सोनीपत: 5 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के झांसी में सेना नायक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. सेना नायक वीरेंद्र राठी सोनीपत के राजलू गढ़ी गांव का रहने वाला था. मृतक नायक वीरेंद्र राठी का शव शुक्रवार को उनके पैतृक गांव राजलू पहुंचा. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. वीरेंद्र राठी के परिजनों का कहना है कि चलती ट्रेन में वीरेंद्र राठी के साथ कुछ लोगों की कहासुनी हुई थी.
परिजनों ने बताया कि झगड़े के बाद आरोपियों ने वीरेंद्र को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया. जिसकी वजह से वीरेंद्र की मौत हुई है. परिजनों ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. मिली जानकारी के अनुसार सोनीपत के राजलू गांव निवासी वीरेंद्र राठी सेना में नायक के पद पर तैनात थे. फिलहाल उत्तर प्रदेश के बरेली में उनकी तैनाती थी. सेना के किसी काम से वो पंचवटी गए थे.
परिवार वालों के अनुसार 5 दिसंबर को वीरेंद्र पंचवटी से बरेली वापस आ रहे थे. इस दौरान झांसी और ललितपुर के बीच नायक वीरेंद्र राठी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. नायक वीरेंद्र राठी की मां का कहना है कि उनके पास सेना के अधिकारी आए और उन्हें कहा गया कि वो अपना सामान उठाकर जल्दी चले, उनके बेटे का एक्सीडेंट हो गया है. सेना की तरफ से करीब 3 घंटे बाद बताया गया कि उनका बेटा अब दुनिया में नहीं रहा.
नायक राठी की मां का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए . परिजनों का दावा है कि उनके बेटे की हत्या की गई है. नायक वीरेंद्र राठी के भाई राजपाल ने कहा कि 5 दिसंबर को वीरेंद्र पंचवटी से बरेली जा रहा था. राजधानी एक्सप्रेस में झांसी और ललितपुर के बीच उसका झगड़ा हुआ था.
नायक वीरेंद्र राठी के भाई राजपाल ने कहा कि चार जेंट्स और दो लेडिस ने उसके साथ मारपीट की. मेरे बड़े भाई फौज में हैं और पिता फौज में सेवा दे चुके हैं. फिलहाल परिजनों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए.