करनाल: नागरिक अस्पताल में हर रोज 40 से 50 मरीज कुत्ते और बंदर के काटने के आते हैं. ऐसे में 12 दिन से एंटी रेबिज के टीके अस्पताल में नहीं है. इस कारण मरीजों को भटकना पड़ रहा है तो वहीं कुछ मरीज प्राइवेट अस्पताल तो कुछ कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में टीका लगवा रहे हैं.
'गलियों से गुजरते हैं तो टांग पकड़ लेते हैं कुत्ते'
शहरवासियों का कहना है कि कुत्तों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. गलियों में कुत्ते बैठे रहते हैं. जब उनके पास से गुजरते हैं तो कुत्ते टांग पकड़ लेते हैं काट लेते हैं. ज्यादातर कुत्ते स्कूल आते जाते समय बच्चों को काटते हैं. उन्होंने कई बार नगर निगम में शिकायत भी की है कि वो कुत्तों की इस समस्या से निजात दिलाए, लेकिन नगर निगम की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला है.
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कुत्ते और बंदर के काटने पर लगते हैं चार टीके
कुत्ते और बंदर के काटने पर पीड़िक को चार टीके लगते हैं. सरकारी अस्पताल में पीड़ित को हर टीके के लिए 100 रुपये की पर्ची कटवानी पड़ती है, लेकिन प्राइवेट अस्पताल में ये टीका तीन गुणा दाम लेकर लगाया जाता है.
वहीं नागरिक हस्पताल के सीएमओ अश्विनी आहूजा ने कहा कि कुछ दिनों पहले ही एंटी रेबिज के टीके समाप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही अस्पताल में टीके मिलने लगेंगे.