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हरियाणा में डेंगू के साथ निमोनिया का डबल अटैक, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

हरियाणा के करनाल में डेंगू के साथ अब निमोनिया के केस भी बढ़ने लगे हैं. जानिए क्या है बीमारी के लक्षण और कैसे करें बचाव.

Pneumonia cases in Karnal
डेंगू के साथ बढ़ने लगे निमोनिया के केस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 24, 2024, 7:10 PM IST

करनाल: जिले में डेंगू के साथ-साथ अब निमोनिया ने भी दस्तक दे दी है. सुबह-शाम की बढ़ रही ठंड के कारण बीमारियां बढ़ी है. जिले में डेंगू ग्रस्त मामले भी 400 के पार पहुंच गए हैं. डेंगू के केसों के मामलों में करनाल प्रदेश में दूसरे नम्बर पर पहुंच गया है.

ज्यादातर बच्चों में निमोनिया के लक्षण दिखाई देने लगे है. जिला नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. करनाल जिला सिविल सर्जन ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में काम कर रहे हैं. लोगों को भी जानकारी दी जा रही है. साथ ही लार्वा डिटेक्शन टीम अपना काम कर रही है.

घरेलू उपचार में समय नहीं गंवाएं : डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. नीलम ने बताया कि संक्रमण की बीमारियों में निमोनिया नंबर एक की बीमारी है. इसलिए घरेलू उपचार में समय नहीं गंवाना चाहिए. निमोनिया के लक्षण पहचान कर बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. निमोनिया में बैक्टीरिया श्वास के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और इंफेक्शन करते हैं.

डेंगू के साथ बढ़ने लगे निमोनिया के केस (ETV Bharat)

बच्चों का होता है टीकाकरण : स्वास्थ्य विभाग की ओर से एसएएएनएस अभियान चलाया हुआ है. इसका उद्देश्य है कि बाल निमोनिया के संरक्षण और रोकथाम के लिए हस्तक्षेप पर समुदाय में जागरूकता पैदा करना. इसका स्लोगन है - "निमोनिया नहीं तो बचपन सही". निमोनिया से बचाव के लिए विभाग की ओर से बच्चों का टीकाकरण किया जाता है, जिसमें तीन टीके अलग-अलग समय में लगाए जाते हैं.

निमोनिया के लक्षण:

  • खांसी और जुकाम का बढ़ना.
  • तेजी से सांस लेना.
  • सांस लेते समय पसली चलना या छाती का नीचे धंसना.
  • तेज बुखार आना.

निमोनिया से बचाव के उपाय : रात-दिन के तापमान में गिरावट देखी जा रही है. सुबह-शाम हल्की ठंडी हवाएं शुरू हो गई है. ऐसे में इस समय इसका खतरा बढ़ जाता है. बुखार, सर्दी, जुकाम समेत कई अन्य बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में लेने लगती है. ऐसे में इलाज के साथ-साथ ठंड से बचाव बेहद जरुरी है. बच्चों को सुबह-शाम गर्म कपड़े जरूर पहनाएं. खान-पान में ठंडी चीजों से परहेज रखें. गुनगुने पानी का भी सेवन करते रहें.

डेंगू के लक्षण :

  • आंखों के पीछे तेज़ दर्द होना
  • उल्टी आना
  • मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द

डेंगू से बचने के उपाय :

  • घर के आसपास गंदा पानी जमा ना होने दें क्योंकि इससे मच्छर पनपते हैं
  • घरों की खिड़कियों-दरवाजे पर जाली लगाएं जिससे मच्छर घर में प्रवेश ना करें
  • रात को सोते वक्त मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
  • तेज़ बुखार होने पर फौरन डॉक्टर से परामर्श करें

इसे भी पढ़ें : बिना लाइसेंस चल रहे फर्जी अस्पताल का भंडाफोड़, कई विभागों की टीमों ने की कार्रवाई

इसे भी पढ़ें : बगैर डिग्री कर डाली आंखों की 44 सर्जरी, खुला राज तो कहा- "जल्द मिल जाएगी डिग्री"

करनाल: जिले में डेंगू के साथ-साथ अब निमोनिया ने भी दस्तक दे दी है. सुबह-शाम की बढ़ रही ठंड के कारण बीमारियां बढ़ी है. जिले में डेंगू ग्रस्त मामले भी 400 के पार पहुंच गए हैं. डेंगू के केसों के मामलों में करनाल प्रदेश में दूसरे नम्बर पर पहुंच गया है.

ज्यादातर बच्चों में निमोनिया के लक्षण दिखाई देने लगे है. जिला नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. करनाल जिला सिविल सर्जन ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में काम कर रहे हैं. लोगों को भी जानकारी दी जा रही है. साथ ही लार्वा डिटेक्शन टीम अपना काम कर रही है.

घरेलू उपचार में समय नहीं गंवाएं : डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. नीलम ने बताया कि संक्रमण की बीमारियों में निमोनिया नंबर एक की बीमारी है. इसलिए घरेलू उपचार में समय नहीं गंवाना चाहिए. निमोनिया के लक्षण पहचान कर बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. निमोनिया में बैक्टीरिया श्वास के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और इंफेक्शन करते हैं.

डेंगू के साथ बढ़ने लगे निमोनिया के केस (ETV Bharat)

बच्चों का होता है टीकाकरण : स्वास्थ्य विभाग की ओर से एसएएएनएस अभियान चलाया हुआ है. इसका उद्देश्य है कि बाल निमोनिया के संरक्षण और रोकथाम के लिए हस्तक्षेप पर समुदाय में जागरूकता पैदा करना. इसका स्लोगन है - "निमोनिया नहीं तो बचपन सही". निमोनिया से बचाव के लिए विभाग की ओर से बच्चों का टीकाकरण किया जाता है, जिसमें तीन टीके अलग-अलग समय में लगाए जाते हैं.

निमोनिया के लक्षण:

  • खांसी और जुकाम का बढ़ना.
  • तेजी से सांस लेना.
  • सांस लेते समय पसली चलना या छाती का नीचे धंसना.
  • तेज बुखार आना.

निमोनिया से बचाव के उपाय : रात-दिन के तापमान में गिरावट देखी जा रही है. सुबह-शाम हल्की ठंडी हवाएं शुरू हो गई है. ऐसे में इस समय इसका खतरा बढ़ जाता है. बुखार, सर्दी, जुकाम समेत कई अन्य बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में लेने लगती है. ऐसे में इलाज के साथ-साथ ठंड से बचाव बेहद जरुरी है. बच्चों को सुबह-शाम गर्म कपड़े जरूर पहनाएं. खान-पान में ठंडी चीजों से परहेज रखें. गुनगुने पानी का भी सेवन करते रहें.

डेंगू के लक्षण :

  • आंखों के पीछे तेज़ दर्द होना
  • उल्टी आना
  • मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द

डेंगू से बचने के उपाय :

  • घर के आसपास गंदा पानी जमा ना होने दें क्योंकि इससे मच्छर पनपते हैं
  • घरों की खिड़कियों-दरवाजे पर जाली लगाएं जिससे मच्छर घर में प्रवेश ना करें
  • रात को सोते वक्त मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
  • तेज़ बुखार होने पर फौरन डॉक्टर से परामर्श करें

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