्यवस्था कर रखी है. किसानों का गेहूं ना भीगे इसके लिए तिरपाल भी लगाई गई है. इस बार मजदूर कम होने की वजह से थोड़ी परेशानी हो रही है. लेबर की कमी के कारण मंडी से उठान भी नहीं हो पा रहा है. इसके साथ ही कोरोना को लेकर किसानों को विशेष ध्यान रखा जा रहा है, उनको मास्क दिया जा रहा है. साथ ही सैनिटाइजेशन की उचित व्यवस्था है.

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