करनाल: दादूपुर गांव में जुंडला अनाज मंडी के एक आढ़ती की ओर से फर्जी खरीद केंद्र स्थापित करने का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद प्रशासन द्वारा बड़ी कार्रवाई भी की गई है. खंड विकास अधिकारी ने निसिंग की रिपोर्ट के आधार पर थाना सदर पुलिस से शिकायत कर आरोपी आढ़ती के खिलाफ मामला दर्ज कराया है, जबकि मार्केट कमेटी ने आरोपी आढ़ती का लाइसेंस 1 हफ्ते के लिए रद्द कर दिया है.
बता दें कि आरोपी आढ़ती ने दादूपुर गांव में बिना अनुमति के फर्जी खरीद केंद्र बनाकर बड़ी मात्रा में किसान की गेहूं खरीद की गई थी. इस दौरान ना तो वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया था और ना ही माप तोल के नियमों का ध्यान रखा गया. इसके साथ-साथ मार्केट फीस को भी चुना लगाया जा रहा था. इसको लेकर गांव की पंचायत ने आढ़ती के खिलाफ खरीद केंद्र में माप तोल में गड़बड़ी और आपदा प्रबंधन एक्ट की अवहेलना की उपायुक्त से लिखित शिकायत भी की थी.
वहीं इस मामले से जुड़ा एक ऑडियो भी सामने आया है. जिसमें गांव के सरपंच मंडी सुपरवाइजर धर्मवीर से बात कर रहे हैं. इस दौरान सुपरवाइजर अपनी जिम्मेदारी को नकारते हुए कह रहा है कि ये काम तो सारी दुनिया कर रही है अगर सरकार का घाटा हो रहा है तो होने दो हम क्या करें?
मामला संज्ञान में आने के बाद एसडीएम की ओर से निसिंग के खंड विकास अधिकारी सुमित चौधरी को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया. खंड अधिकारी ने प्राप्त तथ्यों और सबूतों के आधार पर ये पाया कि गैरकानूनी तरीके से खरीद केंद्र बनाकर बड़ी मात्रा में गेहूं की खरीद की जा रही थी. अपनी रिपोर्ट में खंड अधिकारी सुमित चौधरी ने आरोपी आढ़ती देवी लाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उसका लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की, लेकिन अब अनाज मंडी के अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं.
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मामले का खुलासा करने वाले ग्रामीण सोहन लाल की माने तो फर्जी खरीद केंद्र बिना प्रशासन और अधिकारियों की मिलीभगत के बनना असंभव है. सोहन लाल ने आरोप लगाया किअधिकारी खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिना मार्केट कमेटी की अनुमति के बिना खरीद केंद्र स्थापित नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन ने गहनता से जांच करने और सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की.