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करनाल में कुत्तों का आतंक, हर रोज 40 से 50 लोगों को बना रहे शिकार - karnal dog terror

सिर्फ क्राइम ही नहीं बल्कि कुत्तों के हिंसक हमलों से भी करनाल के लोग पीड़ित है. हर रोज बड़ी संख्या में लोग कुत्तों के हमलों के शिकार हो रहे हैं. इससे भी गंभीर बात ये है कि नागरिक अस्पताल में पिछले 12 दिन से एंटी रेबिज इंजेक्शन ही नहीं है.

करनाल में कुत्तों का आतंक
करनाल में कुत्तों का आतंक
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Published : Jan 18, 2020, 2:56 PM IST

करनाल: नागरिक अस्पताल में हर रोज 40 से 50 मरीज कुत्ते और बंदर के काटने के आते हैं. ऐसे में 12 दिन से एंटी रेबिज के टीके अस्पताल में नहीं है. इस कारण मरीजों को भटकना पड़ रहा है तो वहीं कुछ मरीज प्राइवेट अस्पताल तो कुछ कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में टीका लगवा रहे हैं.

'गलियों से गुजरते हैं तो टांग पकड़ लेते हैं कुत्ते'
शहरवासियों का कहना है कि कुत्तों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. गलियों में कुत्ते बैठे रहते हैं. जब उनके पास से गुजरते हैं तो कुत्ते टांग पकड़ लेते हैं काट लेते हैं. ज्यादातर कुत्ते स्कूल आते जाते समय बच्चों को काटते हैं. उन्होंने कई बार नगर निगम में शिकायत भी की है कि वो कुत्तों की इस समस्या से निजात दिलाए, लेकिन नगर निगम की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला है.

करनाल में कुत्तों का आतंक, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- टैक्सी ड्राइवर से ऑस्ट्रेलिया के काउंसलर तक का सफर, इस हरियाणवी ने ऐसे छुआ ये मुकाम

कुत्ते और बंदर के काटने पर लगते हैं चार टीके
कुत्ते और बंदर के काटने पर पीड़िक को चार टीके लगते हैं. सरकारी अस्पताल में पीड़ित को हर टीके के लिए 100 रुपये की पर्ची कटवानी पड़ती है, लेकिन प्राइवेट अस्पताल में ये टीका तीन गुणा दाम लेकर लगाया जाता है.

वहीं नागरिक हस्पताल के सीएमओ अश्विनी आहूजा ने कहा कि कुछ दिनों पहले ही एंटी रेबिज के टीके समाप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही अस्पताल में टीके मिलने लगेंगे.

करनाल: नागरिक अस्पताल में हर रोज 40 से 50 मरीज कुत्ते और बंदर के काटने के आते हैं. ऐसे में 12 दिन से एंटी रेबिज के टीके अस्पताल में नहीं है. इस कारण मरीजों को भटकना पड़ रहा है तो वहीं कुछ मरीज प्राइवेट अस्पताल तो कुछ कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में टीका लगवा रहे हैं.

'गलियों से गुजरते हैं तो टांग पकड़ लेते हैं कुत्ते'
शहरवासियों का कहना है कि कुत्तों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. गलियों में कुत्ते बैठे रहते हैं. जब उनके पास से गुजरते हैं तो कुत्ते टांग पकड़ लेते हैं काट लेते हैं. ज्यादातर कुत्ते स्कूल आते जाते समय बच्चों को काटते हैं. उन्होंने कई बार नगर निगम में शिकायत भी की है कि वो कुत्तों की इस समस्या से निजात दिलाए, लेकिन नगर निगम की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला है.

करनाल में कुत्तों का आतंक, देखें वीडियो

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कुत्ते और बंदर के काटने पर लगते हैं चार टीके
कुत्ते और बंदर के काटने पर पीड़िक को चार टीके लगते हैं. सरकारी अस्पताल में पीड़ित को हर टीके के लिए 100 रुपये की पर्ची कटवानी पड़ती है, लेकिन प्राइवेट अस्पताल में ये टीका तीन गुणा दाम लेकर लगाया जाता है.

वहीं नागरिक हस्पताल के सीएमओ अश्विनी आहूजा ने कहा कि कुछ दिनों पहले ही एंटी रेबिज के टीके समाप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही अस्पताल में टीके मिलने लगेंगे.

Intro:सिर्फ़ क्राईम ही नहीं, कुत्ताें के हिंसक हमलों से भी पीड़ित है मनोहर नगरी ( सीएम सिटी ) , हर रोज बड़ी संख्या में लोग, ख़ासकर बच्चे हो रहे हैं कुत्तों के हमलों के शिकार ,इससे भी गंभीर बात ये है कि नागरिक अस्पताल में पिछले 12 दिन से एंटी रेबिज इंजेक्शन ही नहीं है। Body:
अस्पताल में मरीज टीका लगवाने के लिये चक्कर काटते रहते हैं, उन्हें प्राइवेट अस्पताल में जाकर टीका लगवाना पड़ रहा है। अब शहर के लोग अधिकारियों से गुहार लगाकर थक गए हैं, ऐसे में वे कुत्तों से से ही रहम की दुआई दे रहे हैं। कुत्ते व बंदर के काटने के आते हैं 40-50 मरीज
नागरिक अस्पताल में हर रोज 40 से 50 मरीज कुत्ते व बंदर के काटने के आते हैं। ऐसे में 12 दिन से एंटी रेबिज के टीके अस्पताल में नहीं है। इस कारण मरीजों को भटकना पड़ रहा है तो वहीं कुछ मरीज प्राइवेट अस्पताल तो कुछ कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में टीका लगवा रहे हैं।Conclusion:गलियों से गुजरते हैं तो टांग पकड़ लेते हैं कुत्ते शहरवासियों का कहना है कि कुत्तों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। गलियों में कुत्ते बैठे रहते हैं। जब उनके पास से गुजरते हैं तो कुत्ते टांग पकड़ लेते हैं काट लेते हैं। ज्यादातर कुत्ते स्कूल आते जाते समय बच्चों को काटते हैं। उन्होंने कई नगर निगम में शिकायत भी की है कि वह कुत्तों की इस समस्या से निजात दिलायें लेकिन नगर निगम की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला ह.
कुत्ते व बंदर के काटने पर लगते हैं चार टीके कुत्ते व बंदर के काटने पर पीडि़त को चार टीके लगते हैं। सरकारी अस्पताल में पीडि़त को हर टीके के लिए 100 रुपए की पर्ची कटवानी पड़ती है लेकिन प्राइवेट अस्पताल में यह टीका तीन गुणा दाम लेकर लगाया जाता है।

वही नागरिक हस्पताल के सीएम ओ अश्वनी आहूजा ने कहा कुछ दिनों से ही एंटी रेबिज के टीके समाप्त हुये हैं जल्द ही टीके हस्पताल में पहुचेगे।

बाईट- रमेश कुमार - आम नागरिक
बाईट - जगदीश - आम नागरिक
बाईट - सीएमओ अश्वनी आहूजा
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