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पंचकूला में आवारा कुत्तों का खौफ, एक साल में 4 हजार लोगों को काटा, नगर निगम फेल

Stray Dogs in Panchkula: पंचकूला जिले में आवारा कुत्ते लोगों की जान पर आफत बने हुए हैं. पिछले एक साल के दौरान 4 हजार से ज्यादा लोगों को इन कुत्तों ने शिकार बनाया. बच्चे, बड़े, और महिलाओं को कुत्तों ने काटा.

Stray Dogs in Panchkula
Stray Dogs in Panchkula
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 18, 2024, 10:48 PM IST

पंचकूला: जिला पंचकूला के लोग पिछले कई साल से आवारा कुत्तों के खौफ में जी रहे हैं. रास्ते में टहलने वाले कुत्ते लोगों की मुसीबत बने हुए हैं. बड़ी संख्या में लोग इसके शिकार हो रहे हैं. पिछले एक साल की बात करें तो आवारा कुत्तों ने करीब 4 हजार लोगों को काट चुके हैं. यहां तक कि कुत्तों के बुरी तरह काटने से कई बच्चों की जिंदगी भी खतरे में पड़ चुकी है.

पंचकूला के लोगों के लिए आवारा कुत्तों का खतरा हर साल बढ़ता जा रहा है. यही कारण है कि दिसंबर 2018 में पंचकूला के गांव सुखदर्शनपुर में करीब चार करोड़ की लागत से एक कैनल हाउस बनाया गया. यहां कुत्तों की नसबंदी करने के बाद कानून वापस उसी जगह पर छोड़ना होता है, जहां से उन्हें उठाते हैं. चार करोड़ के बने इस कैनल हाउस के बावजूद लोगों की मुसीबत कम नहीं हुई.

गांव सुखदर्शनपुर के कैनल हाउस का ठेका अलग-अलग लोगों को दिया जाता है. टेंडर प्रक्रिया में सस्ती दरों पर सुविधा प्रदान करने का दावा करने वाले व्यक्ति को ठेका अलॉट किया जाता है. वर्तमान समय में भी कुत्तों की नसबंदी का काम गांव सुखदर्शनपुर में एक ठेकेदार को सौंपा गया है. जिला पंचकूला की विभिन्न जगहों से कुत्तों को नसबंदी के लिए पकड़कर गांव सुखदर्शनपुर के कैनल हाउस लाया जाता है. यहां 3 से 5 दिनों में नसबंदी और फिर देखरेख के बाद कुत्तों को वापस पुरानी जगहों पर छोड़ना पड़ता है. नतीजतन लोगों का खतरा कम नहीं हो पाता.

पंचकूला में जून 2023 तक कुत्तों के काटने के मामले.

महीना/2023काटने के मामले
जनवरी411
फरवरी280
मार्च378
अप्रैल359
मई379
जून359


आवारा कुत्तों ने बच्चों, बड़ों समेत महिलाओं को भी काटा है. जून तक के आंकड़े देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे साल में ये आंकड़ा कहां तक पहुंचा होगा. इन आंकड़ो के हिसाब से अंदाजा लगाएं तो हर महीने साढ़े तीन सौ से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा. इसके मुताबिक केवल 6 महीने में 2166 और पूरे साल में मामले होते हैं. प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पंचकूला के जिले को स्मार्ट सिटी बनाने के दावे करते हैं. इसमें नशा मुक्त, प्लास्टिक मुक्त, प्रदूषण मुक्त, स्ट्रे कैटल मुक्त, स्ट्रे डॉग मुक्त, अतिक्रमण मुक्त और स्लम फ्री बनाना शामिल है. इसके बावजूद आवार कुत्तों से लोगों को बचाने का कोई समाधान नहीं हो पाया.

ये भी पढ़ें- आवारा कुत्ते ने काटा तो उसको खाना खिलाने वाली महिला पर पड़ोसी ने कर दिया केस, नौ साल बाद हुआ समझौता

ये भी पढ़ें- आवारा कुत्ते ने युवक पर किया हमला, हमले का खौफनाक मंजर सीसीटीवी में हुआ कैद

ये भी पढ़ें- अगर आवारा कुत्ते ने काटा तो प्रशासन को देना होगा 1 लाख मुआवजा, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का आदेश

पंचकूला: जिला पंचकूला के लोग पिछले कई साल से आवारा कुत्तों के खौफ में जी रहे हैं. रास्ते में टहलने वाले कुत्ते लोगों की मुसीबत बने हुए हैं. बड़ी संख्या में लोग इसके शिकार हो रहे हैं. पिछले एक साल की बात करें तो आवारा कुत्तों ने करीब 4 हजार लोगों को काट चुके हैं. यहां तक कि कुत्तों के बुरी तरह काटने से कई बच्चों की जिंदगी भी खतरे में पड़ चुकी है.

पंचकूला के लोगों के लिए आवारा कुत्तों का खतरा हर साल बढ़ता जा रहा है. यही कारण है कि दिसंबर 2018 में पंचकूला के गांव सुखदर्शनपुर में करीब चार करोड़ की लागत से एक कैनल हाउस बनाया गया. यहां कुत्तों की नसबंदी करने के बाद कानून वापस उसी जगह पर छोड़ना होता है, जहां से उन्हें उठाते हैं. चार करोड़ के बने इस कैनल हाउस के बावजूद लोगों की मुसीबत कम नहीं हुई.

गांव सुखदर्शनपुर के कैनल हाउस का ठेका अलग-अलग लोगों को दिया जाता है. टेंडर प्रक्रिया में सस्ती दरों पर सुविधा प्रदान करने का दावा करने वाले व्यक्ति को ठेका अलॉट किया जाता है. वर्तमान समय में भी कुत्तों की नसबंदी का काम गांव सुखदर्शनपुर में एक ठेकेदार को सौंपा गया है. जिला पंचकूला की विभिन्न जगहों से कुत्तों को नसबंदी के लिए पकड़कर गांव सुखदर्शनपुर के कैनल हाउस लाया जाता है. यहां 3 से 5 दिनों में नसबंदी और फिर देखरेख के बाद कुत्तों को वापस पुरानी जगहों पर छोड़ना पड़ता है. नतीजतन लोगों का खतरा कम नहीं हो पाता.

पंचकूला में जून 2023 तक कुत्तों के काटने के मामले.

महीना/2023काटने के मामले
जनवरी411
फरवरी280
मार्च378
अप्रैल359
मई379
जून359


आवारा कुत्तों ने बच्चों, बड़ों समेत महिलाओं को भी काटा है. जून तक के आंकड़े देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे साल में ये आंकड़ा कहां तक पहुंचा होगा. इन आंकड़ो के हिसाब से अंदाजा लगाएं तो हर महीने साढ़े तीन सौ से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा. इसके मुताबिक केवल 6 महीने में 2166 और पूरे साल में मामले होते हैं. प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पंचकूला के जिले को स्मार्ट सिटी बनाने के दावे करते हैं. इसमें नशा मुक्त, प्लास्टिक मुक्त, प्रदूषण मुक्त, स्ट्रे कैटल मुक्त, स्ट्रे डॉग मुक्त, अतिक्रमण मुक्त और स्लम फ्री बनाना शामिल है. इसके बावजूद आवार कुत्तों से लोगों को बचाने का कोई समाधान नहीं हो पाया.

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