नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनी ओला छंटनी करने जा रही है. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक भाविश अग्रवाल की ईवी कंपनी अपने कारोबारी फ्रेमवर्क में बदलाव कर रही है. यानी एक बार फिर इसका पुनर्गठन किया जाएगा. इससे कंपनी के अंदर अलग-अलग विभागों के करीब 500 कर्मचारियों को झटका लग सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी मुनाफे को हासिल करने की कोशिश में अपने मार्जिन को बेहतर बनाने के लिए छंटनी का रास्ता अपना रही है. यह ऐसे समय में हो रहा है, जब करीब सात महीने पहले ओला इलेक्ट्रिक की कंपनी ओला कंज्यूमर ने पुनर्गठन योजना तैयार की थी जिसके तहत कम से कम 10 फीसदी कर्मचारियों को झटका लगा. वहीं ओला कैब्स के सीईओ हेमंत बख्शी ने भी कंपनी छोड़ दी थी.
वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में कंपनी का समेकित नेट घाटा 495 करोड़ रुपये रहा. यह पिछले वर्ष की इसी तिमाही में हुए 524 करोड़ रुपये के घाटे की तुलना में 5.53 फीसदी की कमी थी. इसी अवधि में ओला इलेक्ट्रिक का राजस्व 873 करोड़ रुपये से 39.06 फीसदी बढ़कर 1,214 करोड़ रुपये हो गया.
रिपोर्ट के अनुसार, यह मुख्य रूप से डिलीवरी में बढ़ोतरी के कारण हुआ, जो इसी समय अवधि में 56,813 इकाइयों से 73.6 फीसदी बढ़कर 98,619 इकाई हो गई. रिपोर्ट के अनुसार, यह भाविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली कंपनी ने 2022 में किए गए अंतिम पुनर्गठन के बाद से किए गए कई पुनर्गठन अभ्यासों में से एक और होगा.