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महेंद्रगढ़: छिलरो के PHC को मिलेगा NQAS सर्टिफिकेट, ये है इसकी खासियत

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Published : Jun 18, 2019, 11:12 AM IST

महेंद्रगढ़ में जिले में पीएचसी छिलरो को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. भारत सरकार की ओर से पीएचसी छिलरो को एनक्यूएएस सर्टिफिकेट दिया जाएगा. ये मुकाम हासिल करने वाला ये एकमात्र पीएचसी है.

पीएचसी, छिलरो

महेंद्रगढ़: भारत सरकार की टीम ने दो दिन निरीक्षण के बाद निजामपुर क्षेत्र के गांव छिलरो के पीएचसी को 100 में से 89.88 फीसदी अंक दिए हैं. अब ये टीम अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपेगी. इसके बाद पीएचसी को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट जारी होगा. महेंद्रगढ़ जिले में यह एकमात्र पीएचसी है, जिसने यह मुकाम हासिल किया है.

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भारत सरकार देता है NQAS सर्टिफिकेट
भारत सरकार की नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड की ओर से बेहतर स्वास्थ्य केंद्र की छटनी की जाती है. उनकी सेंट्रल टीम की ओर से निरीक्षण कर सर्वोच्च अंक मिलने पर राष्ट्रीय स्तर का क्वालिटी प्रमाण पत्र दिया जाता है. ऐसा होने के बाद भारत सरकार ने भी चिन्हित स्वास्थ्य केंद्रों को अलग से बजट मिलता है.

यह है पीएचसी की खासियत
इस पीएचसी में रोजाना 150 से 200 ओपीडी होती हैं. यानि रोजाना इतने मरीज इलाज के लिए पीएचसी में आ रहे हैं. चिकित्सा अधिकारी शांति पूर्ण माहौल में मरीज की संतुष्टि करके इलाज कर रहे हैं. दंत रोग विशेषज्ञ भी मौजूद है.

पीएचसी में 236 तरह की दवाईयों का स्टॉक मौजूद है. बायो मेडिकल उपकरण मौजूद है. मशीनों की बात करें तो डोपलर, क्रेस कार्ड, रेडियंट वारमर, सैशन मशीन, वैंग मशीन सहित अन्य उपकरण मौजूद हैं. इस पीएचसी में डिलीवरी सेंटर भी है.

सीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि भारत सरकार की ओर से दो सदस्यों की टीम नारनौल आई थी. इस टीम ने दो दिन तक पीएचसी छिलरों का निरीक्षण किया. एसक्यूएएस से जुड़े मापदंड के हिसाब से अंक दिए हैं. उन्होंने बताया कि जिले में यह सर्टिफिकेट हासिल करने वाली यह एकमात्र पीएचसी है.

महेंद्रगढ़: भारत सरकार की टीम ने दो दिन निरीक्षण के बाद निजामपुर क्षेत्र के गांव छिलरो के पीएचसी को 100 में से 89.88 फीसदी अंक दिए हैं. अब ये टीम अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपेगी. इसके बाद पीएचसी को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट जारी होगा. महेंद्रगढ़ जिले में यह एकमात्र पीएचसी है, जिसने यह मुकाम हासिल किया है.

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भारत सरकार देता है NQAS सर्टिफिकेट
भारत सरकार की नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड की ओर से बेहतर स्वास्थ्य केंद्र की छटनी की जाती है. उनकी सेंट्रल टीम की ओर से निरीक्षण कर सर्वोच्च अंक मिलने पर राष्ट्रीय स्तर का क्वालिटी प्रमाण पत्र दिया जाता है. ऐसा होने के बाद भारत सरकार ने भी चिन्हित स्वास्थ्य केंद्रों को अलग से बजट मिलता है.

यह है पीएचसी की खासियत
इस पीएचसी में रोजाना 150 से 200 ओपीडी होती हैं. यानि रोजाना इतने मरीज इलाज के लिए पीएचसी में आ रहे हैं. चिकित्सा अधिकारी शांति पूर्ण माहौल में मरीज की संतुष्टि करके इलाज कर रहे हैं. दंत रोग विशेषज्ञ भी मौजूद है.

पीएचसी में 236 तरह की दवाईयों का स्टॉक मौजूद है. बायो मेडिकल उपकरण मौजूद है. मशीनों की बात करें तो डोपलर, क्रेस कार्ड, रेडियंट वारमर, सैशन मशीन, वैंग मशीन सहित अन्य उपकरण मौजूद हैं. इस पीएचसी में डिलीवरी सेंटर भी है.

सीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि भारत सरकार की ओर से दो सदस्यों की टीम नारनौल आई थी. इस टीम ने दो दिन तक पीएचसी छिलरों का निरीक्षण किया. एसक्यूएएस से जुड़े मापदंड के हिसाब से अंक दिए हैं. उन्होंने बताया कि जिले में यह सर्टिफिकेट हासिल करने वाली यह एकमात्र पीएचसी है.

Intro:सर्वे में पीएचसी छिलरो की 89.88 स्कोरिंग, मिलेगा एनक्यूएएस सर्टिफिकेट

- भारत सरकार से आई टीम ने दो दिन तक किया निरीक्षण, सेंट्रल से मिलेगा अतिरिक्त बजट

-यह सर्टिफिकेट हासिल करने वाली जिला की पहली पीएचसी

-आधुनिक चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ डिलीवरी केंद्र, सीसीटीवी कैमरा व एंबुलेंस गाड़ी भी है उपलब्ध


नारनौल। भारत सरकार की टीम ने दो दिन निरीक्षण के बाद निजामपुर क्षेत्र की पीएचसी छिलरो को 100 में से 89.88 फीसदी अंक दिए है। अब यह टीम अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपेंगी। इसके बाद पीएचसी छिलरो को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट जारी होगा। महेंद्रगढ़ जिला में यह एकमात्र पीएचसी है, जिसने यह मुकाम हासिल किया है। इसके बाद पीएचसी में अतिरिक्त चिकित्सा मुहैया करवाने के लिए बजट भी सेंट्रल से मिलने लगेगा।

भारत सरकार की नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) की ओर से बेहतर स्वास्थ्य केंद्र की छंटनी की जाती है। उनकी सेंट्रल टीम की ओर से निरीक्षण कर सर्वोच्च अंक मिलने पर राष्ट्रीय स्तर का क्वालिटी प्रमाण पत्र दिया जाता है। ऐसा होने के बाद भारत सरकार ने भी चिन्हित स्वास्थ्य केंद्रों को अलग से बजट मिलता है। अभी तक इस नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट के लिए जिला के किसी भी सीएचसी, पीएचसी या जिला स्तर के अस्पतालों ने दावा नहीं किया है। इस सर्टिफिकेट के लिए निजामपुर क्षेत्र में स्थापित पीएचसी छिलरो दावा किया। आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रयासरत इस पीएचसी में हाल ही में सेंट्रल टीम ने दस्तक दी थी। 




Body:दो सदस्यों के दल ने किया निरीक्षण

सेंट्रल से दो सदस्यों की टीम नारनौल पहुंची थी। इसमें डा. रणजीत कलकता व डा. रजनीश बिहार शामिल थे। इस टीम ने पीएचसी छिलरो पहुंचकर मिल रही चिकित्सा सुविधाओं को जाना। वहां आने वाले मरीजों से भी बातचीत की। पीएचसी भवन के हर कोने की जांच की। यह टीम अपने साथ एनक्यूएएस से जुड़े मापदंडों का रिकार्ड भी लेकर आई। उन मापदंडों के हिसाब से क्रमवार दो दिन की मेहनत के बाद नंबर एकत्रित किए। इस टीम ने 100 अंक के मापदंड में से 89.88 फीसदी चिकित्सा सुविधा सही पाई गई। इन अंकों से यह तय हो गया कि पीएचसी छिलरो का एनक्यूएएस सर्टिफिकेट के लिए चयन हो गया है। इस उपलब्धि को हासिल करने में सबसे बड़ा योगदान वहां कार्यरत मेडिकल आफिसर डा. अमित कुमार का रहा। उनकी निरंतर मेहनत और आधुनिक सोच के चलते यह मुकाम हासिल हो पाया है।

यह है पीएचसी की खासियत

इस पीएचसी में रोजाना 150 से 200 ओपीडी होती है। यानि रोजाना इतने मरीज उपचार के लिए पीएचसी में आ रहे है। चिकित्सा अधिकारी शांति पूर्ण माहौल में मरीज की संतुष्टि करके उपचार कर रहे है। दंत रोग विशेषज्ञ भी मौजूद है। करीब-करीब सभी जांच हो रही है। पीएचसी में 236 तरह की दवाईयों का स्टाक मौजूद है। बायो मेडिकल उपकरण मौजूद है। मशीनों की बात करें तो डोपलर, क्रेस कार्ड, रेडियंट वारमर, सैशन मशीन, वैंग मशीन सहित अन्य उपकरण मौजूद है। सबसे बड़ी बात, इस पीएचसी में डिलीवरी सेंटर भी है। बीते माह 3 डिलीवरी करवाई गई है। बेबी केयर भी स्थापित किया हुआ है। वहीं स्टाफ में 1 मेडिकल आफिसर, 1 दंत चिकित्सक, 4 स्टाफ नर्स, 1 फार्मासिस्ट, 1 लैब टैक्निशियन, 1 ईएमटी, 1 एलएचवी, 1 मेल वर्कर, 1 एंबुलेंस गाड़ी, 2 चालक, 2 सिक्योरिटी गार्ड व 2 स्वीपर कार्यरत है। वहीं पीएचसी में सीसीटीवी कैमरा लगे है। वाटर कूलर है। वेस्ट पानी सीधे पेड़-पौधों की जड़ों में जाता है।




Conclusion:सी एम ओ डॉ अशोक कुमार ने बताया कि भारत सरकार की ओर से दो सदस्यों की टीम नारनौल आई थी। इस टीम ने दो दिन तक पीएचसी छिलरो का निरीक्षण किया। एसक्यूएएस से जुड़े मापदंड के हिसाब से अंक दिए है। इस पीएचसी का एसक्यूएएस सर्टिफिकेट के लिए चयन हो गया है। यह टीम अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को देगी। उसके बाद सर्टिफिकेट जारी होगा। जिला में यह सर्टिफिकेट हासिल करने वाली यह एकमात्र पीएचसी है।


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