यमुनानगर: इस चरण में सुखपुरा के अतिरिक्त गांव गुलाबगढ़, रोड छप्पर, हरगढ़ और गोलनपुर में डिजिटल मैपिंग की जाएगी. डीसी मुकुल कुमार ने बताया कि ये बहुत ही सराहनीय कदम है. पहले लाल डोरा का रिकॉर्ड नहीं होता था लेकिन अब इस प्रक्रिया के बाद उसका भी रिकॉर्ड होगा.
डीसी मुकुल कुमार ने बताया कि गांवों को लाल डोरा मुक्त करने की परियोजना की शुरूआत सुखपुरा गांव से की गई है. डिजिटल मैपिंग में भारतीय सर्वेक्षण विभाग की टीम द्वारा उच्च गुणवत्ता के विशेष प्रकार के ड्रॉन के माध्यम से गांव के हर घर और संपत्ति का नक्शा तैयार किया जाएगा.
ये ड्रॉन लगभग 120 मीटर की ऊंचाई से पूरे गांव के हर भवन, प्लाट व लाल डोरे के तहत आने वाली प्रत्येक राजकीय और निजी संपत्ति का डिजिटल नक्शा तैयार करता है. ड्रॉन में 20 मैगाफिक्सल हाई रेज्यूलेशन का कैमरा इतनी स्टीक पैमाइश करता है कि संपत्ति की मैपिंग में एक इंच तक के अंतर को भी दर्ज किया जा सकता है.
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डीसी मुकुल कुमार ने बताया कि डिजिटल मैपिंग के माध्यम से प्रत्येक संपति को पहचान नंबर जारी किए जाएंगे. यह नक्शा प्राप्त होने के उपरांत ग्राम सभा आयोजित करके गांव के सभी लोगों से इस नक्शे पर आपत्तियां मांगी जाएगी और आपत्तियां दर्ज करने के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा. सभी आपत्तियों के निपटान के उपरांत इस नक्शे को राज्य सरकार से स्वीकृत करवाया जाएगा.
बता दें कि लाल डोरा मुक्त न होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था. अब से पूर्व लाल डोरा के अंदर आने वाली संपत्तियों का कोई प्रमाणित दस्तावेज न होने के कारण ऐसी संपत्तियों के मालिकाना हक सिद्घ करने में परेशानी पेश आती थी. विशेषकर संपत्ति की खरीद-फरोख्त और ऐसी संपत्तियों पर बैंकों से ऋण इत्यादि लेने में कानूनी अड़चन थी लेकिन अब इस परियोजना से यह समस्याएं भी दूर हो जाएगी और इसकी शुरुआत ड्रोन मैपिंग के ज़रिए कर दी गयी है. यह प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत राजस्व विभाग द्वारा लाल डोरे के तहत आने वाली प्रत्येक संपत्ति की रजिस्ट्री संबंधित संपत्ति मालिक को वितरित की जाएगी.
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