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यमुनानगर में नागरिक संशोधन कानून के समर्थन में लोग, मोदी सरकार का किया धन्यवाद - नागरिक संशोधन बिल यमुनानगर

नागरिक संशोधन बिल को मंजूरी मिलने के बाद देश में जहां बहुत से हिस्सों में इसका विरोध हो रहा है वहीं बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो इस बिल का समर्थन कर रहे हैं. यमुनानगर में भी लोगों ने इस कानून का समर्थन किया है.

citizenship amendment act support yamunanagar
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Published : Dec 19, 2019, 7:49 PM IST

यमुनानगर: देशभर में विरोध के बीच इस कानून के बनने से यमुनानगर में लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं. साथ ही यमुनानगर में ऐसे लगभग 20 परिवार हैं जो पाकिस्तान से आ कर यहां बस गए थे. उन्होंने एक दूसरे को लड्डू खिलाकर अपनी खुशी जाहिर की.

पाकिस्तान से यमुनानगर आकर बसे सुभाष भाटिया ने बताया कि उनका परिवार 2007 में यमुनानगर आया था लेकिन 3 साल पहले ही उनको यहां के नागरिकता हासिल हुई. उन्होंने कहा कि पहले सरकारों में कागजात पूरे करने में बहुत दिक्कत होती थी. लेकिन इस कानून से लोगों को अब ज्यादा फायदा होगा. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से यमुनानगर में 20 परिवार आए हैं.

यमुनानगर में नागरिक संशोधन कानून के समर्थन में लोग, मोदी सरकार का किया धन्यवाद.

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वहीं पाकिस्तान से ही आए लक्ष्मीदास बहल ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ साल 1988 में भारत आए थे और 1997 में उनको यहां की नागरिकता मिली थी. उन्होंने अपना दुख व्यक्त करते हुए बताया कि उन लोगों ने खुशी से पाकिस्तान नहीं छोड़ा उनको मजबूरी में पाकिस्तान छोड़ना पड़ा क्योंकि वहां पर हिंदुओं के साथ बहुत गलत व्यवहार किया जाता था इसलिए दुखी होकर उन्होंने वह देश छोड़ा.

उन्होंने कहा कि भारत हमारा अपना देश है और अब सरकार द्वारा इस बिल को पास करने पर वे इस फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि इस कानून के जरिए शरणार्थियों को काफी मदद मिलेगी. उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए इस कानून को लागू करने के लिए सरकार का धन्यवाद किया.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में CAA के विरोध में प्रदर्शन, गुरुग्राम में कई किलोमीटर तक लगा लंबा जाम

यमुनानगर: देशभर में विरोध के बीच इस कानून के बनने से यमुनानगर में लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं. साथ ही यमुनानगर में ऐसे लगभग 20 परिवार हैं जो पाकिस्तान से आ कर यहां बस गए थे. उन्होंने एक दूसरे को लड्डू खिलाकर अपनी खुशी जाहिर की.

पाकिस्तान से यमुनानगर आकर बसे सुभाष भाटिया ने बताया कि उनका परिवार 2007 में यमुनानगर आया था लेकिन 3 साल पहले ही उनको यहां के नागरिकता हासिल हुई. उन्होंने कहा कि पहले सरकारों में कागजात पूरे करने में बहुत दिक्कत होती थी. लेकिन इस कानून से लोगों को अब ज्यादा फायदा होगा. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से यमुनानगर में 20 परिवार आए हैं.

यमुनानगर में नागरिक संशोधन कानून के समर्थन में लोग, मोदी सरकार का किया धन्यवाद.

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वहीं पाकिस्तान से ही आए लक्ष्मीदास बहल ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ साल 1988 में भारत आए थे और 1997 में उनको यहां की नागरिकता मिली थी. उन्होंने अपना दुख व्यक्त करते हुए बताया कि उन लोगों ने खुशी से पाकिस्तान नहीं छोड़ा उनको मजबूरी में पाकिस्तान छोड़ना पड़ा क्योंकि वहां पर हिंदुओं के साथ बहुत गलत व्यवहार किया जाता था इसलिए दुखी होकर उन्होंने वह देश छोड़ा.

उन्होंने कहा कि भारत हमारा अपना देश है और अब सरकार द्वारा इस बिल को पास करने पर वे इस फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि इस कानून के जरिए शरणार्थियों को काफी मदद मिलेगी. उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए इस कानून को लागू करने के लिए सरकार का धन्यवाद किया.

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Intro:एंकर लोक सभा और राज्य सभा में नागरिक संशोधन बिल को मंजूरी मिलने के बाद देश में जहां बहुत से हिस्सों में इसका विरोध हो रहा है वहीं बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो इस बिल का समर्थन कर रहे हैं और इसके पास होने से वह काफी खुश नजर आ रहे हैं। यमुनानगर में ऐसे लगभग 20 परिवार हैं जो कि पाकिस्तान से आ कर यहां बस गए है। उन्होंने एक दूसरे को लड्डू खिला कर अपनी खुशी जाहिर कीBody:वीओ नागरिक संशोधन बिल लेकिन इसके साथ साथ ऐसे लोग भी हैं जो इस बिल का समर्थन करते हैं और इसके लिए मौजूदा सरकार का धन्यवाद भी करते हैं ।पाकिस्तान से यमुनानगर बसे सुभाष भाटिया ने बताया के वेल और उनका परिवार 2007 में यमुनानगर आए थे लेकिन 3 साल पहले ही उनको यहां के नागरिकता हासिल हुई । उनका कहना था कि पहले सरकारों में पुणे कागजात पूरे करने में बहुत दिक्कत होती थी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से यमुनानगर में 20 परिवार आए हैं जिसमें से 10-12 लोगो नागरिकता मिल चुकी है । जिससे वह सरकार का धन्यवाद करते हैं।

बाइट सुभाष भाटिया

वीओ पाकिस्तान से आए लक्ष्मीदास बहल ने बताया वह अपने परिवार केसाथ सन 1988 में भारत आए थे और 1997 में उनको यहां की नागरिकता मिली उन्होंने अपना दुख व्यक्त करते हुए बताया कि उन लोगों ने खुशी से पाकिस्तान नहीं छोड़ा है उनको मजबूरी में पाकिस्तान छोड़ना पड़ा क्योंकि वहां पर हिंदुओं के साथ बहुत गलत व्यवहार किया जाता था इसलिए दुखी होकर उन्होंने वह देश छोड़ा और उन्होंने कहा कि भारत हमारा अपना देश है और अब सरकार द्वारा इस बिल को पास करने काव्य स्वागत करते हैं। लक्ष्मीदास बहल इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के प्रधान भी रह चुके हैं।

बाइट लक्ष्मीदास बहल पाकिस्तान से आए व्यक्ति
Conclusion:
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