यमुनानगर: मौसम की बेरुखी के कारण रादौर में टमाटर की फसल को अनुकूल वातावरण न मिलने से टमाटर की फसल झुलसा रोग की चपेट में आ गई है. जिसने किसानों की परेशानी को बढ़ा दिया है. हालांकि कृषि विशेषज्ञ किसानों को इसके बचाव के तरीके भी बता रहे हैं.
रादौर क्षेत्र को टमाटर की खेती में अलग ही मुकाम हासिल है, यहां के खेतों के टमाटर की मांग हरियाणा के अलावा दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड सहित अनेक राज्यों में है. मांग अच्छी होने के चलते यह क्षेत्र टमाटर की फसल में अग्रणी है लेकिन इस बार फसल बिजाई के समय से ही मौसम की बेरुखी से टमाटर उत्पादक किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही है.
रादौर क्षेत्र के गांव राजेड़ी निवासी किसान राजकुमार ने बताया कि बार-बार बरसात के कारण टमाटर की फसल खराब हो रही है. उन्होंने बताया कि इस वक्त टमाटर की फसल झुलसा रोग की चपेट में है. जिस कारण पौधे के पत्ते सूखने के कारण फसल की ग्रोथ रुक गई है. ग्रोथ न होने के कारण इसका उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा जिससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा.
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वहीं इस बारे में जिला उद्यान विकास अधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि मौसम में बनी नमी के कारण इस वक्त टमाटर की अगेती फसल झुलसा रोग की चपेट में है. उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि किसान 15 दिन के अंतराल में मेनको जेप का स्प्रे करे और फसल में पानी देने से बचे. जैसे-जैसे मौसम में बदलाव होगा वैसे-वैसे फसल में सुधार होता चला जाएगा.
गौरतलब है कि पिछले वर्ष अच्छा मुनाफा मिलने से उत्साहित किसानों ने इस बार टमाटर की फसल की गत वर्ष की अपेक्षा ज्यादा एकड़ में बिजाई की हुई थी पर उन्हें नहीं पता था कि इस बार मौसम की बेरुखी उनके सभी अरमानों पर ऐसे पानी फेर कर रख देगी. खैर जो भी हो इस वक्त जिस तरह से झुलसा रोग तेजी से फसल को प्रभावित कर रहा है, उसने किसानों की चिंता तो बढ़ा ही रखी है.
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