देहरादून/रोहतक: एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को रायपुर पुलिस ने अरेस्ट (Three accused arrested Rohtak) किया है. आरोपी बेहद ही शातिर हैं और एटीएम में पैसे निकालने आये बुजुर्ग और महिलाओं को अपने झांसे में लेकर एटीएम बदलकर उनके साथ ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. पुलिस ने आरोपियों से 77 एटीएम बरामद किए हैं. देहरादून एसएसपी ने बताया कि आरोपियों पर दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल सहित कई राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं. घटना को अंजाम देने के लिए आरोपी फर्जी नंबर प्लेट की गाड़ियों का इस्तेमाल करते थे.
मामले में पुलिस लगातार आरोपियों के आपराधिक इतिहास को खंगाल रही है. एसएसपी ने आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि 08 सितंबर को तिव्वू देवी निवासी रायपुर ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा कि केनरा बैंक एटीएम जो शिव मन्दिर, रायपुर के पास है पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा उनसे धोखाधड़ी की गई है. एसबीआई बैंक का एटीएम कार्ड बदलकर पीड़िता के खाते से 02 लाख 75 हजार रुपये निकाल लिए गए. पीड़िता की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया.
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रायपुर पुलिस द्वारा 02 अलग-अलग टीमें गठित की गईं. टीमों ने घटनास्थल के आसपास लगे व आरोपियों के जाने वाले रूट और अंतिम पड़ाव तक कुल 195 सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया.
पुलिस टीम को मुखबिर के माध्यम से आरोपियों के दिल्ली व रोहतक, हरियाणा में छिपे होने के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई. इस पर एक टीम दिल्ली व एक टीम रोहतक हरियाणा के लिये रवाना की गयी. दोनों टीमों द्वारा आपस में तालमेल बनाकर 03 आरोपी संदीप, सोनू व विनोद को जिंद रोड पीरबाबा मजार के पास रोहतक हरियाणा से गिरफ्तार किया गया. एसएसपी जन्मयेजय खंडूरी ने बताया कि तीनों ठग आपस में रिश्तेदार हैं. तीनों द्वारा हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखण्ड और जम्मू कश्मीर राज्यों में घूमकर सुनसान जगहों पर लगे एटीएम में बुजुर्ग और महिलाओं से ठगी की जाती थी.
ये ठग पैसे निकालने में मदद करने के बहाने उनका एटीएम कार्ड बदल देते थे. उस एटीएम का इस्तेमाल कर दूसरे एटीएम से पैसे निकाल लेते थे. एटीएम मशीन से एक बार में 20 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकल सकते हैं. इस कारण ये लोग बाकी पैसों की ऑनलाइन शॉपिंग कर लेते थे. साथ ही ठगी की घटना करते समय फर्जी नम्बर प्लेट लगा देते थे. ये इतने शातिर हैं कि अपने मोबाइल फोन बन्द कर लेते थे. जिससे पुलिस इन्हें ट्रेस न कर सके.
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ठगी की घटना करने के बाद गाड़ी में उसकी सही नम्बर प्लेट लगा देते थे. आरोपियों के विरुद्ध अन्य राज्यों में भी कई मुकदमें पंजीकृत हैं. पुलिस इस सम्बन्ध में छानबीन कर रही है. इन ठगों से पुलिस को 77 एटीएम कार्ड मिले हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन शातिरों ने कितने लोगों के बैंक अकाउंट खाली किए होंगे. ये लोग इतनी चालाकी से मदद के बहाने एटीएम कार्ड बदल देते थे कि पीड़ित को उसका तत्काल पता नहीं चलता था. जब उसके मोबाइल पर पैसे निकलने और शॉपिंग करके पैसे खर्च करने के मैसेज आते तो उसके होश उड़ जाते थे.
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