भिवानी: पंजाब के खनोरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है. वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल लगातार आमरण अनशन पर बैठे हैं. जिसके चलते हरियाणा के किसानों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. सोमवार को भिवानी में संयुक्त किसान मोर्चा ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 122वीं जयंती सेमिनार कर जाट धर्मशाला में मनाई और उन्हें किसानों का मसीहा बताया. किसानों की मांगों के लिए जिला उपायुक्त कार्यालय भिवानी के सामने प्रदर्शन करके जिला उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा.
'अपने वादों से पीछे हट रही बीजेपी': संयुक्त किसान मोर्चा व किसान सभा के नेता कामरेड ओमप्रकाश व युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों की अनदेखी कर रही है. उन्होंने अपनी मांगों के लिए 13 महीने आंदोलन किया और केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर को किसानों की मांगें मानी थी. जिसमें एमएसपी की संवैधानिक गारंटी, बिजली निजीकरण बिल वापस लेने व किसान मजदूर को ऋण मुक्त करने की प्रमुख मांग थी.
'किसानों की अनदेखी कर रही सरकार': किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार सहमति देने के बाद भी किसानों की इन मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है. किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि किसानों की मांगें नहीं मानी जाएगी, तो किसान एकजुट होकर लड़ेंगे और केंद्र सरकार को कभी माफ नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि किसान नेता आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार किसानों से बातचीत नहीं कर रही है.
ये भी पढ़ें: हरियाणा में 24 फसलें MSP पर खरीदने की अधिसूचना जारी, चुनाव से पहले CM ने किया था ऐलान
ये भी पढ़ें: कुमारी शैलजा ने सरकार पर लगाए आरोप, बोलीं- 'बीजेपी को संविधान पर नहीं भरोसा, किसानों पर बरपा रही कहर'