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नूंहः उद्घाटन से पहले ही खंडहर बन गया ये स्टेडियम!

लाखों रुपये की लागत से बनाया गया स्टेडियम देखरेख के आभाव में जर्जर हो चुका है. गौरतलब है कि जिले में बने करीब पांच स्टेडियम उद्घाटन होने से पहले ही खंडहर में तब्दील हो गए.

playground stadium damaged pingwan nuh
देखरेख के अभाव में बदहाल है नूंह के पिनगवां कस्बे का स्टेडियम
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Published : Feb 10, 2020, 7:23 PM IST

नूंह : जिले के पिनगवां कस्बे में बनाया गया खंड स्तरीय स्टेडियम सुविधाओं के अभाव में बदहाल हो गया है. करीब सात एकड़ जमीन पर बना इस स्टेडियम को लेकर पूर्व सरकार द्वारा बड़े-बड़े दावे किए गए लेकिन मेवात जिले के खेल विभाग ने स्टाफ की कमी के चलते इस स्टेडियम को इसके हाल पर छोड़ दिया.

खंडहर में तब्दील हो चुका है स्टेडियम का भवन
लाखों रुपये की लागत से बनाया गया यह स्टेडियम देखरेख के आभाव में जर्जर हो चुका है. गौरतलब यह है कि जिले में बने करीब पांच स्टेडियम उद्घाटन होने से पहले ही खंडहर में तब्दील हो गए. स्टेडियम में उबड़-खाबड़ जमीन, बड़ी-बड़ी जंगली घास और स्टेडियम के मुख्य भवन में पड़े दरार इस स्टेडियम के बदहाली के सुबुत दे रहे हैं.

देखरेख के अभाव में बदहाल है नूंह के पिनगवां कस्बे का स्टेडियम

इसे भी पढे़ं: गुरुग्राम: जर्जर एस्ट्रो टर्फ कर रहा खिलाड़ियों को चोटिल, ऐसे कैसे लाएंगे गोल्ड ?

सुविधा नहीं होने से खिलाड़ी खो रहे हैं अपनी पहचान
क्रिकेट खिलाड़ी आसिफ खान बताते हैं कि सुविधा नहीं होने की वजह से जिले के खिलाड़ी अपनी पहचान खोते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ग्रामीण क्षेत्रों में छुपी खेल प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए इन स्टेडियमों का निर्माण कराया था. लेकिन मेवात जिले के खेल विभाग ने इन स्टेडियमों की तरफ झांकने की भी जहमत नहीं उठाई. जिसके कारण ये स्टेडियम आज बदहाल अवस्था में हैं. उन्होंने कहा कि जिस राज्य के खिलाड़ी पूरे विश्व में अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. ओलंपिक में मेडल जीतकर देश और राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं. उस राज्य में खेलों को लेकर इतनी उदासीनता काफी शर्मसार करने वाला है.

नूंह : जिले के पिनगवां कस्बे में बनाया गया खंड स्तरीय स्टेडियम सुविधाओं के अभाव में बदहाल हो गया है. करीब सात एकड़ जमीन पर बना इस स्टेडियम को लेकर पूर्व सरकार द्वारा बड़े-बड़े दावे किए गए लेकिन मेवात जिले के खेल विभाग ने स्टाफ की कमी के चलते इस स्टेडियम को इसके हाल पर छोड़ दिया.

खंडहर में तब्दील हो चुका है स्टेडियम का भवन
लाखों रुपये की लागत से बनाया गया यह स्टेडियम देखरेख के आभाव में जर्जर हो चुका है. गौरतलब यह है कि जिले में बने करीब पांच स्टेडियम उद्घाटन होने से पहले ही खंडहर में तब्दील हो गए. स्टेडियम में उबड़-खाबड़ जमीन, बड़ी-बड़ी जंगली घास और स्टेडियम के मुख्य भवन में पड़े दरार इस स्टेडियम के बदहाली के सुबुत दे रहे हैं.

देखरेख के अभाव में बदहाल है नूंह के पिनगवां कस्बे का स्टेडियम

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सुविधा नहीं होने से खिलाड़ी खो रहे हैं अपनी पहचान
क्रिकेट खिलाड़ी आसिफ खान बताते हैं कि सुविधा नहीं होने की वजह से जिले के खिलाड़ी अपनी पहचान खोते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ग्रामीण क्षेत्रों में छुपी खेल प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए इन स्टेडियमों का निर्माण कराया था. लेकिन मेवात जिले के खेल विभाग ने इन स्टेडियमों की तरफ झांकने की भी जहमत नहीं उठाई. जिसके कारण ये स्टेडियम आज बदहाल अवस्था में हैं. उन्होंने कहा कि जिस राज्य के खिलाड़ी पूरे विश्व में अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. ओलंपिक में मेडल जीतकर देश और राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं. उस राज्य में खेलों को लेकर इतनी उदासीनता काफी शर्मसार करने वाला है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- सुविधाओं को तरसता स्टेडियम

नूह जिले के पिनगवां कस्बे में बनाया गया खंड स्तरीय स्टेडियम सुविधाओं को तरस रहा है। करीब सात एकड़ भूमि में लाखों रुपये की लागत से पूर्व की सरकार के समय में खिलाड़ियों की सुविधाओं को लेकर बड़े - बड़े दावे किये गए ,लेकिन मेवात जिले के खेल विभाग ने स्टाफ की कमी के चलते जिले में बने करीब पांच स्टेडियम उदघाटन होने से पहले ही खंडहर में तब्दील हो गए। उबड़ -खाबड़ जमीन है। मैदान में घास -फूंस खड़ा है। आज तक कोच स्टेडियम की शक्ल तक नहीं देख पाए हैं। बिजली - पानी का आभाव है। कांच टूटे हुए हैं ,भवन में दरार पडी हुई हैं। खिलाडी सुविधा नहीं होने के कारण स्टेडियम की तरफ झांकते भी नहीं है। Body: खेल व खिलाडी सुविधा नहीं होने के कारण अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। चारदीवारी भी शरारती तत्वों द्वारा गिराई जा रही है। जंगला ,चौखट उखाड़े जा चुके हैं। ये हाल उस हरियाणा प्रदेश के मेवात जिले के खेल स्टेडियम का है ,जिस प्रदेश के खिलाडी मेडल की भरमार से देश की शान बढ़ा रहे हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में छुपी खेल प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए राजीव गांधी खेल परिसर बनाये गए थे। सरकार ने जिस मकसद से इन खेल स्टेडियम को बनाया था , उसमें ये खेल परिसर कतई कामयाब नहीं हुए। मेवात के बच्चे खेल स्टेडियम से ज्यादा खुले मैदान में या सूखे तालाब इत्यादि स्थान पर क्रिकेट , वॉलीवाल इत्यादि खेलते नजर आते हैं। नूह जिले में खंड स्तर पर ये राजीव गांधी खेल परिसर बनाये गए थे। देश में मैडल फैक्टरी के तौर पर पहचान बनाने वाले नूह जिले को आज भी खेल और सुविधाओं की कमी खल रही है। Conclusion:बाइट ;- आशिफ खान
बाइट ;- मोहम्मद जाहिद
बाइट ;- मोहम्मद राहीन

संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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