पानीपत: 18 फरवरी 2007 को भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में एक भयंकर बम ब्लास्ट हुआ था. समझौता एक्सप्रेस दिल्ली से अटारी के लिए रवाना हुई और ब्लास्ट पानीपत के साथ लगते दीवाना रेलवे स्टेशन पर हुआ.
इस बम ब्लास्ट में अगर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है जब ट्रेन पानीपत के दिवाना स्टेशन के पास पहुंची तो एक के बाद एक दो बम ब्लास्ट हुए, उसके बाद ट्रेन आग का गोला बन गई. लोग बताते हैं कि ट्रेन रुकते ही दो व्यक्तियों को भी ट्रेन से उतरकर भागते हुए देखा गया.
वहीं मामले की कार्रवाई के दौरान इन दोनों के स्केच जारी किए गए. जानकारी देने वाले को 1 लाख रुपये देने की घोषणा भी की गई.
वहीं पुलिस ने ब्लास्ट के बाद मामले की जांच शुरू की. जांच के दौरान टीम ने ट्रेन से सूटकेस में रखे अन्य दो जिंदा बम भी बरामद किए. करीब दो साल की कड़ी इन्वेस्टिगेशन के बाद ये मामला पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में पहुंचा. 2011 में एनआईए ने इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.
असीमानंद इस चार्जशीट में मुख्य आरोपी बताया गया. 2014 में सबूतों के अभाव में असीमानंद को जमानत मिल गई. उसके बाद से ये केस लगातार कोर्ट में विचाराधीन रहा है. समझौता एक्सप्रेस ट्रेन धमाका मामले में 7 मार्च को सुनवाई पूरी हो गई है. आज एनआईए कोर्ट 11 मार्च को फैसला सुनाएगी.