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पलवल में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई: उप कृषि निदेशक - parali burning ban palwal

पलवल जिला उपायुक्त नरेश नरवाल ने जिला सीमा के भीतर फसल अवशेषों को जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. जो भी किसान इसका उल्लंघन करता पाया जाएगा. उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

parali burning ban in palwal district
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Published : Apr 21, 2020, 9:12 PM IST

पलवल: उपायुक्त नरेश नरवाल ने जिला पलवल की सीमा के भीतर फसल अवशेषों को जलाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए है. जो भी किसान फसल अवशेषों को जलाता पाया जाएगा उसके खिलाफ भारतीय दंड सहिता नियमावली 1973 की धारा 144 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

उप कृषि निदेशक डॉ. महावीर सिंह ने बताया कि किसान गेहूं की फसल की कटाई के बाद खेत में बचे अवशेषों (पराली) को जला देते हैं. जिनके जलने से होने वाले प्रदूषण से जनजीवन प्रभावित होता है.

पलवल में फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई

उन्होंने कहा कि इन अवशेषों से पशुओं के लिए भूसा बनाया जा सकता है. इनके जलाने के कारण पशुओं के लिए चारे की कमी हो जाती है और जमीन के मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं. जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति कम होने से फसल की पैदावार पर भी प्रभाव पड़ता है.

उप कृषि निदेशक डॉ. महावीर सिंह ने बताया कि उपायुक्त के आदेशों की अवहेलना करने पर दोषी व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेशों के अंतर्गत जिले में फसल अवशेषों को जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध है. संज्ञान में आया है कि प्रतिबंध होने के वाबजूद भी कुछ किसान गेंहू की कटाई के बाद फसलों के अवशेषों को खेतों में जला रहे हैं. उन्होंने जिला के सभी किसानों से आह्वान किया है कि कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में अपने फसल अवशेषों को न जलाएं.

इसे भी पढ़ें: फरीदाबाद में मूवमेंट पास के लिए दो लाख लोगों ने दिया आवेदन

पलवल: उपायुक्त नरेश नरवाल ने जिला पलवल की सीमा के भीतर फसल अवशेषों को जलाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए है. जो भी किसान फसल अवशेषों को जलाता पाया जाएगा उसके खिलाफ भारतीय दंड सहिता नियमावली 1973 की धारा 144 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

उप कृषि निदेशक डॉ. महावीर सिंह ने बताया कि किसान गेहूं की फसल की कटाई के बाद खेत में बचे अवशेषों (पराली) को जला देते हैं. जिनके जलने से होने वाले प्रदूषण से जनजीवन प्रभावित होता है.

पलवल में फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई

उन्होंने कहा कि इन अवशेषों से पशुओं के लिए भूसा बनाया जा सकता है. इनके जलाने के कारण पशुओं के लिए चारे की कमी हो जाती है और जमीन के मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं. जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति कम होने से फसल की पैदावार पर भी प्रभाव पड़ता है.

उप कृषि निदेशक डॉ. महावीर सिंह ने बताया कि उपायुक्त के आदेशों की अवहेलना करने पर दोषी व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेशों के अंतर्गत जिले में फसल अवशेषों को जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध है. संज्ञान में आया है कि प्रतिबंध होने के वाबजूद भी कुछ किसान गेंहू की कटाई के बाद फसलों के अवशेषों को खेतों में जला रहे हैं. उन्होंने जिला के सभी किसानों से आह्वान किया है कि कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में अपने फसल अवशेषों को न जलाएं.

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