नूंह: आत्मनिर्भर भारत योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. कोरोना काल में इस योजना की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा की गई. एमएसएमई के माध्यम से सर्विस और रिटेल सेक्टर के अलावा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को केंद्र सरकार के दिशा निर्देश पर बैंकों द्वारा लोन दिया गया.
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लीड बैंक मैनेजर आलोक कुमार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि जो यूनिट 29 फरवरी 2020 तक रनिंग थी और डिफाल्टर नहीं थी. जिन पर 50 हजार रुपये तक शरण बकाया था. उनको 20 फीसदी रकम का लोन दिया गया. इस लोन की अदायगी छोटे उद्योगों को 1 साल में करनी है.
एलडीएम आलोक कुमार ने बताया कि इसके अलावा आत्मनिर्भर हरियाणा के नाम से भी राज्य सरकार ने एक पोर्टल की शुरुआत की. जिसके माध्यम से एजुकेशन लोन, मुद्रा लोन, शिक्षा लोन और डीआरआई के लोन 4 फीसदी ब्याज दर पर गरीब लोगों को दिया गया. बैंकों ने आत्मनिर्भर भारत योजना से लोगों की काफी मदद की. तभी जाकर जिले के लगभग सैकड़ों परिवार इस योजना से लाभ उठा कर आत्मनिर्भर हो पाए.
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लीड बैंक मैनेजर आलोक कुमार के मुताबिक अब तक तकरीबन 100 लोगों को इस योजना का लाभ मिल चुका है और बहुत से लोगों की एप्लीकेशन पेंडिंग पड़ी हुई है, उम्मीद है कि जल्द ही उन लोगों को भी एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से लोन की सुविधा मिल पाएगी. इस योजना से जो छोटे उद्योग बंद होने के कगार पर पहुंच गए थे. उनको काफी हद तक सहारा मिला है. न केवल उद्योग चलाने वाले लोग अच्छे से अपना पेट भर पा रहे हैं. बल्कि उस पर काम करने वाले लेबर को रोजगार मिल रहा है.