पलवल: हाल ही में हरियाणा सरकार ने भ्रष्ट पटवारियों की सूची जारी की थी. सूची में पटवारियों के नाम के साथ ही जाति भी लिखी हुई है. इस पर अब कांग्रेस ने आपत्ति जताई है. हरियाणा के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता करण सिंह दलाल ने शनिवार को प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर सूची में जाति लिखे जाने पर हमला बोला.
सूची में जाति लिखे जाने पर विवाद: पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल ने कहा, "सरकारी कर्मचारियों की कोई जाति नहीं होती है. सरकारी कर्मचारी तो कर्मचारी होते हैं. सरकार द्वारा दलित समाज के कर्मचारियों के जातिसूचक नाम लिखकर दर्शाया गया है. ऐसे में सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. इस सूची में अनुसूचित जाती को दर्शाया गया है. ये कानूनन गलत है. ऐसा करने पर इनके खिलाफ केस दर्ज भी हो सकता है."
कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप: आगे पूर्व मंत्री ने कहा कि, "प्रदेश में इस सूची के मुताबिक जमीनों की पैमाइश करने, इंतकाल दर्ज कराने, जमीन का सरकारी रिकॉर्ड ठीक करने और नक्शा पास करने की एवज में लोगों से वसूली की जाती थी. अगर ये पटवारी भ्रष्ट हैं, तो सरकार को उनके खिलाफ कारवाई करनी चाहिए थी. इस मामले में तहसीलदार भी भ्रष्ट है. जिला उपायुक्त भी भ्रष्ट हैं. पटवारी अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रोटेस्ट कर हैं. उन्हें तबादला कराने के लिए पैसा देना पड़ता है. जिस तरह पटवारी अपना हेल्पर रखते हैं, वैसे ही मंत्री और विधायक के नजदीकी लोग घोटाले करने में लगे हैं, फिर उनके खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए."
सरकार अपनी स्थिति करे स्पष्ट: करण सिंह दलाल ने आगे कहा, "हरियाणा में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ जो मुहिम चलाई गई है, वह इसके खिलाफ नहीं है, लेकिन भ्रष्टाचार का जो पैमाना बनाया गया है, उसके बारे में सरकार अपनी स्थिति को स्पष्ट करें. सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करे."
बता दें कि राज्य सरकार ने 370 भ्रष्ट पटवारियों की दो दिन पहले ही लिस्ट जारी की है. इस पर कांग्रेस ने जाति लिखे जाने का विरोध किया है. सरकार की ओर से जारी लिस्ट में जिन पटवारियों ने सहायक रखा हैं, उनका भी नाम शामिल है.
ये भी पढ़ें: हरियाणा सरकार ने तैयार की 370 भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट, सबसे अधिक भ्रष्टाचारी कैथल में, जल्द गिरेगी गाज