पानीपत: बैंक की भाषा में इसे सांकेतिक कब्जा कहा जाता है. अब इन संपत्तियों को विधायक मच्छरौली और उनके भाई विक्रम बेच नहीं सकेंगे. समालखा के विधायक के गांव मच्छरौली स्थित इस कंपनी में उनके भाई विक्रम भी हिस्सेदार हैं.
एक अखबार का दावा ही कि समालखा के विधायक रविन्द्र मछरौली ने बैंक से 20 करोड़ के करीब का कर्ज लिया था. कर्ज नहीं चुकाया तो बैंक ने रविन्द्र की प्रॉपर्टी जप्त कर ली
रविन्द्र मछरौली ने कहा कि अपने वकील से सलाह कर वो उनको बदनाम करने वालो के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. रविन्द्र मछरौली के मुताबिक हल्के की जनता चुनाव में उनके खिलाफ षड्यंत रचने वालो को सबक सिखाएगी.